
इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक शख्स ने अनजाने में मछली का गॉलब्लैडर खा लिया, जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसे हॉस्पिटल में एडमिट कराना पड़ा। शख्स की उम्र 42 साल थी और मछली का गॉलब्लैडर खाने के बाद उसे उल्टी-दस्त शुरू हो गए।
डॉक्टर ने क्या बताया?
शहर के एक निजी अस्पताल के किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. जय सिंह अरोरा ने बताया कि 42 वर्षीय व्यक्ति ने अनजाने में मछली का पित्ताशय खा लिया था जिसके कुछ घंटों बाद उसे उल्टी-दस्त शुरू हो गए। उन्होंने बताया कि शुरुआत में मरीज और उसके परिजन इसे फूड प्वाइजनिंग का मामला समझते रहे लेकिन जांच में पता चला कि उसके क्रिएटिनिन के साथ ही यकृत (लिवर) के दो एंजाइम-एसजीओटी और एसजीपीटी का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया था।
अरोरा ने बताया, 'गंभीर हालत में हमारे पास पहुंचा मरीज अस्पताल में हफ्ते भर तक भर्ती रहा। इसके बाद भी उसका इलाज जारी रहा। फिलहाल वह स्वस्थ है।’ उन्होंने बताया कि मछली के पित्ताशय में ‘सोडियम साइप्रिनोल सल्फेट’ नाम का जहरीला तत्व होता है जो मनुष्य के शरीर में पहुंचने पर यकृत (लिवर) और गुर्दे (किडनी) को तेजी से नुकसान पहुंचा सकता है।
ये पहली बार नहीं हुआ है कि मछली खाकर किसी की तबीयत बिगड़ी हो, इससे पहले भी इस तरह के मामले सामने आए हैं। ऐसे में मछली खाने वालों को ये ध्यान रखना चाहिए कि वह जो खा रहे हैं, उसके प्रति वह पूरी तरह जानकारी रखें। जरा सी लापरवाही की वजह से जान जाने की नौबत आ सकती है। इस घटना के सामने आने के बाद लोगों का कहना है कि भूल से भी मछली का गॉलब्लैडर ना खाएं, ये जानलेवा हो सकता है और स्वाद के चक्कर में जान नहीं दी जा सकती है। (इनपुट: भाषा)