Friday, April 26, 2024
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In-Space: भारत में निजी क्षेत्र के अंतरिक्ष प्रक्षेपण की होगी शुरुआत, In-Space ने दी दो स्पेस स्टार्टअप को मंजूरी

In-Space: इन-स्पेस के अध्यक्ष पवन कुमार गोयनका ने कहा, 'इन-स्पेस द्वारा पहले दो प्रक्षेपण को मंजूरी देना एक मील का पत्थर है। इससे भारत में निजी क्षेत्र द्वारा अंतरिक्ष प्रक्षेपण की शुरुआत होगी।'

Shashi Rai Edited By: Shashi Rai @km_shashi
Updated on: December 16, 2022 8:16 IST
Private sector space launch will start in India, In-Space approves two space startups- India TV Hindi
Image Source : PTI/FILE Private sector space launch will start in India, In-Space approves two space startups

Highlights

  • भारत में निजी क्षेत्र के अंतरिक्ष प्रक्षेपण की होगी शुरुआत
  • In-Space ने दी दो स्पेस स्टार्टअप को मंजूरी

In-Space: भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) ने निजी कंपनियों को मंजूरी देना शुरू कर दिया है, जिससे देश में निजी क्षेत्र द्वारा अंतरिक्ष प्रक्षेपण की शुरुआत हो सकेगी। इन-स्पेस एक स्वायत्त सिंगल विंडो नोडल एजेंसी है, जिसे भारत में गैर-सरकारी निजी उद्योगों (एनजीपीई) की अंतरिक्ष गतिविधियों को बढ़ावा देने, उन्हें अधिकृत करने और उन पर नजर रखने के लिए गठित किया गया है। इन-स्पेस ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि ध्रुव स्पेस प्राइवेट लिमिटेड (हैदराबाद) और दिगांतरा रिसर्च एंड टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (बेंगलुरु) को 24 जून को इन-स्पेस ने अपने पेलोड प्रक्षेपित करने की मंजूरी दी है। 

इन-स्पेस के अध्यक्ष पवन कुमार गोयनका ने क्या कहा?

बयान के मुताबिक, ध्रुव स्पेस के प्रौद्योगिकी प्रदर्शन पेलोड 'ध्रुव स्पेस सैटेलाइट ऑर्बिटल डिप्लॉयर' (डीएसओडी1यू) और दिगांतरा के प्रोटॉन डोजीमीटर पेलोड 'रोबस्ट इंटीग्रेटिंग प्रोटॉन फ्लुएंस मीटर' (रोबी) को प्रक्षेपण के लिए अधिकृत किया गया है। बयान के अनुसार, इन पेलोड को पीएसएलवी-सी53 के पीएसएलवी ऑर्बिटल एक्सपेरीमेंटल मॉड्यूल (पीओईएम) से 30 जून को प्रक्षेपित किया जाना है। इन-स्पेस के अध्यक्ष पवन कुमार गोयनका ने कहा, 'इन-स्पेस द्वारा पहले दो प्रक्षेपण को मंजूरी देना एक मील का पत्थर है। इससे भारत में निजी क्षेत्र द्वारा अंतरिक्ष प्रक्षेपण की शुरुआत होगी।'

पीएसएलवी-सी53 इसरो का 55वां मिशन है

ध्रुव स्पेस एक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी स्टार्टअप है, जिसका मकसद फुल-स्टैक स्पेस इंजीनियरिंग समाधानों का निर्माण करना है और जो ऐप्लीकेशन-एग्नोस्टिक सैटेलाइट प्लेटफॉर्म के निर्माण में जुटा हुआ है। वहीं, दिगांतरा रिसर्च एंड टेक्नोलॉजीज अपने स्पेस सिचुएशनल अवेयरनेस सेंसर नेटवर्क, प्लेटफॉर्म और डेटा उत्पादों के माध्यम से सुरक्षित एवं टिकाऊ अंतरिक्ष संचालन पर केंद्रित एंड-टू-एंड समाधानों का विकास कर रही है। गौरतलब है कि पीएसएलवी-सी53 इसरो का 55वां मिशन है, जिसे 30 जून को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भारतीय समयानुसार शाम छह बजे प्रक्षेपित किया जाना है। 

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