तेंदुए की दहशत का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। बैंक की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी जिस सुरक्षा रक्षक पर है वह खुद अब पिंजरे में कैद होकर बैंक की सुरक्षा कर रहा है। पिंजरा भी खुद बैंक के संचालकों ने बनवाया है। दरअसल, पुणे के जुन्नर तहसील में वसंत दादा पाटिल नागरी सहकारी ऋण संस्था का ब्रांच ऑफिस है। यह ऋण संस्था जरूरतमंद लोगों को लोन देती है। पुणे जिले के ग्रामीण इलाकों में कार्यरत यह प्रमुख नामी ऋण यानी लोन देने वाला बैंक है जो RBI के नियंत्रण में काम करता है। यहां तेंदुए की डर की वजह से कोई गार्ड नौकरी पर नहीं आ रहा था। इसलिए गार्ड के लिए ही पिंजरा बनाना पड़ा।
शिकार की तलाश में घूमता है तेंदुआ
'पारगांव तर्फे आले' गांव में स्थित इस बैंक के ब्रांच ऑफिस की सुरक्षा के लिए दो शिफ्ट में सुरक्षा रक्षकों को तैनात किया जाता है। सुरक्षा रक्षक बैंक के बाहर सीढ़ियों पर दिन-रात पहरा देते रहतें है। इस गांव में एक दिन पहले तेंदुए के हमले में एक बच्चे की मौत हो गई। दिन हो या रात.. किसी भी वक्त यहां के सड़कों पर तेंदुआ दिखाई देता है। दिन में तो यहां तेंदुए का डर कम है लेकिन रात के वक्त यहां के सड़कों पर तेंदुआ शिकार की तलाश में अक्सर घूमता है। तेंदुए के डर की वजह से रात 9 बजे के बाद ही यहां की सड़कें सुनसान हो जाती है। पूरे गांव में सिर्फ इसी बैंक का सुरक्षा रक्षक रात के वक्त यहां खड़ा रहता है।
सिक्योरिटी गार्ड काम करने के लिए राजी नहीं
पिछले 15 दिन में दो बार तेंदुआ बैंक के पास आया था। एक बार कुत्ते का शिकार करने के दौरान तेंदुआ बैंक के सीढ़ियों के पास आकर रुक गया था। तब सुरक्षा रक्षक जान बचाकर किसी तरह वहां से भाग गया। कुछ दिन बाद शिकार की तलाश में तेंदुआ फिर बैंक के पास आया था। तेंदुए को देखकर सिक्युरिटी गार्ड इतना डर गया की अगले दिन उसने काम पर आने से मना कर दिया। जान जाने के डर से कोई और यहां सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम करने के लिए राजी नहीं था।
बैंक के बाहर बनाया गया पिंजरा
चूंकि, बैंक में काफी कैश है और ग्राहकों के लोन से जुड़े जरूरी दस्तावेज है ऐसे में चोरी का डर हमेशा बना रहता है। इसलिए जब कोई गार्ड काम पर आने को तैयार नहीं हुआ तब बैंक के मैनेजमेंट ने बैंक के बाहर पिंजरा बनाने का फैसला किया। अब रात भर सुरक्षा रक्षक इसी पिंजरे में बैठकर बैंक की देखभाल करता है। रात के वक्त कई बार तेंदुआ यहां से गुजरता है लेकिन पिंजरे में होने की वजह से सुरक्षा रक्षक को अब डर नहीं लगता है।
इलाके में फैला तेंदुए का डर
दिन में तो सड़क पर चहल-पहल रहती है ऐसे में उतना डर नहीं होता है लेकिन शाम होने के बाद सड़क पर सन्नाटा फैल जाता है और तेंदुए के आने का खतरा बढ़ जाता है। इस गांव में आजाद घूम रहें आदमखोर तेंदुए को पतड़ने के लिए करीब 15 पिंजरे लगाए गए है, 7 ट्रैप कैमरा लगाए गए है। तेंदुए को पकड़ने के लिए एक्सपर्ट टीम और ट्रांक्युलायजर टीम को तैनात किया गया है। रात को थर्मल ड्रोन कैमरे से सर्च ऑपरेशन किया जा रहा है। कल रात को 2 तेंदुए इस गांव में घूमते हुए थर्मल कैमरे में डिटेक्ट हुए है।