Friday, May 10, 2024
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Ekadashi Vrat 2023: कब है सावन की आखिरी एकादशी? जानें व्रत की सही डेट, पूजा मुहूर्त, पारण का समय और महत्व

Sawan Ekadashi Vrat 2023: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की अपार कृपा प्राप्त होती है। तो आइए जानते हैं कि सावन का आखिरी एकादशी व्रत कब है।

Vineeta Mandal Written By: Vineeta Mandal
Updated on: August 22, 2023 14:13 IST
Putrada Ekadashi 2023- India TV Hindi
Image Source : FILE IMAGE Putrada Ekadashi 2023

Ekadashi Vrat 2023: सावन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पुत्रदा एकादशी व्रत करने का विधान है। इसे पवित्रा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों में इस एकादशी का बड़ा ही महत्व बताया गया है। पुत्रदा एकादशी साल में दो बार आती है। एक सावन महीने के शुक्ल पक्ष में और दूसरा पौष मास के शुक्ल पक्ष में। हालांकि इन दोनों ही एकादशियों का समान रूप से महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से निसंतान दंपतियों को संतान का सुख मिलता है। संतान की लंबी आयु और सुखद जीवन के लिए भी इस व्रत को किया जाता है।

बता दें कि  सालभर में कुल 24 एकादशियां होती है, लेकिन जब अधिकमास या मलमास आता है, तो इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। बीते 18 जुलाई से लेकर 16 अगस्त तक अधिक मास यानि मलमास पड़ा था, जिसमें शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पुरुषोत्तमी एकादशी मनाई गई थी। इन्हीं दो एकादशियों को मिलाकर जब भी अधिकमास या मलमास पड़ता है तो सालभर में कुल 26 एकादशी हो जाती है।

पुत्रदा एकादशी व्रत 2023 पूजा शुभ मुहूर्त और पारण का समय

  • शुक्ल एकादशी तिथि आरंभ- 27 अगस्त 2023 को प्रात 12 बजकर 08 मिनट पर
  • शुक्ल एकादशी तिथि समापन - 27 अगस्त 2023 को रात 9 बजकर 32 मिनट पर
  • पुत्रदा एकादशी व्रत तिथि- 27 अगस्त 2023
  • एकादशी व्रत पारण समय - 28 अगस्त 2023 को सुबह 5 बजकर 57 मिनट से सुबह 8 बजकर 31तक

पुत्रदा एकादशी का महत्व

पुत्रदा एकादशी का व्रत केवल पुत्र से नहीं है, बल्कि संतान से है। संतान पुत्र भी हो सकता है और पुत्री भी। पुराण परंपरा के अनुसार एकादशी का व्रत जरूर करना चाहिए। इसके आलावा जो व्यक्ति ऐश्वर्य, संतति, स्वर्ग, मोक्ष, सब कुछ पाना चाहता है, उसे यह व्रत करना चाहिए। वहीं जो लोग संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं या जिनकी पहले से संतान है और वे अपने बच्चे का सुनहरा भविष्य चाहते हैं, जीवन में उनकी खूब तरक्की चाहते हैं, उन लोगों के लिए पुत्रदा एकादशी का व्रत किसी वरदान से कम नहीं है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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