Monday, April 29, 2024
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ज्ञानवापी परिसर में कल सुबह शुरू होगा सर्वे, आज रात वाराणसी पहुंच जाएगी ASI की टीम

ज्ञानवापी परिसर में कल सुबह सात बजे से एएसआई की टीम सर्वे का काम शुरू कर देगी। आज रात टीम वाराणसी पहुंच जाएगी।

Reported By : Ruchi Kumar Edited By : Niraj Kumar Updated on: August 03, 2023 14:59 IST
ज्ञानवापी परिसर- India TV Hindi
Image Source : PTI ज्ञानवापी परिसर

वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में कल सुबह 7 बजे से एएसआई की टीम सर्वे का काम शुरू कर देगी। दिल्ली में एएसआई की मीटिंग में यह फैसला लिया गया है। आज रात एएसआई की टीम वाराणसी पहुंच जाएगी। इलहाबाद हाईकोर्ट ने आज एएसआई सर्वे को लेकर अपना फैसला सुनाया और अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी। अंजुमन इंतेजामिया कमेटी ने वाराणसी की जिला अदालत के 21 जुलाई के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। 

सर्वे के लिए किसी तरह की खुदाई नहीं-कोर्ट

हाईकोर्ट ने सर्वेक्षण का आदेश पारित करते हुए कहा कि एएसआई के इस आश्वासन पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है कि ढांचा क्षतिग्रस्त नहीं होगा, लेकिन उसने साथ ही कहा कि सर्वेक्षण के लिए किसी तरह की खुदाई नहीं का जानी चाहिए। इससे पूर्व, 27 जुलाई को सुनवाई के दौरान एएसआई के अपर निदेशक आलोक त्रिपाठी ने अदालत को बताया था कि एएसआई ढांचे की खुदाई नहीं करेगा। 

मलबा हटाने के लिए उपकरण लेकर गए-एएसआई

मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता एसएफए नकवी ने कहा था, ‘‘हमने खुदाई के विभिन्न उपकरणों के फोटोग्राफ संलग्न किए हैं जिन्हें एएसआई की टीम मस्जिद परिसर लेकर पहुंची थी। यह दिखाता है कि उनका इरादा खुदाई करने का था।” इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि यद्यपि वे अपने साथ उपकरण ले गए, लेकिन इससे नहीं लगता कि उनका इरादा खुदाई करने का है। इसके बाद एएसआई के अपर निदेशक आलोक त्रिपाठी ने स्पष्ट किया था कि चूंकि टीम पहली बार मस्जिद वाले स्थान पर गई थी, इसलिए वे अपने साथ कुछ उपकरण लेकर गए, लेकिन खुदाई के लिए नहीं, बल्कि स्थल से मलबा हटाने के लिए। 

जिला अदालत का आदेश उचित-हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने कहा कि विवादित परिसर के सर्वेक्षण को लेकर जिला अदालत का आदेश उचित है और इस अदालत द्वारा किसी तरह का हस्तक्षेप वांछित नहीं है। सर्वेक्षण पर पूर्व में लगी रोक हटाई जाती है और एएसआई अब सर्वेक्षण का काम शुरू कर सकता है। हाईकोर्ट का निर्णय आने के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने संवाददाताओं को बताया कि अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट  ने कहा है कि उसके इस निर्णय के साथ जिला अदालत का सर्वेक्षण का आदेश तत्काल प्रभावी हो गया है। 

जिला अदालत का फैसला तत्काल प्रभाव से लागू 

जैन ने इसे ‘‘बहुत महत्वपूर्ण निर्णय’’ बताते हुए कहा कि अंजुमन इंतेजामिया कमेटी ने दलील दी थी कि इस सर्वेक्षण से ढांचा प्रभावित होगा, लेकिन अदालत ने उन सारी दलीलों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व अंजुमन इंतेजामिया कमेटी की दलील थी कि उसे हाईकोर्ट जाने का मौका नहीं मिला, इसलिए अदालत ने उसकी दलीलों पर सुनवाई की। जैन ने कहा कि हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर जिला अदालत का फैसला तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। इससे पूर्व, मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 27 जुलाई को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। उन्होंने निर्णय आने तक एएसआई के सर्वेक्षण पर रोक लगा दी थी। मस्जिद का वह वजूखाना जहां कथित तौर पर शिवलिंग होने के दावे किए जा रहे हैं, इस सर्वेक्षण का हिस्सा नहीं होगा क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने परिसर में उस जगह को संरक्षित करने का आदेश पूर्व में दिया था। (इनपुट-भाषा)

 

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