Sunday, May 05, 2024
Advertisement

चंद्रयान-3 आज शाम 6.04 बजे चांद पर करेगा लैंड, आखिरी 15 मिनट बेहद खास; जानिए कहां रहेंगे PM मोदी

जैसे ही चंद्रयान-3 मिशन का लैंडर विक्रम चांद की धरती पर कदम रखेगा, भारत पूरी दुनिया के स्पेस पावर के लिए मिसाल बन जाएगा। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन जाएगा।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: August 23, 2023 7:13 IST
pm modi chandrayaan 3- India TV Hindi
Image Source : PTI प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनेंगे

चंद्रयान-3 अब से ठीक 11 घंटे बाद चंद्रमा की सतह पर इतिहास लिखने जा रहा है। आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 मिशन का लैंडर विक्रम चंद्रमा के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। इस पल का दुनिया भर के लोगों को बेसब्री से इंतज़ार है। हर आंख इस मौके की गवाह बनना चाहती है क्योंकि आज भारत चांद पर जो करने जा रहा है वो आज तक दुनिया के सबसे पावरफुल देश भी नहीं कर पाए हैं। भारत आज चांद के उससे हिस्से को पूरी दुनिया को दिखाने जा रहा है जिसे पृथ्वी से देख पाना मुमकिन ही नहीं है।

लैंडिंग के वक्त साउथ अफ्रीका से जुड़ेंगे PM मोदी

इसरो का चंद्रयान-3 आज चांद के साउथ पोल पर लैंड करेगा जो चांद की जमीन का सबसे दुर्गम इलाका है। लेकिन चंद्रयान-3 ने लैंडिंग से पहले ही चांद के इस हिस्से की तस्वीरें भेज कर साबित कर दिया कि उसका लक्ष्य क्या है। इसरो के कमांड सेंटर में बैठे वैज्ञानिक अलर्ट मोड में हैं। उनकी निगाहें चंद्रयान-3 के लैंडर की हर मूवमेंट पर टिकी हुई हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेंगलुरु के कमांड सेंटर से साढ़े 7 हजार किलोमीटर दूर दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग से पल-पल का अपडेट ले रहे हैं। पीएम मोदी इस समय दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर हैं। वह 22 से 24 अगस्त तक दक्षिण अफ्रीका में आयोजित 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। जोहान्सबर्ग से ही वह इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनेंगे और चंद्र यांत्रिकी सफल लैंडिंग को वर्चुअली देखेंगे। इसके साथ ही वह इसरो के मिशन चंद्रयान के नौ रत्न से वर्चुअली बात भी करेंगे।

चंद्रयान की कामयाबी के लिए देश-दुनिया में पूजा-दुआएं
चंद्रयान-3 की कामयाबी का गवाह बनने के लिए देश के कई राज्यो में इतिहास में आज पहली बार शाम में एक घंटे के लिए स्कूल खुलेंगे। देश में चंद्रयान-3 की कामयाबी के लिए दुआओं का दौर भी जारी है। मंदिरों में हवन पूजन हो रहा है, मस्जिदों में दुआएं पढ़ी जा रही है और चर्च में प्रार्थना हो रही है। वहीं दुनियाभर के स्पेस साइंटिस्ट इसरो की इस कामयाबी में भविष्य देख रहे हैं।

chandrayaan 3 ganga aarti

Image Source : PTI
ऋषिकेश में चंद्रयान-3 की कामयाबी के लिए गंगा आरती की गई

टाइम ऑफ टेरर क्यों हैं आखिरी के 15 मिनट?
स्पेस एक्सपर्ट प्रोफेसर आरसी कपूर ने बताया कि चांद पर लैंडिंग के आख़िरी 15 मिनट बेहद अहम होंगे। पहले स्टेप में जब चंद्रयान-3 लैंड करना शुरू करेगा तो उसकी स्पीड 1683 मीटर प्रति सेकेंड की होगी। इसी स्पीड पर उसे 7.4 किलोमीटर की ऊंचाई तक उतारा जाएगा। फिर लैंडर की स्पीड को घटाकर 375 मीटर प्रति सेकेंड किया जाएगा। यहां पर लैंडर विक्रम का ऑल्टिट्यूड होल्ड तय किया जाएगा यानी उसे झुकाया जाएगा। इसके बाद यान को 1300 मीटर की ऊंचाई तक लाया जाएगा। इसी हिसाब से चंद्रमा की सतह तक जाने की स्पीड धीरे धीरे कम होती रहेगी फिर 400 मीटर, फिर 150 मीटर और फिर 50 मीटर तक लाया जाएगा। आख़िर में 10 मीटर पर आने के बाद फाइनल लैंडिंग होगी। फाइनल टचडाउन पर लैंडर की स्पीड 2 मीटर प्रति सेकेंड तक हो जाएगी।

पूरी दुनिया के स्पेस पावर के लिए मिसाल बनेगा भारत
जैसे ही चंद्रयान-3 मिशन का लैंडर विक्रम चांद की धरती पर कदम रखेगा, भारत पूरी दुनिया के स्पेस पावर के लिए मिसाल बन जाएगा। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन जाएगा। इसरो के मुताबिक शाम 5 बजकर 45 मिनट पर चांद पर उतरने की प्रॉसेस शुरू करेगा और ठीक 6 बजकर 4 मिनट पर लैंडर विक्रम, चांद के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। लैंडर के सभी सिस्टम को समय-समय पर चेक किया जा रहा है ये सभी सही तरह से काम कर रहे हैं। लैंडर विक्रम पल-पल का अपडेट इसरो के कमांड सेंटर को दे रहा है। इसरो ने चांद की सबसे लेटेस्ट फोटो भी शेयर की है जो विक्रम ने लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरे की मदद से महज 70 किलोमीटर की ऊंचाई से ली हैं। इस वक्त लैंडर विक्रम चांद की सतह के ऊपर 25 किलोमीटर से 134 किलोमीटर की दूरी पर चक्कर लगा रहा है। विक्रम अपने लिए लैंडिंग की सही जगह की तलाश कर रहा है, वो ऑनबोर्ड लगे सिस्टम के जरिए ली गई फोटो भी चेक कर रहा है।

14 दिनों तक चंद्रमा की सतह पर प्रयोग करेंगे लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर
सॉफ्ट लैंडिंग के बाद लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर अगले 14 दिनों तक चंद्रमा की सतह पर कई प्रयोग करेंगे। यहां से जो नतीजे सामने आएंगे वो चंद्रमा पर मानव जीवन का भविष्य तय करेंगे क्योंकि अब तक जितने भी मून मिशन हुए हैं वो हिस्सा धरती से दिखता है लेकिन भारत साउथ पोल पर उतरकर पूरी दुनिया के लिए चंद्रमा पर जीवन की खोज को दिशा देगा। इसरो के वैज्ञानिकों को पूरी उम्मीद है कि चंद्रयान-3 के लैंडर की इस बार सफल लैंडिंग होगी। 2019 में चंद्रयान-2 की क्रैश लैंडिंग के बाद इसरो की टीम ने चंद्रयान-3 के लिए ऐसी तैयारी की है कि इस बार कोई गलती नहीं होगी।

यह भी पढ़ें-

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement