ऊर्जा उपकरण बनाने वाली सार्वजनिक कंपनी भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए 39 प्रतिशत अंतिम लाभांश का भुगतान किया।
देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए सरकार को लाभांश के रूप में 2,207 करोड़ रुपए का भुगतान किया है।
RIL ने आज अपने प्रत्येक शेयरधारक को एक शेयर के बदले एक बोनस शेयर देने की घोषणा की है। कंपनी ने 12 साल पहले शेयरधारकों को बोनस शेयर जारी किए थे।
भारत की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सर्विसेस एक्सपोर्टर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (TCS) का वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में मुनाफा 5.9 प्रतिशत घटा है।
आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं तो यह खबर आपको मुश्किल में डाल सकती है। सरकार अगल वित्त वर्ष से डिविडेंड पर 10 फीसदी टैक्स लगाने की तैयार कर रही है।
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को वित्त वर्ष 2016-17 में कुल 1,80,117 करोड़ रुपए की निवेश आय हुई। एलआईसी देश की सबसे बड़ी घरेलू संस्थागत निवेश कंपनी भी है।
HDFC लिमिटेड ने गुरुवार को बताया कि मार्च 2017 को समाप्त तिमाही में उसका एकल शुद्ध लाभ 21.6 प्रतिशत घटकर 2,044.20 करोड़ रुपए रहा।
Double Bonanza: HPCL, BPCL और IOC और हिंदुस्तान जिंक ने बड़े डिविडेंड का ऐलान किया है। लिहाजा निवेशक अगले 5 दिन में डबल मुनाफा कमा सकते है।
सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उपकरण बनाने वाली कंपनी BHEL ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए अपने शेयरधारकों को 40 प्रतिशत अंतरिम लाभांश का भुगतान किया है।
पवन हंस लिमिटेड के कर्मचारियों ने PMO को पत्र लिखकर कंपनी में सरकार की समूची 51 प्रतिशत हिस्सेदारी के विनिवेश के फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया है।
गिरते शेयर बाजार के बीच इन्वेस्टर्स NMDC, कोल इंडिया, IFCI, NHPC, में निवेश कर सकते है। ये कंपनियां अच्छे रिटर्न के साथ-साथ डिविडेंड भी देती आ रही है।
इन्फोसिस ने अपने जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजों का ऐलान कर दिया है। इस दौरान कंपनी का मुनाफा 5 फीसदी बढ़कर 3,606 करोड़ रुपए हो गया है।
बाजार नियामक सेबी ने शीर्ष 500 सूचीबद्ध कंपनियों के लिए लाभांश वितरण नीति को अनिवार्य बना दिया है।
शेयर बाजार में निवेेश करने वालों की चांदी होने वाली है। हीरो मोटोकॉर्प ने अपने निवेशकों को प्रति शेयर 40 रुपए का डिविडेंड देने की घोषणा की है।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए रेलवे कन्वेंशन कमेटी ने 2015-16 में सरकार से चार फीसदी डिविडेंड दिए जाने की सिफारिश की है।
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