सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह सरकारी बैंकों में 55,250 करोड़ रुपये डालेगी, ताकि कर्ज देने को बढ़ावा दिया जा सके और विलय किए जाने वाले कर्जदाताओं का विनियामक अनुपाल सुनिश्चित की जा सके। इससे पहले सरकार ने 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की थी।
देना बैंक, विजया बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय को मंजूरी दी है, इस विलय के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या घटकर 18 रह जाएगी।
सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों देना बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और विजया बैंक के विलय के बाद बनने वाला नया बैंक अगले वित्त वर्ष की शुरुआत में काम करने लगेगा।
सेंसेक्स 294.84 प्वाइंट घटकर 37290.67 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 98.85 प्वाइंट की गिरावट के साथ 11278.90 पर बंद हुआ
यह निर्णय बैंकों की कर्ज देने की क्षमता बढ़ाने और आर्थिक वृद्धि को गति देने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है।
एनपीए के बोझ से दबे सार्वजनिक बैंकों के खातों में स्वच्छता अभियान के तहत साफ-सफाई करने के लिए सरकार ने आज तीन बैंकों का आपस में विलय करने का प्रस्ताव रखा है।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में उसके पांच सहयोगी बैंकों के सफलतापूर्वक विलय से उत्साहित सरकार अन्य सार्वजनिक बैंकों के विलय पर विचार कर रही है।
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