Friday, May 17, 2024
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शिवराज सिंह चौहान की 'किसान हितैषी' छवि पर मंदसौर का दाग!

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहचान सिर्फ राज्य ही नहीं, बल्कि देश में 'किसान हितैषी' के तौर पर रही है। पार्टी से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक इसे स्वीकारने में नहीं हिचकते, मगर मंगलवार को मंदसौर में जो कुछ हुआ, उसने उनकी छवि प

IANS IANS
Updated on: June 07, 2017 16:25 IST
shivraj singh chouhan- India TV Hindi
shivraj singh chouhan

भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहचान सिर्फ राज्य ही नहीं, बल्कि देश में 'किसान हितैषी' के तौर पर रही है। पार्टी से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक इसे स्वीकारने में नहीं हिचकते, मगर मंगलवार को मंदसौर में जो कुछ हुआ, उसने उनकी छवि पर दाग लगाने का काम किया है। निहत्थे अन्नदाताओं पर पुलिस ने गोलियां बरसाई, जिसमें पांच किसानों की जान चली गई।

भाजपा शिवराज को एक आदर्श मुख्यमंत्री और खेती-किसानी के साथ किसानों की आय बढ़ाने वाला मुख्यमंत्री प्रचारित करती रही है। शिवराज स्वयं दावा करते रहे हैं कि राज्य का किसान खुशहाल है, क्योंकि राज्य में किसानों के लिए खेती फायदे का धंधा बन गया है। राज्य के किसानों की मेहनत से ही चार बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिला है।

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मध्य प्रदेश को कृषि के मामले में आदर्श राज्य मानते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में पिछले दिनों दिल्ली में अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों के सामने शिवराज ने खेती को फायदे का धंधा बनाने की कार्ययोजना पेश की थी। साथ ही यह बताया था कि राज्य की 20 प्रतिशत कृषि विकास दर कैसे हुई है।

वरिष्ठ पत्रकार भारत शर्मा का कहना है, "राज्य का किसान खुश होता तो वह आंदोलन करने सड़कों पर क्यों उतरता, हिंसक क्यों होता। इस बात को समझना पड़ेगा कि राज्य का किसान सरकार से खुश नहीं है, इस आंदोलन ने इसे प्रमाणित कर दिया है।"

इस आंदोलन से शिवराज की छवि पर आंच आने के सवाल पर शर्मा ने कहा, "इस आंदोलन और मंदसौर की घटना से उनकी छवि प्रभावित होगी। याद करिए पश्चिम बंगाल में वामपंथियों को सत्ता से उतरने का कारण नंदीग्राम और सिंगूर बना था। जहां किसानों पर गोली चलाई गई थी, उस खामियाजे को आज तक वामपंथी भुगत रहे हैं, भरपाई नहीं कर पाए। लिहाजा शिवराज इस घटना की भरपाई कैसे कर पाएंगे।"

राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा ने कहा, "शिवराज सिंह चौहान बीते 11 वषरें से प्रदेश के किसानों को बेवकूफ बनाते आ रहे हैं। उनके जैसा झूठा बोलने वाला नेता दुनिया में नहीं है। बात किसानों की करते हैं और उन्हीं पर गोलियां बरसाते हैं। इससे पहले रायसेन के बरेली में किसान आंदोलन पर गोली चलवाई थी, जिसमें एक किसान मारा गया था।"

जानकारों के अनुसार, मुख्यमंत्री इस किसान आंदोलन का आंकलन करने में गड़बड़ा गए। उन्होंने इस आंदोलन से किसी तरह का वास्ता न रखने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अनुशांगिक संगठन भारतीय किसान संघ से वार्ता कर कई घोषणाएं कर दी और संघ ने आंदोलन स्थगित करने का ऐलान कर दिया, जबकि इस आंदोलन का नेतृत्व छोटे-छोटे संगठन कर रहे हैं। इतना ही नहीं किसानों को लगा कि मुख्यमंत्री चौहान ने उनके साथ छल किया है, लिहाजा आंदोलन खत्म होने के बजाय और तेज हो गया।

मुख्यमंत्री चौहान स्वयं किसानों के आंदोलन और मंदसौर की घटना से मंगलवार को काफी विचलित नजर आए। संवाददाताओं से चर्चा के दौरान उनकी बॉडी लैंग्वेज बहुत कुछ कह रही थी।

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