Tuesday, April 30, 2024
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Kerala News: केरल के वायनाड में ‘अफ्रीकी स्वाइन बुखार’ ने दी दस्तक, सरकार मारेगी 300 सूअर

Kerala News: केरल के वायनाड जिले के मानन्थावाद्य स्थित दो पशुपालन केंद्रों में ‘अफ्रीकी स्वाइन बुखार’ (ASF) के मामले सामने आए हैं। अधिकारियों ने बताया कि भोपाल स्थित 'नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज' में नमूनों की जांच के बाद इस बीमारी की पुष्टि हुई।

Akash Mishra Edited By: Akash Mishra
Published on: July 22, 2022 20:37 IST
Representational Image- India TV Hindi
Image Source : AP Representational Image

Highlights

  • पशुपालन मंत्री ने की राज्य में ‘अफ्रीकी स्वाइन बुखार’ के संक्रमण की पुष्टि
  • मामले वायनाड जिले के मानन्थावाद्य स्थित दो पशुपालन केंद्रों में आए हैं
  • एक केंद्र में कई सूअरों की मौत के बाद नमूने जांच के लिए भेजे गए थे

Kerala News: अफ्रीकन स्वाइन फीवर (African Swine Fever) एक अत्यधिक संक्रामक और घातक पशु रोग है, जो घरेलू तथा जंगली सूअरों को संक्रमित करता है। इसके संक्रमण से सूअर एक प्रकार के तेज रक्त बहाव वाले बुखार (Hemorrhagic Fever) से पीड़ित होते हैं। केरल के वायनाड में शुक्रवार को दो फार्म में ‘अफ्रीकी स्वाइन बुखार’ के हाने का मामला सामने आया है। केरल में इसकी सूचना मिलते ही कुछ घंटों बाद जिला अधिकारियों ने कम से कम 300 सूअर मारने के लिए कदम उठाए। भोपाल के 'नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज' में नमूनों की जांच के बाद इसकी पुष्टि हुई। राज्य में ‘अफ्रीकी स्वाइन बुखार’ के मामले होने और संक्रमण की पुष्टि खुद केरल के पशुपालन मंत्री जे चिंचू रानी ने की। 

दो पशुपालन केंद्रों में मामले सामने आए हैं

मंत्री ने सूअर फार्म को स्वाइन बुखार से संबंधित कार्ययोजना के तहत बायोसेफ्टी और वेस्ट डिस्पोजल सिस्टम को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया। केरल के वायनाड जिले के मानन्थावाद्य स्थित दो पशुपालन केंद्रों में ‘अफ्रीकी स्वाइन बुखार’ (ASF) के मामले सामने आए हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि भोपाल स्थित 'नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज' में नमूनों की जांच के बाद जिले के दो पशुपालन केंद्र के कई सूअरों में इस बीमारी की पुष्टि हुई। पशुपालन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि एक केंद्र में कई सूअरों की मौत के बाद नमूने जांच के लिए भेजे गए थे। अधिकारी ने कहा, ‘‘अब उसके परिणाम में इस बुखार की पुष्टि हुई है। दूसरे केंद्र में 300 सूअर को मारने के निर्देश दिए गए हैं।’’ 

वर्ष 1921 में केन्या में मिला था पहला केस 

पशुपालन विभाग ने कहा कि इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य ने इस महीने की शुरुआत में केंद्र सरकार के आगाह करने के बाद बायोसेफ्टी उपायों को कड़ा कर दिया था। केंद्र सरकार ने बताया था कि बिहार और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में ‘अफ्रीकी स्वाइन बुखार’ के मामले सामने आए हैं। ‘अफ्रीकी स्वाइन बुखार’ बेहद संक्रामक और घातक बीमारी है। इस बीमारी का सबसे पहला केस वर्ष 1921 में केन्या में मिला था। इसके थोड़े ही दिन बाद यह बीमारी दक्षिण अफ्रीका और अंगोला में पाई गई, जिससे कई सूअर की मौत हो गई। 

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