Friday, May 10, 2024
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ज्योतिरादित्य रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर गए, ऐसा करने वाले सिंधिया परिवार के पहले सदस्य

कांग्रेस नेता के के मिश्रा ने कहा कि यह एक सर्वविदित तथ्य है कि सिंधिया परिवार (ग्वालियर के पूर्व शाही परिवार) ने 1857 में ब्रिटिश सेना के खिलाफ रानी लक्ष्मीबाई के विद्रोह का समर्थन नहीं किया था। उन्होंने कहा, ‘‘1857 में किए गए पाप को 2021 में ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा योद्धा रानी के स्मारक पर जाकर धोया नहीं जा सकता है।’’

Khushbu Rawal Edited by: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: December 28, 2021 17:18 IST
jyotiraditya scindia- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA ज्योतिरादित्य रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर गए, ऐसा करने वाले सिंधिया परिवार के पहले सदस्य

Highlights

  • सिंधिया परिवार ने 1857 में ब्रिटिश सेना के खिलाफ रानी लक्ष्मीबाई के विद्रोह का नहीं किया था समर्थन
  • लक्ष्मीबाई ने 1858 में अंग्रेजों से लड़ते हुए ग्वालियर में अपने प्राणों की आहुति दी थी

ग्वालियर: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को यहां रानी लक्ष्मीबाई के स्मारक पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि यह संभवत: पहली बार था जब सिंधिया वंश का कोई सदस्य शहीद रानी के स्मारक पर आया हो। हालांकि, वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता के के मिश्रा ने कहा कि यह एक सर्वविदित तथ्य है कि सिंधिया परिवार (ग्वालियर के पूर्व शाही परिवार) ने 1857 में ब्रिटिश सेना के खिलाफ रानी लक्ष्मीबाई के विद्रोह का समर्थन नहीं किया था। उन्होंने कहा, ‘‘1857 में किए गए पाप को 2021 में ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा योद्धा रानी के स्मारक पर जाकर धोया नहीं जा सकता है।’’

वहीं, भाजपा ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्मारक के अपने दौरे से उन लोगों की वीरता का सम्मान किया है जिन्होंने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। ग्वालियर के तत्कालीन राजघराने के वंशज ज्योतिरादित्य सिंधिया रविवार को प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के साथ एक कार्यक्रम से लौटकर यहां फूल बाग इलाके में रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर पहुंचे और योद्धा रानी को श्रद्धांजलि अर्पित की। ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले साल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।

लक्ष्मीबाई ने सन 1858 में अंग्रेजों से लड़ते हुए ग्वालियर में अपने प्राणों की आहुति दी थी। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सिंह सलूजा ने सिंधिया के इस कदम पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘श्रीमंत पहुंचे ग्वालियर रानी लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल... अब लगता है कि जयभान सिंह पवैया और रानी लक्ष्मीबाई के अनुयायी, समाधि स्थल को गंगा जल से धो सकते हैं... श्रीमंत से भाजपा पद और कुर्सी के लिए क्या क्या नहीं करवा रही है।’’

भाजपा में शामिल होने से पहले पवैया सिंधिया का विरोध करते थे लेकिन सिंधिया ने भगवा पार्टी में शामिल होने के बाद ग्वालियर में पवैया के आवास पर शिष्टाचार भेंट की थी। सिंधिया के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘ज्योतिरादित्य सिंधिया का झांसी की रानी की प्रतिमा के समक्ष नमन करना एक साहसिक कदम है।’’ इस बीच, प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘रानी लक्ष्मीबाई बलिदान की प्रतीक हैं और उनके स्मारक पर सम्मान देकर सिंधिया ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों की वीरता का सम्मान किया है।’’

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