Sunday, May 05, 2024
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आज ही ऐसे धारण करें 11 मुखी रुद्राक्ष, बना देगा रंक से राजा

11 मुखी रुद्राक्ष को सुख-समृद्धि का कारक माना जाता है। इसे धारण करने से या घर में रखने से सभी कार्यों में सिद्धि प्राप्त होती है। साथ ही आपके सभी काम बिना किसी विघ्न-बाधा के सरलता से पूरे हो जायेंगे। जानिए इसको पहनने से होने वाले फायदे..

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: February 16, 2018 12:51 IST

11 mukhi rudraksha

11 mukhi rudraksha

क्या है रुद्रक्ष

रुद्राक्ष और कुछ नहीं, बल्कि एक खास तरह के पेड़ का बीज है, जिसके फल गोल आकार के होते हैं और इन्हीं फलों के अंदर उपस्थित गुठली में से रुद्राक्ष प्राप्त किया जाता है | रुद्राक्ष प्राप्त करने के लिए इसके फल से छिलका उतारकर, उसके अन्दर से निकले बीज को पहले पानी में गलाकर साफ किया जाता है और फिर उसमें से रुद्राक्ष का दाना निकाला जाता है। रुद्राक्ष के अंदर प्राकृतिक रूप से ही संतरे की तरह फांके बनी होती हैं, जिन्हें हम धारियां भी कहते हैं। इन्हीं धारियों के आधार पर ये तय होता है कि रुद्राक्ष कितने मुखी का है। जैसे दो मुखी रुद्राक्ष पर दो धारियां बनी होती हैं, तीन मुखी रुद्राक्ष पर तीन धारियां बनी होती हैं, उसी तरह 11 मुखी रुद्राक्ष पर ग्यारह धारियां बनी होती हैं।

कैसे काम करता है रुद्राक्ष
रुद्राक्ष में एक अनोखे तरह का स्पंदन होता है, जो सुरक्षा कवच का काम करता है | इसीलिए जो भी व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करता है, उसे यह निगेटिव ऊर्जा से बचाकर रखता है |
हिन्दु धर्म में रुद्राक्ष के पेड़ और रुद्राक्ष के दाने दोनों का ही महत्व है | लगभग सभी हिंदू ग्रंथों में रुद्राक्ष का जिक्र देखने को मिलता है |

पुराणों में क्या महत्व रखता है रुद्राक्ष
प्रसंग पुराण के अनुसार रुद्राक्ष को भगवान शिवजी के आंख के अश्रु से उत्पन्न हुआ बताया गया है | कहते हैं देवी सती की मृत्यु पर शिवजी को बहुत दुःख हुआ था और उस दुःखी मन से उनकी आंखों से आंसू निकलकर पृथ्वी पर जिन-जिन स्थानों पर गिरे, वहां रुद्राक्ष के वृक्ष की उत्पत्ति हुई थी। भगवान शिव का एक नाम रुद्र भी है और रुद्र से ही रुद्राक्ष शब्द की उत्पत्ति हुई।

अगली स्लाइड में पढ़ें कैसे करें धारण

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