Saturday, December 13, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. टेक
  3. न्यूज़
  4. भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस की रेस में कूदा Apple? Starlink की बढ़ी टेंशन

भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस की रेस में कूदा Apple? Starlink की बढ़ी टेंशन

Apple iPhone के लिए सैटेलाइट सर्विस पहुंचाने वाली कंपनी Globalstar भी भारत में एंट्री की तैयारी कर ली है। भारत में सैटेलाइट सर्विस शुरू करने के लिए कंपनी ने रेगुलेटरी अप्रूवल मांगी है।

Written By: Harshit Harsh @HarshitKHarsh
Published : Apr 09, 2025 01:28 pm IST, Updated : Apr 09, 2025 01:37 pm IST
Apple globalstar- India TV Hindi
Image Source : FILE एप्पल ग्लोबलस्टार

भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस की तैयारी शुरू हो गई है। दूरसंचार नियामक जल्द सभी सर्विस प्रोवाइडर्स को स्पेक्ट्रम अलोकेट कर सकता है। पिछले दिनों केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सैटेलाइट सर्विसेज के लिए स्पेक्ट्रम का अलोकेशन प्रशासनिक तरीके से की जाएगी। इसके लिए दूरसंचार नियामक फ्रेमवर्क तैयार कर रहा है। भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के लिए Jio और Airtel के अलावा एलन मस्क की कंपनी Starlink और Amazon Kuiper रेस में बने हुए हैं। इसमें अब एप्पल की भी एंट्री हो गई है।

Globalstar ने मांगा अप्रूवल

एप्पल की सैटेलाइट सर्विस पार्टनर ग्लोबलस्टार ने भारत में सैटेलाइट सर्विस शुरू करने के लिए रेगुलेटरी अप्रूवल की मांग की है। अपनी एंट्री से Apple-Globalstar ने Airtel Eutelsat OneWeb, Amazon Kuiper, Reliance Jio Satcom और Starlink की टेंशन बढ़ा दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबलस्टार ने भारत में सैटेलाइट सर्विस ऑथोराइज करने वाली एजेंसी इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथोराइजेशन सेंटर (IN-SPACs) से इसके लिए रेगुलेटरी अप्रूवल की डिमांड की है।

ET telecon की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले से जुड़े अधिकारी ने बताया कि कंपनी को उम्मीद है कि जल्द ही दूरसंचार विभाग (DoT) की तरफ से उसे भारत में सैटेलाइट सर्विस के लिए ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन (GMPCS) का लाइसेंस मिल जाएगा। इसके लिए कंपनी ने दूरसंचार विभाग को डिजास्टर मैनेजमेंट वाले कुछ यूज केस को डेमोंस्ट्रेट भी किया है। हालांकि, कंपनी ने अभी कमर्शियल लाइसेंस के लिए अप्लाई नहीं किया है।

दूरसंचार विभाग सर्विस प्रोवाइडर्स को कुछ समय के लिए स्पेक्ट्रम अलोकेट करती है, ताकि सर्विस को डेमोन्स्ट्रेट और टेस्ट किया जा सके। यह आवंटन नॉन-इंटरफरेंस और नॉन-प्रोटेक्शन के साथ-साथ नॉन कमर्शियल सर्विस के आधार पर होता है। इस तरह के स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल केवल नेटवर्क की टेस्टिंग और एक्सपेरिमेंट्स के लिए किया जा सकता है। सैटेलाइट सर्विस प्रोवाइडर्स को भारत में अपनी सर्विस शुरू करने के लिए GMPCS लाइसेंस के साथ-साथ IN-SPACe के ऑथोराइजेशन की भी जरूरत होती है।

Apple ने ग्लोब्लस्टार के साथ 2022 में सैटेलाइट कनेक्टिविटी के लिए साझेदारी की थी। कंपनी ने 2022 में लॉन्च किए गए iPhone 14 सीरीज में सैटेलाइट कनेक्टिविटी फीचर दिया था, जिसमें यूजर्स को इमरजेंसी के दौरान बिना किसी मोबाइल नेटवर्क के भी कॉल और मैसेज की सुविधा मिलती है। एप्पल ने इस फीचर को 2022 के बाद से लॉन्च हुए सभी iPhone मॉडल में दिया है।

यह भी पढ़ें - WhatsApp पर चल रहा खतरनाक Scam, फोटो-वीडियो डाउनलोड करते ही खाली होगा बैंक अकाउंट

Google पर इंडिया टीवी को अपना पसंदीदा न्यूज सोर्स बनाने के लिए यहां
क्लिक करें

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Tech News News in Hindi के लिए क्लिक करें टेक सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement