Saturday, December 14, 2024
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Rajat Sharma's Blog: अमेठी पर रॉबर्ट वाड्रा की नजर, वायनाड में राहुल के लिए आसान वॉकओवर नहीं

रॉबर्ट वाड्रा ने खुलासा किया कि परिवार में इस मुद्दे पर बात हो रही है कि प्रियंका और उनमें से किसको चुनाव लड़ाया जाए। उन्होंने कहा है कि बस कुछ दिनों में पता चल जाएगा कि वो राजनीति में कैसे और किस रूप में एंट्री करेंगे।

Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : Apr 04, 2024 18:30 IST, Updated : Apr 04, 2024 18:30 IST
इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

रॉबर्ट वाड्रा ने भी खुलकर कह दिया है कि वह चुनाव लड़ना चाहते है, वह सांसद बनना चाहते हैं, वह सासंद बनकर स्मृति ईरानी को जवाब देना चाहते हैं। इंडिया टीवी के संवाददाता दिनेश मोर्य को दिए एक खास इंटरव्यू में रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि अमेठी और रायबरेली के लोग चाहते हैं कि वो वहां से चुनाव लड़ें। वह गांधी-नेहरू परिवार के सदस्य हैं इसलिए लोगों की अपेक्षाएं उनसे हैं। रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि उन्होंने अमेठी में बहुत काम किया है, वहां के लोगों की बहुत मदद की है। उन्हें पूरा भरोसा है कि अगर उन्हें टिकट मिला तो जरूर जीतेंगे। रॉबर्ट वाड्रा का कहना है कि उन्होंने अपनी इच्छा सोनिया गांधी और राहुल गांधी को बता दी है, अब फैसला पार्टी हाई कमान को करना है। अभी रायबरेली और अमेठी पर फैसला नहीं हुआ है, परिवार में बात हो रही है, गुरुवार को फिर सोनिया गांधी से मुलाकात होगी, बात होगी, सब कुछ जल्दी ही फाइनल हो जाएगा। ये सही है कि अमेठी और ऱायबरेली से कांग्रेस ने उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं किया है। राहुल गांधी अमेठी से लड़ेंगे या नहीं, अभी तक ये तय नहीं हैं। रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि वह मुरादाबाद के रहने वाले हैं, इसलिए मुरादाबाद के लोग चाहते हैं कि वह वहां से लड़ें, लेकिन अमेठी रायबरेली उनके लिए खास है, वहां उन्होंने बहुत काम किया है रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि स्मृति ईरानी संसद में उनकी फोटो दिखाकर उन पर झूठे इल्जाम लगाती हैं, वह संसद में ही इसका जवाब देना चाहते हैं। रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि स्मृति ईरानी को वोट देकर अमेठी के लोगों ने गलती की, अमेठी के लोगों को इस गलती का एहसास है, इस बार गलती नहीं होगी, वहां कांग्रेस जरूर जीतेगी।

रॉबर्ट वाड्रा ने खुलासा किया कि परिवार में इस मुद्दे पर बात हो रही है कि प्रियंका और उनमें से किसको चुनाव लड़ाया जाए। हालांकि, उन्होंने खुद ही ये भी कह दिया कि प्रियंका गांधी की दिलचस्पी फिलहाल चुनाव लड़ने से ज्यादा कांग्रेस के प्रचार पर है। रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि कुछ दिन की बात है, उसके बाद पता चल जाएगा कि वो राजनीति में कैसे और किस रूप में एंट्री करेंगे। ये कोई पहला मौका नहीं है जब रॉबर्ट वाड्रा ने चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है। वह कई बार अपने परिवार में ये बात रख चुके हैं, अनेक बार मीडिया के जरिए पार्टी को भी ये बता चुके हैं, लेकिन इस बार मामला थोड़ा गंभीर लगता है। रॉबर्ट समझते हैं कि राहुल अमेठी से नहीं लड़ेंगे, एक बार हारने के बाद उनका अहम उन्हें इजाजत नहीं देगा, रायबरेली की सीट भी खाली है, सोनिया गांधी चुनाव नहीं लड़ पाएंगी। इसीलिए रॉबर्ट को लगा कि इस बार परिवार की दो-दो सीटें खाली पड़ी हैं, लड़ने की इच्छा रखने वाले वह अकेले हैं। अगर प्रियंका चाहें तो रायबरेली से लड़ सकती हैं। इसीलिए रॉबर्ट वाड्रा ने अमेठी से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की और ये बात सार्वजनिक तौर पर बता दी कि उन्होंने सोनिया और राहुल से कह दिया है। मुश्किल ये है कि रॉबर्ट वाड्रा की परिवार में इतनी भी नहीं चलती कि वो टिकट मांगे और उन्हें मिल जाए। ये मामला ऐसा है जिसमें दामाद होना भी ज्यादा काम नहीं आएगा। फैसला सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को मिलकर करना है और प्रियंका, राहुल फिलहाल वायनाड में हैं।

वायनाड में राहुल

बुधवार को राहुल गांधी ने वायनाड से नामांकन पत्र दाखिल किया। बहन प्रियंका गांधी भी राहुल के साथ थी लेकिन प्रियंका  खुद चुनाव लड़ेंगी या नहीं, इसका फैसला भी नहीं हुआ है। पर्चा भरने से पहले राहुल गांधी ने बड़ा रोड शो किया। कांग्रेस ने वायनाड में अपनी ताकत दिखाई, रोड शो में जबरदस्त भीड़ उमड़ी। वायनाड में राहुल के सारे प्रोग्राम का इंतजाम कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने किया था। वायनाड में राहुल ने नरेन्द्र मोदी, बीजेपी, आरएसएस के साथ साथ वाम मोर्चा को भी कोसा। राहुल ने कहा कि उन्होंने तो वायनाड को अपना परिवार माना लेकिन यहां की समस्याएं दूर नहीं कर पाए क्योंकि केरल की वाम मोर्चा सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी। राहुल ने वादा किया कि जब केंद्र और राज्य में कांग्रेस की सरकार बनेगी तो वो वायनाड के सारे मुद्दे हल कर देंगे। केरल में 26 अप्रैल को वोटिंग होगी। वायनाड में इस बार राहुल गांधी का मुकाबला CPI की एनी राजा और केरल में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन से है। सुरेंद्रन ने गुरुवार को नामांकन पत्र दाखिल किया। CPI की एनी राजा ने बुधवार को ही पर्चा भर दिया। एनी राजा हजारों कार्यकर्ताओं के साथ पैदल चलकर कलक्टक के दफ्तर में पहुंची। एनी राजा ने कहा कि राहुल गांधी वायनाड के लोगों के लिए बाहरी हैं, उनकी भाषा नहीं जानते, उनके मुद्दों को नहीं समझते, पिछले 5 साल में संसद में राहुल ने एक बार भी वायनाड की बात नहीं की। एनी राजा ने कहा कि पिछली बार लोगों ने राहुल को वोट इसलिए दे दिया था क्योंकि ये भ्रम फैलाया गया था कि कांग्रेस जीत रही है और राहुल देश के प्रधानमंत्री बनेंगे, अब वायनाड के लोगों को हकीकत समझ में आ गई है। एनी राजा सीपीआई के महासचिव डी. राजा की पत्नी हैं। CPI मोदी विरोधी मोर्चे का हिस्सा है लेकिन CPI ने वायनाड में राहुल गांधी के खिलाफ उम्मीदवार उतार दिया। एनी राजा की सामाजिक कार्य़कर्ता के तौर पर मान भी है, लेफ्ट का वोट बैंक भी है। बीजेपी भी वायनाड में पूरी ताकत से चुनाव लड़ रही है, इसलिए राहुल को दिक्कत हो सकती है। राहुल गांधी को पिछले चुनाव में वायनाड में 65 परसेंट वोट मिले थे, जबकि लेफ्ट को 24 परसेंट। अंतर तो बहुत था, इसलिए कांग्रेस के लोग दावा कर सकते हैं कि राहुल गांधी आसानी से जीत जाएंगे लेकिन CPI की उम्मीदवार राहुल गांधी के बारे में क्या कहती हैं ये बहुत दिलचस्प हैं। एनी राजा पूछ रही हैं कि राहुल ने इस क्षेत्र के लिए क्या किया? राहुल ने तो संसद में एक बार भी वायनाड का नाम नहीं लिया। एनी राजा ये भी कह रही हैं कि यहां के लोग कहते हैं कि वो राहुल गांधी से बिना दुभाषिए के बात भी नहीं कर सकते। ऐसा MP किस काम का?  वैसे भी केरल में 2019 से 2024 तक बहुत कुछ बदल गया है। RSS के कार्यकर्ताओं की हत्या को बीजेपी ने बड़ा मुद्दा बनाया, इसके खिलाफ संघर्ष किया, जमीन पर RSS ने बहुत काम किया, बीजेपी का नेटवर्क भी केरल के हर जिले तक पहुंच गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव प्रचार की शुरूआत केरल में ही रोड शो करके की थी। अब पीएम मोदी की सभाएं भी होंगी। इसलिए राहुल को आसानी से वॉकओवर तो नहीं मिलेगा। कांग्रेस को इस बात का फायदा जरूर मिल सकता है कि वायनाड में पचास परसेंट से ज्यादा मुस्लिम आबादी है। SDPI ने भी इस बार कांग्रेस को सपोर्ट करने का एलान किया है, इसलिए कांग्रेस के नेताओं में आत्मविश्वास है। लेकिन बीजेपी अब SDPI के सपोर्ट को भी मुद्दा बना रही है क्योंकि SDPI  को PFI (People’s Front of India) का पॉलिटिकल विंग कहा जाता है और PFI पर जिहादी आतंकवादी गतिविधियों के कारण बैन लगाया गया है।

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 03 अप्रैल, 2024 का पूरा एपिसोड

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