कुशल रणनीतिकार
डालमिया एक कुशल रणनीतिकार थे। 1987 में भारत की सह-मेज़बानी में रिलायंस विश्व कप और 1996 में विल्स विश्व कप में आयोजन में उनकी अहम भूमिका थी।
डालमिया ने 35 साल के अपने प्रशासनिक करियर की शुरूआत राजस्थान क्लब से बंगाल क्रिकेट संघ की कार्यकारी समिति का सदस्य बनकर की जबकि इसके बाद वह कैब के कोषाध्यक्ष और सचिव भी बने।
बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष बीएन दत्त के शागिर्द डालमिया 1980 के दशक में कोषाध्यक्ष बने और उन्हें ऐसे व्यक्ति के रूप में जाना जाता है जिन्होंने एनकेपी साल्वे को मनाया कि रिलायंस कप के फाइनल का आयोजन वानखेड़े स्टेडियम की जगह कोलकाता के ईडन गार्डन्स में कराया जाएा।
उन्होंने एक समय अपने मित्र रहे इंदरजीत सिंह बिंद्रा के साथ मिलकर इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया को पछाड़कर भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका को 1996 विश्व कप की सह मेज़बानी दिलाई।
वर्ष 1997 में उन्हें सर्वसम्मति से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद का अध्यक्ष चुना गया। वर्ष 2001 में वह एसी मुथैया को हराकर बीसीसीआई अध्यक्ष बने।
इसके बाद उन्होंने अपने उम्मीदवार रणबीर सिंह महेंद्रा को अपना निर्णायक मत देकर सिर्फ एक मत से बीसीसीआई अध्यक्ष पद चुनाव में एनसीपी के दिग्गज नेता शरद पवार की हार सुनिश्चित की।