Sunday, April 28, 2024
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नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर में जबरन घुसपैठ, ट्रस्ट के CCTV किए गए चेक, SIT जांच के आदेश

नासिक रेंज आईजी शेखर पाटिल ने मंदिर परिसर में आकर ट्रस्ट के सीसीटीवी फुटेज चेक कर आगे की कार्रवाई के संकेत दिए। मंदिर की सुरक्षा की भी जांच की। साथ ही संदल आयोजक से भी मुलाकात की।

Malaika Imam Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Updated on: May 16, 2023 17:44 IST
त्र्यंबकेश्वर मंदिर में जबरन घुसने का मामला- India TV Hindi
त्र्यंबकेश्वर मंदिर में जबरन घुसने का मामला

महाराष्ट्र के नासिक के प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर में कुछ गैर-हिंदू लोगों के जबरन घुसने का वीडियो सामने आया था। घटना 13 मई की है। मामले में मंदिर ट्रस्ट की ओर से एक शिकायत अर्जी त्र्यंबकेश्वर पुलिस स्टेशन में दी गई है। घटना का वीडियो सामने आने के बाद महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एक SIT बनाकर जांच के आदेश भी दिए हैं। नासिक रेंज आईजी शेखर पाटिल ने मंदिर परिसर में आकर ट्रस्ट के सीसीटीवी फुटेज चेक कर आगे की कार्रवाई के संकेत दिए। मंदिर की सुरक्षा की भी जांच की। साथ ही संदल आयोजक से भी मुलाकात की। आईजी ने मीडिया से कहा कि इस पर हम जांच के बाद बात करेंगे। पुलिस प्रशासन जल्द ही इस मामले में जांच कर FIR दर्ज करने वाली है।

"संदल मंदिर के सामने से गुजरता है"

संदल के आयोजकों में से एक मतीन सय्यद का दावा है कि वो लोग लोभान दिखाने हर साल आते हैं। उन्होंने कहा कि दरगाह है, वोत्र्यंबकेश्वर मंदिर जब से बना तब से है और तब से हमलोग संदल निकालते हैं और मंदिर के सामने से गुजरता है। भगवान का जो उत्तर दरवाजा है, उसकी सीढ़ी से हम लोभान भगवान को दिखाते हैं और आगे निकल जाते हैं। 

"संदल जुलूस वालों का मंदिर में आने का कोई जिक्र नहीं"

दूसरी ओर ट्रस्टी प्रशांत गैधानी का कहना है, "संदल जुलूस वालों का मंदिर में आने का कोई जिक्र नहीं है। साल में उनके दो-तीन जुलूस निकलते हैं। अनेक हिंदू भाई भी उनके जुलूस में शामिल होते हैं, लेकिन मंदिर में इन लोगों के आने का कोई तुक नहीं बनता, जो भी पालकी आती है उसका जिक्र ट्रस्ट की डायरी में किया गया है। यदि ऐसा होता, तो ट्रस्ट की डायरी में भी इसका जिक्र किया गया होता या हम खुद भी उसका जिक्र करते कि जुलूस का हम स्वागत करते हैं। सीढ़ी तक क्या, बल्कि ट्रस्ट के मंदिर परिसर में जाने का कोई अधिकार नहीं है और कोई कारण भी नहीं है।"

"जांच में सामने आए कि उनकी मंशा क्या थी?"

उन्होंने कहा, "जो वीडियो आया है उसकी जांच होनी चाहिए। हमारी मांग यह है कि जांच में सामने आए कि उनकी मंशा क्या थी? अगर धार्मिक भावना से आए थे, तो मंदिर बंद होने बाद जाने का क्या उद्देश्य था। अनेक भक्त बाहर निकल रहे थे। उनकी वजह से उनको बाहर निकलने क रास्ता भी बदलना पड़ा। जो मंदिर में घुसे वे सब युवा पीढ़ी के थे। क्या उनके मन में कोई आक्रामक विचार है, क्या यह सब जानबूझकर किया गया है या उनकी भावना थी? क्या त्र्यंबकेश्वर राजा की वजह से उनका गुजारा चलता है? अगर ऐसी कोई परंपरा होती तो उन्होंने टस्ट को कोई पत्र लिखकर बताया होता। आज अगर किसी को कोई शादी का कार्ड भी देना होता है, तो ट्रस्ट से परमिशन ली जाती है। इन सब मुद्दों को विचार कर कार्रवाई करनी चाहिए और प्रशासन के निर्णय का हम स्वागत करते हैं।"

                                                                              - नासिक से चिराग शर्मा की रिपोर्ट

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