Monday, April 29, 2024
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'मून वॉक' पर निकले प्रज्ञान रोवर का सोलर पैनल हुआ एक्टिव, सूरज की रोशनी से बैट्री होने लगी चार्ज

अगले 13 दिनों तक प्रज्ञान लैंडर से 500 मीटर दूर तक चांद की सतह पर चलते हुए सारे परीक्षण करेगा और सारी जानकारी लैंडर के जरिए बेंगलुरु में इसरो कमांड सेंटर में बैठे वैज्ञानिकों को मिलेगी।

Reported By : T Raghavan Edited By : Khushbu Rawal Published on: August 24, 2023 10:00 IST
pragyan rover- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर मून वॉक कर रहा है

मिशन चंद्रयान-3 से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। भारत ने चांद पर तो कदम कल ही रख दिये थे अब घूमना फिरना भी शुरू कर दिया है। विक्रम लैंडर से बाहर आकर प्रज्ञान रोवर ने रात साढ़े 12 बजे से ही काम करना शुरू कर दिया है। रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर वॉक कर रहा है। रोवर को धीरे धीरे रैंप के जरिये चांद की सतह पर उतारा गया। सूरज की रोशनी पड़ते ही प्रज्ञान के सोलर पैनल एक्टिव हो गए और बैटरी चार्ज होने लगी। जैसी ही बैटरी चार्ज हुई, प्रज्ञान के साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स ने सिग्नल भेजना शुरू कर दिया।

विक्रम से चांद पर ऐसे उतरा प्रज्ञान रोवर

रोवर प्रज्ञान ने रात 12.30 बजे के बाद से चांद की सतह की स्टडी की शुरुआत की। प्रज्ञान रोवर पर लगे पे लोड यानी साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स लगातार काम करते हुए चांद की सतह की स्टडी कर रहे हैं। लैंडर के दरवाजे खुलने के बाद अब तक लैंडर के अंदर सो रहे प्रज्ञान रोवर को जगाया गया यानी उसे रैंप के सहारे बाहर निकाला गया, इस दौरान उसे लैंडर से एक एंब्लिकल कोर्ड के जरिए बांधा गया था ताकि वो झटके से नहीं बल्कि धीरे धीरे रैम्प से नीचे उतर सके।

रैंप से बाहर कदम रखते ही प्रज्ञान का सोलर पैनल सूरज की रोशनी में एक्टिव हुआ और उसके अंदर लगी बैटरी चार्ज होने लगी। बैटरी चार्ज होते ही प्रज्ञान भी पूरी तरह एक्टिव हो गया, उसके कैमरे ऑन हो गए और साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स ने सिगनल भेजना शुरू कर दिया। सभी उपकरणों की जांच के बाद धीरे-धीरे प्रज्ञान रोवर को चांद की सतह पर उतारा गया और फिर अंब्लिकल कार्ड को काट दिया गया इस तरह प्रज्ञान रोवर ने चांद की सतह पर कदम रखा।

प्रज्ञान रोवर से वैज्ञानिकों को मिल रही सूचनाएं
अगले 13 दिनों तक प्रज्ञान लैंडर से 500 मीटर दूर तक चांद की सतह पर चलते हुए सारे परीक्षण करेगा और सारी जानकारी लैंडर के जरिए बेंगलुरु में इसरो कमांड सेंटर में बैठे वैज्ञानिकों को मिलेगी। इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड सेंटर में बैठे वैज्ञानिकों को प्रज्ञान रोवर से सूचनाएं मिलने लग गई हैं और वैज्ञानिकों की टीम इन सूचनाओं को डिकोड करने में लगी हुई हैं।

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Image Source : PTI
चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर देशभर में जश्न मनाया गया

चांद की धरती पर भारत ने लिखा भविष्य
चंद्रयान-3 मिशन की कामयाबी ने भारत के स्पेस मिशन में नई जान डाल दी है। भारत आने वाले वक्त में अतंरिक्ष में कई ऐसे मिशन लॉन्च करने जा रहा है जो पूरी दुनिया के लिए मिसाल होगा। इनमें इसरो का सूर्य के लिए मिशन आदित्य एल-1 सबसे अहम है।

  • इस मिशन का लक्ष्य सूर्य की ताकत का पता लगाना है।
  • आदित्य एल-1 को जहां तैनात किया जाएगा वो दूरी पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर है।
  • आदित्य एल-1 LMV M-3 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा।
  • ये अंडाकार कक्षा में चक्कर लगाते हुए सूर्य की दिशा में आगे बढ़ेगा।
  • 378 करोड़ रुपये लागत के आदित्य एल-1 को इसरो अगले महीने लॉन्च कर सकता है।

चंद्रयान-3 की कामयाबी से खुश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के आने वाले कुछ मिशन के बारे में भी देश को बता दिया। ये वो मिशन हैं जो स्पेस और टेक्नोलॉजी में भारत को पूरी दुनिया में सर्वेश्रेष्ठ बनाएंगे।

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