Thursday, April 25, 2024
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अमेरिका का दूल्हा-केरल की दुल्हन, इजराइल से बुलाए रब्बी, 15 साल बाद पारंपरिक यहूदी शादी का गवाह बना राज्य; VIDEO

केरल यहूदी 2,000 साल से भी पहले राजा सोलोमन के समय में आए थे। राज्य में यहूदी समुदाय के अब कुछ ही परिवार हैं। इजराइल के बनने के बाद केरल से बड़ी संख्या में यहूदी इजराइल चले गए थे।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: May 22, 2023 10:40 IST
jewish wedding - India TV Hindi
Image Source : TWITTER- ANI केरल में 15 साल बाद हुआ यहूदी विवाह

कोच्चि: केरल रविवार को एक स्पेशल शादी का गवाह बना। यहां 15 साल के अंतराल के बाद यहूदी रीति-रिवाजों और पारंपरिक तरीके से कोई विवाह समारोह आयोजित किया गया। अमेरिका में डेटा वैज्ञानिक एवं अपराध शाखा में पूर्व पुलिस अधीक्षक बेनोय मलखाई की बेटी रशेल मलखाई ने अमेरिकी नागरिक एवं अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी NASA के इंजीनियर रिचर्ड जाचरी रोवे से शादी की। कोच्चि के एक निजी रिसॉर्ट में रविवार को इस विवाह समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें विवाह करने वाले जोड़े के परिवार, मित्र और समुदाय के अन्य सदस्य शामिल हुए।

दूल्हे ने रस्म के दौरान ‘तल्लित’ नाम के एक पारंपरिक शॉल पहनी थी, जबकि दुल्हन ने साड़ी पहनी। यहूदी समुदाय के जोड़े ने भारतीय संस्कृति के हिसाब से ड्रेसिंग की। शादी समारोह के दौरान दोनों परिवारों ने हिब्रू गीतों के धुन पर खूब जश्न मनाए। दूल्हे के परिवार से 20 लोग शादी में पहुंचे थे।

इजराइल से आए रब्बी ने कराया विवाह

इजराइल से आए ‘रब्बी’ एरियल टायसन ने विवाह संपन्न कराया। विवाह हुप्पाह (मंडप) के नीचे हुआ। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि यह केरल में हुई ऐसी पहली शादी है, जो किसी यहूदी उपासना गृह के बाहर हुई है। राज्य में इससे पहले यहूदी रीति रिवाजों से 2008 में कोई विवाह हुआ था। उस समय मट्टनचेरी के थेक्कुंभगम आराधनालय में विवाह सम्पन्न हुआ था। उपासना गृह के अंदर सीमित संख्या में ही लोग आ सकते थे, इसलिए वर-वधू पक्ष के परिवारों ने निजी रिसॉर्ट में समारोह आयोजित करने का फैसला किया ताकि परिवार के सभी सदस्य इसमें शामिल हो सकें।

देखें वीडियो-

2,000 साल पहले केरल आए थे यहूदी
कुछ इतिहासकारों के अनुसार, केरल पहुंचने वाले यहूदी व्यापारी थे और वे 2,000 साल से भी पहले राजा सोलोमन के समय में आए थे। राज्य में यहूदी समुदाय के अब कुछ ही परिवार हैं। केरल के अंजुवन्नम में यहूदी बस्ती होने का पहला आधिकारिक रिकॉर्ड मिला था। इजराइल के बनने के बाद केरल से बड़ी संख्या में यहूदी इजराइल चले गए थे। केरल में यहूदियों के कई पूजा स्थल, जिन्हें सिनोगोग कहते हैं, भी मौजूद हैं। फिलहाल केरल में अधिकतर यहूदी समुदाय कोच्चि में ही रहता है। 

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