Friday, May 10, 2024
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MP में चिकित्सा शिक्षा का लोक स्वास्थ्य में हुआ विलय, कैबिनेट की बैठक में मंजूरी

मध्य प्रदेश में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग को मर्ज करने की मंजूरी दे दी गई है। इस फैसले के बाद मेडिकल कॉलेज रूटीन चिकित्सा सेवाएं देने के बजाय अति गंभीर व विशिष्ट उपचार, चिकित्सा शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।

Malaika Imam Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published on: January 23, 2024 22:30 IST
मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंजूरी- India TV Hindi
Image Source : IANS मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंजूरी

मध्य प्रदेश की मोहन यादव मंत्रिपरिषद ने लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग के विलय की मंजूरी दे दी है। आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी में बताया गया है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग के विलय की मंजूरी दी गई। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग का विलय कर ‘लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग‘ के रूप में पुनर्गठित किया जाएगा। 

ये भी कर सकेंगे मेडिकल कॉलेज 

प्रदेश सरकार के इस फैसले से मेडिकल कॉलेज रूटीन चिकित्सा सेवाएं देने के बजाय अति गंभीर व विशिष्ट उपचार, चिकित्सा शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर की प्रभावी निगरानी हो सकेगी। मेडिकल कॉलेजों से जिला चिकित्सालयों को संबद्ध करना आसान हो जाएगा। स्वास्थ्य नीति और विभागीय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन एवं नियंत्रण में सुविधा मिलेगी। आत्म-निर्भर मध्य प्रदेश के रोडमैप में दोनों विभागों के विलय की अनुशंसा की गई थी। मंत्रि-परिषद की ओर से मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम, 2011 के प्रावधानों में संशोधन की स्वीकृति दी गई है। 

आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय का पाठ्यक्रम?

वर्तमान में आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय चिकित्सा, दंत चिकित्सा, नर्सिंग, आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, नेचुरोपैथी आदि में पाठ्यक्रम संचालित करता है। नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थाओं और छात्र-छात्राओं की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय को नर्सिंग एवं पैरामेडिकल को छोड़कर अन्य विषयों के पाठ्यक्रम संचालित करने का दायित्व दिया जाएगा। नर्सिंग एवं पैरामेडिकल विषयों से संबंधित पाठ्यक्रम का संचालन उच्च शिक्षा विभाग की ओर से स्थापित अन्य विश्व विद्यालयों के जरिए किया जाएगा। मंत्रि-परिषद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अतंर्गत प्रदेश के सभी जिलों में 1-1 प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने की स्वीकृति दी है। प्रदेश के 55 जिलों में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा। चयनित महाविद्यालयों में अतिरिक्त 1,845 शैक्षणिक पदों व 387 अशैक्षणिक पदों की स्वीकृति दी गई है। इसके लिए कुल 485 करोड़ रुपये के व्यय की स्वीकृति दी गई। (IANS इनपुट के साथ) 

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