पार्टी और ट्रेड यूनियनों से ऊपर उठकर शुक्रवार को किसानों द्वारा किए जा रहे 12 घंटे लंबे राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन को पंजाब और हरियाणा में अच्छी खासी प्रतिक्रिया मिली है।
तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ कुछ किसान संगठनों ने आज शुक्रवार यानी 26 मार्च को भारत बंद बुलाया है। इस दौरान रेल और सड़क परिवहन सेवाएं प्रभावित होने की संभावना है।
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने 26 मार्च (शुक्रवार) को 'भारत बंद' का अह्वान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक, किसान आंदोलन के 4 महीने (120 दिन) पूरे होने पर 'भारत बंद' किया जा रहा है।
"भारत बंद" का मध्यप्रदेश की वाणिज्यिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में कुछ भी असर नजर नहीं आया
देश भर में पेट्रोल डीजल की महंगाई और वस्तु एवं सेवा कर यानि जीएसटी के प्रावधानों का विरोध कर रहे कारोबारियों ने शुक्रवार को ‘भारत बंद’ (Bharat Bandh) का आयोजन किया है।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा ई-कॉमर्स के मुद्दे पर शुक्रवार के ‘भारत व्यापार बंद’ को लेकर व्यापारी संगठन बंटे दिखाई दे रहे हैं। व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया है।
AITWA और CAIT जीएसटी को सरल बनाने और नए ई-वे बिल को पूरी तरह से खत्म करने या इसके कुछ नियमों में संशोधन की मांग को लेकर शुक्रवार को भारत बंद कर रहे हैं।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAITIndia) ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी/GST) में आने वाली जटिलताओं को लेकर आगामी 26 फरवरी (शुक्रवार) को 'भारत व्यापार बंद' (Bharat Band) की घोषणा की है।
80 साल के सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने गुरुवार को कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन के समर्थन में केंद्र सरकार को चेतावनी दी है।
नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान संगठनों के ‘भारत बंद’ का ज्यादा असर देखने को नही मिला। भारत बंद को 22 विपक्षी दलों ने अपना समर्थन दिया था।
किसान नेताओं ने मंगलवार को ‘भारत बंद’ सफल होने का दावा करते हुए कहा कि जब वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे तो अपनी मांगों पर केवल ‘हां’ या ‘नहीं’ में जवाब मांगेंगे।
नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर आज पूरे देश में किसान संगठनों ने चक्का जाम किया। दोपहर 3 बजे किसानों का चक्का जाम खत्म हो गया है लेकिन किसानों के आंदोलन का एपी सेंटर दिल्ली में भारत बंद पूरी तरह बेअसर दिखा।
वाम नेताओं ने किसानों के ‘भारत बंद’ को समर्थन देते हुए मंगलवार को कहा कि विपक्षी नेताओं ने सोच-समझकर प्रदर्शन स्थलों से दूर रहने का निर्णय किया है। सरकार ने विपक्षी दलों पर राजनीतिक लाभ के लिए किसानों के प्रदर्शन का समर्थन करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार लोकतंत्र में विश्वास करती है इसलिए किसानों से बात कर रही है, और आगे भी करती रहेगी और उनकी शंकाओं का हल करेगी।
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा मंगलवार को आहूत ‘भारत बंद’ का उत्तर प्रदेश में मिलाजुला असर दिखा। भारत बंद का विभिन्न विपक्षी राजनीतिक दल समर्थन कर रहे हैं। प्रशासन किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए पूरी तरह मुस्तैद नजर आ रहा है।
कांग्रेस और वाम दलों के समर्थकों ने मंगलवार को किसानों द्वारा आहूत ‘भारत बंद’ के समर्थन में राज्य में कई स्थानों पर रेल पटरियों को जाम किया और सड़कों पर धरना दिया।
केन्द्र के नए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों द्वारा मंगलवार को आहूत ‘भारत बंद’ के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने सभी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी और शहर में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के पूरे इंतजाम किए हैं।
केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों द्वारा मंगलवार को आहूत भारत बंद के मद्देनजर एक किसान संगठन के सदस्यों ने महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में ट्रेन रोकी।
दिल्ली में पुलिस ने सोमवार को साफ कर दिया था कि अगर कोई बी जबरदस्ती दुकानों को बंद कराने का प्रयास करेगा या सड़कों पर यातायात रोकने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
किसान संगठनों द्वारा नए कृषि कानूनों के विरोध में मंगलवार को बुलाए गए ‘भारत बंद’ का दिल्ली में मिलाजुला असर दिखाई दिया। बंद के दौरान अधिकतर कारोबार और परिवहन सेवाओं का संचालन सुचारू रहा।
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