भारत ने अंतरिक्ष में सफलता की नई इबारत लिख दी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुंसधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-3 को शनिवार को चांद की कक्षा में स्थापित करा दिया है। अब आगामी 23, 24 अगस्त को यह चंद्रमा के दक्षिणी पोल पर लैंडर के साथ उतरेगा। इसके बाद भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के लिए आज का दिन अहम है। चंद्रयान-3 आज शाम चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा।
चंद्रयान-3 के मिशन मून पर निकलने के साथ ही इसके लॉन्च को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह के वीडियो वायरल होने लगे। ऐसे ही एक वायरल वीडियो का इंडिया टीवी की टीम ने फैक्ट चेक किया है और दावे के पीछे की सच्चाई का पता लगाया।
अगर इस मिशन में सफलता मिलती है तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई ने सबसे पहले मिशन मून की शुरुआत की थी। अगस्त 2003 में पूर्व पीएम ने मून मिशन का ऐलान किया और अब 20 वर्षों में तीसरा चंद्रयान चांद के सफर पर है। अगर लैंडर सफल रहा तो चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत दुनिया का पहला देश हो जाएगा।
इसरो का कहना है कि चंद्रयान-3 ने दूसरा ऑर्बिट-रेजिंग मैनूवर सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-3 की लोकेशन अब 41603 km x 226 ऑर्बिट में है।
अगर इस मिशन में सफलता मिलती है तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा।
इसरो ने आज LVM3-M4 रॉकेट के जरिए अपने तीसरे मून मिशन-'चंद्रयान-3' का सफलतापूर्वक लॉन्च किया। जैसे ही लॉन्चर मॉड्यूल और चंद्रयान-3 अलग हुए, पूरा कंट्रोल रूम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो को मिशन चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण पर देश के वैज्ञानिकों को बथाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा-यह हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है
Chandrayaan 3 Sand Art: भारत का तीसरा मून मिशन चंद्रयान-3 के लॉन्च होने से पहले रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने 'Chandrayaan-3' की कलाकृति बनाकर ISRO को विजयी भव: का संदेश दिया।
यह स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी का चक्कर लगाते हुए अगले 45 दिनों में चंद्रमा के ऑरबिट में प्रवेश कर जाएगा। मिशन चंद्रयान 3 को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्वीट किया है।
श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर में 25 घंटे पहले ही लॉन्चिंग के लिए उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। चंद्रयान स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी के ऑरबिट तक इसरों का फैट ब्वॉय कहा जाने वाले जीएसएलवी मार्क 3 रॉकेट लेकर जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इसरो के दफ्तर में मौजूद थे और सबकुछ देख रहे थे। तभी अचानक 2.50 बजे खामोशी छा गई। दरअसल बुरी खबर सामने आई थी।
भारत ने आज अंतरिक्ष में एक और बड़ी छलांग लगा दी है। आज ISRO ने चंद्रमा के अपने तीसरे मिशन चंद्रयान-3 को लॉन्च कर दिया है।
इसरो का चंद्रयान-3 उड़ान भरने के लिए पूरी तरह से तैयार है। शुक्रवार दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर इसे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा।
लॉन्च व्हीकल मार्क 3 III या जीएसएलवी III द्वारा इसे 14 जुलाई दोपहर 2.45 बजे लॉन्च किया जाएगा। बता दें कि चंद्रयान 3 में एक रोवर, एक लैंडर और एक प्रोपल्शन मॉड्यूल शामिल रहेगा।
चंद्रयान-3 को 14 जुलाई 2023 के दिन श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। इससे पहले 2019 में 22 जुलाई को मिशन चंद्रयान 2 लॉन्च किया गया था। इसरो के पूर्व चीफ K Sivan ने मून मिशन(चंद्रयान-2) के लॉन्चिंग में अहम भूमिका निभाई थी।
इसरो अपने बेहद महत्वपूर्ण मिशन चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को लॉन्च करने जा रहा है। चंद्रयान-3 की सफलता इसरो के लिए बेहद अहम साबित होगी। इससे पहले चंद्रयान-2 का लैंडर चंद्रमा की सतह पर नहीं उतर पाया था।
दो दिन बाद यानी 14 जुलाई 2023 को चंद्रयान-3(Chandrayaan-3) की लॉन्चिंग होगी। ऐसे में आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए बताएंगे कि आखिर हमारी पृथ्वी से मून तक की दूरी कितनी है।
इसरो अपने चंद्रयान-3 मिशन की लॉन्चिंग के लिए पूरी तरह से तैयार है। 14 जुलाई को श्रीहरीकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इसे लॉन्च किया जाएगा।
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