Monday, May 27, 2024
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कोरोना को लेकर मोदी सरकार ने अबतक क्या-क्या किया? मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में दी पूरी जानकारी

मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में बताया कि मोदी सरकार ने शुरुआत से ही कमजोर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से ठीक करने पर काम हुआ, कोरोना काल की शुरुआत से ही यह बात सर्वादित थी कि देश का हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर इस बीमारी से लड़ने के लिए कितना कमजोर है, पिछली सरकारों को दोष नहीं देते हुए भारत सरकार ने काम करना शुरू कर दिया।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 03, 2021 16:56 IST
Union Health Minister Mansukh Mandaviya in the Lok Sabha during ongoing Winter Session of Parliament- India TV Hindi
Image Source : PTI Union Health Minister Mansukh Mandaviya in the Lok Sabha during ongoing Winter Session of Parliament, in New Delhi on Friday.

Highlights

  • लोकसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को पेश किए आंकड़ें
  • भारत में भी 3.46 करोड़ कोरोना के केस आए हैं और 4.69 लाख लोगों का निधन हुआ है- मनसुख मंडाविया
  • पीएम केयर फंड से देश में 3829 ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम चल रहा है- मनसुख मंडाविया

नई दिल्ली। संसद सत्र के चौथे दिन कोरोना महामारी को लेकर लोकसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को आंकड़ें पेश किए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आंकड़ों के जरिए कोरोनावायरस महामारी के दौरान उठाए गए कदमों की जानकारी दी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सार्वजनिक आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में कोरोना के अबतक 26 करोड़ से ज्यादा मामले दुनियाभर में रजिस्टर हुए हैं और 52 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई है, जो दुनियाभर में 1.99 प्रतिशत मृत्यु दर है। भारत में भी 3.46 करोड़ कोरोना के केस आए हैं और 4.69 लाख लोगों का निधन हुआ है जो कुल मामलों का 1.36 प्रतिशत है, भारत में प्रति 10 जनसंख्या पर करीब 25 हजार कोविड मामले और 340 लोगों की मृत्यु हुई है जो दुनिया में सबसे कम दर में से एक है। 

मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में बताया कि मोदी सरकार ने शुरुआत से ही कमजोर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से ठीक करने पर काम हुआ, कोरोना काल की शुरुआत से ही यह बात सर्वादित थी कि देश का हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर इस बीमारी से लड़ने के लिए कितना कमजोर है, पिछली सरकारों को दोष नहीं देते हुए भारत सरकार ने काम करना शुरू कर दिया। 2 साल के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जिस तरह से निर्णय लिए गए और कार्य हुआ, यह दर्शाता है कि मोदी जी की सरकार पावर से नहीं बल्कि विल पावर से काम कर रही है। कोविड के शुरुआती दौर में राज्यों को पीपीई किट जरूरी दवा और वेंटीलेटर जैसी चीजों की जरूरत थी, राज्यों ने केंद्र से मांग की और सरकार ने राज्यों को करीब 4.5 करोड़ एन-95 मास्क, 179 करोड़ से ज्यादा पीपीई किट राज्यों को उपलब्ध कराए। 

मंडाविया ने बताया कि देश में आजादी के बाद 2 साल पहले तक 16 हजार वेंटीलेटर थे, पहले उतनी डिमांड भी नहीं थी और जरूरत भी नहीं थी उतनी ज्यादा, लेकिन समय के साथ कोरोना की पहली लहर तथा दूसरी लहर में मांग बढ़ी और एक्सपर्ट कमेटी ने विश्लेषण करके बताया कि 75000 वेंटीलेटर की आवश्यकता बताई। उनकी राय के आधार पर कुल मिलाकर भारत सरकार ने 58000 वेंटीलेटर का ऑर्डर दिया, उसमें से भी 97 प्रतिशत का ऑर्डर भारत सरकार की बड़ी कंपनी को दिया गया, भारत इलेक्ट्रोनिक लिमिटेड तथा आंध्रा इलेक्ट्रोनिक जोन, दोनों भारत सरकार की कंपनियां है। उसमें से 50200 वेंटीलेटर राज्यों को दे दिए गए, उनमें से 48000 वेंटीलेटर इंस्टाल किए गए और कंपनी को ही जिम्मेदारी दी इंस्टाल करने की तथा अस्पतालों को ट्रेनिंग देने के लिए कहा, सारे देश में सभी राज्यों के पास आजतक 42000 प्रमाणपत्र से मिल चुके हैं जो बताता है कि वेंटीलेटर इंस्टाल हो चुके हैं और अच्छी तरह चल रहे हैं। इसके अलावा हमने थर्ड पार्टी एग्जामिन भी कराया। 

देश में कोरोना का पहला मामला 13 जनवरी 2020 को देश में आया था जबकि कोरोना को लेकर भारत सरकार की पहली बैठक 8 जनवरी को हो चुकी थी, यानि सरकार पहले से ही काम कर रही थी, मई 2020 प्रधान वैज्ञानि सलाहकार की अध्यक्षता में वैक्सीन के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया। पहले 30 दिन में जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए लगता था और आज हमने 30 घंटे में यह काम करने की ताकत प्राप्त की है, इससे पता चलता है कि वायरस का कौन का स्वरूप किस क्षेत्र में असर डाल रहा है।

यह पहली बार है जब सरकार ने खुद आगे बढ़ते हुए वैज्ञानिक संस्थाओं को वैक्सीन रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए फंड दिया। इस वजह से देश में वैक्सीन डेवलप हो पाई है, प्रधानमंत्री जी ने देश के वैज्ञानिकों पर भरोसा किया। सारी दुनिया गवाह है, दुनिया में पहले वैक्सीन रिसर्च होने के बाद 10-15 साल  बाद भारत को मिलता था, मोदी जी ने देश के वैज्ञानिकों पर भरोसा किया और पूरी दुनिया के साथ भारत को भी वैक्सीन प्राप्त हुआ। 

जब कोरोना की दूसरी लहर पीक पर थी उस समय मैं कैमिकल फर्टिलाइजर मंत्री था, एक राज्य जहां विपक्षी दल की सरकार थी, के स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य की आपुर्ति के लिए मुझे नियमित फोन करते थे, उन्होंने मुझे बताया कि जब आपने पहली बार फोन किया था कि मेरे मन में संदेह था कि आप कैसा बर्ताव करोगे और हमारी मदद करोगे या नहीं, लेकिन जितनी बार भी हमने रिक्वेस्ट किया आपने काम किया। उन्होंने कहा था कि अगर दिल्ली में हमारे दल की सरकार होती और हमारे ही नेता बैठे होते तब हम इतनी आसानी से फोन भी नहीं कर सकते थे और काम भी नहीं करवा सकते थे, आपने जिस तरह से हमारा साथ दिया है वह हमारी अपेक्षा से कहीं ज्यादा है। 

पीएम केयर फंड से देश में 3829 ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम चल रहा है, प्लांट सारे देश में सभी राज्यों में फंक्शनल हो रहे हैं। 70 प्रतिशत से अधिक प्लांट लग चुके हैं। देश में 168 आरटीपीसीआर और 52 रेपिड एंटीजन किट टेस्टिंग के लिए अप्रूव किए गए हैं और इनमें आधे से ज्यादा पर रिसर्च भारत में ही हुई है।

देश में 4500 से ज्यादा कोविड डेडिकेटिड अस्पताल बने, 9300 से ज्यादा कोविड हेल्थ केयर सेंटर बनाए गए, 9800 से ज्यादा कोविड सेंटर का निर्माण इस समय के दौरान किया गया, 5 लाख ऑक्सीजन बेड और 18 लाख से ज्यादा आइसोलेशन बेड तथा करीब 1.40 लाख आईसीयू बेड देश में उपलब्ध हो चुके हैं। 

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