Saturday, April 27, 2024
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ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने क्यों कहा 'मोदी इज़ द बॉस'? आप की अदालत में एस जयशंकर ने बताया

आप की अदालत में केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शिरकत की। इस दौरान उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री "मोदी इज द बॉस" वाले बयान पर भी जवाब दिया। एस जयशंकर ने कहा कि मोदी जी अपने डायलॉग को एक किस्म से रेडिएट करते हैं।

Swayam Prakash Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Updated on: September 16, 2023 22:49 IST
S Jaishankar- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV आप की अदालत में एस जयशंकर

देश के सबसे चहेते टीवी शो आप की अदालत में केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शिरकत की। इस दौरान उन्होंने कई अहम और रोचक सवालों के जवाब दिए।  इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत की विदेश नीति और राहुल गांधी को लेकर कई सारे सवालों का बेबाकी से जवाब दिया। इस दौरान रजत शर्मा ने विदेश मंत्री से पूछा कि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने कहा- मोदी इज़ द बॉस। तो मोदी जी ने क्या डायलॉग मारा होगा जो उन्होंने कह दिया कि मोदी इज़ द बॉस?

"इस डायलॉग को रेडिएट करते हैं मोदी जी"

इस सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, "डायलॉग नहीं मारा, मोदी जी अपने डायलॉग को एक किस्म से रेडिएट करते हैं, जब वो आते हैं, आपको नहीं लगता कि He is the boss (वह बॉस हैं)?" ये पूछे जाने पर कि राजघाट में महात्मा गांधी की समाधि पर जी-20 देशों के नेताओं को ले जाने का आइडिया किसका था, जयशंकर का जवाब था कि ये आइडिया तो प्रधानमंत्री मोदी का ही था। विदेश मंत्री ने कहा,"ये मोदी जी का आईडिया था, क्योंकि गांधी जी एक तरह से दुनिया के सबसे आइकॉनिक फिगर हैं, तो जब ये नेता भारत आये तो तय हुआ कि सब लोग श्रद्धांजलि देने वहां जाएं। मुझे लगा ये बहुत ही नेचुरल चीज़ है और उनको भी लगा और मैं कहूंगा कि बहुत से लोगों ने इसकी बहुत सराहना की... खुद वहां जाकर इमोशनल फील हुआ। जी-20 के तीसरे सेशन में बहुत से नेताओं ने इसका जिक्र किया।"

चीन क्यों बार बार सीमा पर शरारत करता है?
आप की अदालत में विदेश मंत्री एस जयशंकर से ये पूछे जाने पर कि चीन क्यों बार बार सीमा पर शरारत करता है? विदेश मंत्री ने कहा, "ऐसा है कि हमारे आपस में सीमा को लेकर विवाद हैं, पर मेरे लिए जो चिंता का विषय है। मैं कहूंगा कि मैं सोचता हूं कि कहीं इसमें रणनीति भी है कि जब समझौते हो चुके थे 1993 और 1996 में तो उन समझौतों के तहत चीन को सीमा के पास अपनी सेना की तैनाती नहीं करना चाहिए था। और अगर उन्होंने जानबूझ कर इनका उल्लंघन किया और ये जानबूझ कर किया। क्योंकि गलतियां अगर होती हैं तो सौ या ज्यादा से ज्यादा 1000 बार होती हैं, लेकिन 10 हजार गलतियां नहीं हो सकतीं। इसके पीछे कोई प्लान होता है, कोई आर्डर होता है। तो जब उन्होंने इसका उल्लंघन किया उसका मतलब है कि उनके मन में कहीं कोई दबाव डालने का था और दबाव का उत्तर यही है कि हमें उसका मुकाबला करना है।"

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