Friday, March 29, 2024
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नरेंद्र गिरि के बाद कौन बनेगा बाघम्बरी मठ का महंत? सुसाइड नोट में मिला नाम

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि आनंद गिरि द्वारा जो भी आरोप लगाए गए, उससे मेरी और मठ की बदनामी हुई।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 21, 2021 19:31 IST
दिवंगत महंत नरेंद्र...- India TV Hindi
Image Source : PTI दिवंगत महंत नरेंद्र गिरी को श्रद्धांजलि देते उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या को लेकर तमाम सवालों के जवाब मिलते नजर आ रहे हैं। इंडिया टीवी को मंगलवार को महंत नरेंद्र गिरि का सुसाइड नोट मिला है जिसमें उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरी के साथ-साथ लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को आत्महत्या को उकसाने के लिए जिम्मेदार बताया है। अपने सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरी ने बाघम्बरी मठ के अपने उत्तराधिकारी के नाम का भी ऐलान किया है।

‘बलबीर गिरी, तुम बड़े हनुमान मंदिर और मठ बाघम्बरी के महंत बनोगे’

नरेंद्र गिरी ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है, ‘बलबीर गिरि मेरी समाधि पार्क में नींबू के पेड़ के पास दी जाए, यह मेरी अंतिम इच्छा है। धनंजय विद्यार्थी, मेरे कमरे की चाबी बलबीर महाराज को दे देना। प्रिय बलबीर गिरी, ओम नमो नारायण, मैंने तुम्हारे नाम एक रजिस्टर वसीयत की है। बलवीर गिरि, तुम बड़े हनुमान मंदिर और मठ बाघम्बरी के महंत बनोगे। तुमरे मेरा एक अनुरोध है कि मेरी सेवा में लगे विद्यार्थियों पर ध्यान देना, जिस तरह से मेरे समय में रहे हैं उसी तरह तुम्हारी सेवा में रहेंगे।’

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Image Source : PTI
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बलबीर गिरी।

‘सभी विद्यार्थियों को निर्देश है कि बलबीर महाराज का सम्मान करना’
अपने सुसाइड नोट में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने लिखा है, ‘सभी विद्यार्थियों को निर्देश है कि बलबीर महाराज का सम्मान करना। वैसे हमें सभी विद्यार्थी प्रिय हैं, मनीष शुक्ला, शिवम मिश्रा, अभिषेक मिश्रा अति प्रिय हैं। मुझे जब कोरोना हुआ मेरी सेवा सुमित तिवारी ने की। मंदिर में फूल की दुकान को सुमित तिवारी के नाम रजिस्टर की है।’

‘आज मैं हिम्मत हार गया और मैं आत्महत्या कर रहा हूं’
महंत नरेंद्र गिरी ने आगे लिखा, ‘एक ऑडियो कैसेट आनंद गिरि जारी किया था, जिससे मेरी बदनामी हुई। आज मैं हिम्मत हार गया और मैं आत्महत्या कर रहा हूं। सोशल मीडिया, फेसबुक एवं समाचार पत्रों में आनंद गिरि ने मेरे चरित्र पर मनगढ़ंत आरोप लगाए। मैं मरने जा रहा हूं, सत्य बोलूंगा। मेरा घर से कोई संबंध नहीं है, मैंने एक भी पैसा घर पर नहीं दिया। 2004 से मैं महंत बना और मठ का विकास किया। आनंद गिरि द्वारा जो भी आरोप लगाए गए, उससे मेरी और मठ की बदनामी हुई। मैं समाज में हमेशा शान से जिया लेकिन आनंद गिरी ने मुझे बदनाम किया।’

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