इजरायल की सेना ने हमास के एक और डिप्टी कमांडर को हवाई हमले में मार गिराया है। मारे गए हमास आतंकी का नाम मुहम्मद कटमश है, जो आग और तोपखाना प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालता था। इजरायली एयरफोर्स ने उसे एक हवाई हमले में ढेर कर दिया है।
ताइवान ने अपने रक्षा क्षेत्र में चीन के 20 सैन्य विमानों के घुसने का आरोप लगाया है। ये चीनी फाइटर जेट और ड्रोन पिछले 24 घंटे से ताइवान के हवाई क्षेत्र में उड़ान भर रहे हैं। ताइवान ने इसका कड़ा विरोध जाहिर किया है। मगर चीन की ओर से अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन की संबंधों को सामान्य करने की कोशिशों के तहत बीजिंग यात्रा के बीच चीन ने ताइवान के हवाई और जल क्षेत्र में लड़ाकू विमान एवं युद्धपोत भेजे हैं।
डिफेंस सेक्टर में भारत लगातार आत्मनिर्भरता हासिल करता जा रहा है। अब भारत की निर्भरता रक्षा उपकरणों के लिए दूसरे देशों पर से खत्म हो रही है। भारत की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और अमेरिकी जीई एयरोस्पेस में करार हुआ है। अब युद्धक विमानों के इंजन भारत में ही बनेंगे।
रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि ये कोई छोटी गलती नहीं है। अपने ही इलाके में बम कैसे छोड़ा जा सकता है, इस मामले की जांच की जा रही है।
ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन की हालिया अमेरिका यात्रा से भड़के चीन ने शनिवार को ताइवान जलडमरूमध्य की तरफ युद्धपोत और दर्जनों लड़ाकू विमान भेजे। इससे अफरातफरी मच गई। ऐसा पहली बार नहीं है, जब चीन ने ताइवान की ओर अपने लड़ाकू विमान भेजा हो। इसस पहले भी चीन ताइवान पर मानसिक दबाव बनाने के मकसद से ऐसा कर चुका है।
ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि एस्टोनिया में एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के साथ कम्यूनिकेशन नहीं कर पाने के चलते रूसी विमान को एस्कॉर्ट करने के लिए नाटो के दो विमानों को भेजा गया।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद इजरायल-ईरान युद्ध भी शुरू हो चुका है और अब अब ताइवान-चीन युद्ध की आशंकाएं भी बढ़ गई हैं। अभी दो दिन पहले ही जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने चीन द्वारा ताइवान पर हमले की आशंका जताई थी। किशिदा का यह अंदेशा 48 घंटे के अंदर ही सच होता दिख रहा है।
यूक्रेन युद्ध मामले में जर्मनी बार-बार अपना स्टैंड बदल रहा है। कभी वह पूरी तरह यूक्रेन के साथ खड़ा दिखता है तो कभी मदद से अपने हाथ पीछे खींच लेता है। यूक्रेन को लैपर्ड-2 टैंक देने का वादा करने के बाद भी जर्मनी काफी दिनों तक कभी हां तो कभी न करता रहा।
मध्य प्रदेश के मुरैना में अभ्यास के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हुए मिराज-2000 और सुखोई-30 एमकेआइ फाइटर जेट की गणना भारत के सबसे ताकतवर विमानों में होती है। पाकिस्तान के बालाकोट में की गई सर्जिकल स्ट्राइक भी मिराज-2000 लड़ाकू विमान के जरिये ही की गई थी।
फ्रांस की रक्षा समिति के अध्यक्ष थॉमस गैसिलौड ने कहा कि फ्रांस लड़ाकू विमानों की यूक्रेन की मांग को पूरा कर सकता है। वहीं कीव के रक्षा मंत्री के सलाहकार ने कहाकि 'परमाणु हथियारों के अलावा ऐसा कुछ नहीं बचा है जो हमें नहीं मिलेगा'।
Russia-Ukraine War Update: यूक्रेन के साथ करीब सात महीनों से चल रहे भीषण युद्ध में रूस को भयानतक तबाही का सामना करना पड़ा है। यूक्रेन का दावा है कि उसने अब तक रूस के 62 हजार से अधिक सैनिकों को मौत की नींद सुला दिया है। वहीं हजारों रूसी जंगी वाहन खाक कर दिए गए हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन जब जापान में मौजूद थे, जब चीन और रूस के लड़ाकू विमानों ने संयुक्त रूस से उड़ान भरी थी।
ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में इतने विमानों की आवाजाही के बाद अमेरिका भड़क गया है और उसने चीन को चेतावनी दे दी है। अमेरिका ने इस मामले पर चीन से उसकी उकसाने वाली सैन्य गतिविधियों को रोकने के लिए कहा है।
इस वीडियो में कम से कम 4 सुपर टुकानों फाइटर प्लेन्स दिख रहे हैं। एक एक प्लेन की कीमत 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा है लेकिन चूंकि उन्हें उडाने वाला कोई नही है, अफगानिस्तान एयरफोर्स के पायलट्स ड्यूटी ज्वाइन नहीं कर रहे इसीलिए 8000 करोड़ से ज्यादा की कीमत वाले ये विमान अब झूला झूलने के काम आ रहे हैं।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक ऐसी आधुनिक तकनीक तैयार की है भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों को रडार की पकड़ में आने से बचाएगी।
चीन ने मंगलवार को ताइवान की तरफ 28 लड़ाकू विमान भेजे। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि चीन के लड़ाकू विमान पिछले साल से लगभग रोजाना ही ताइवान की तरफ उड़ान भर रहे हैं।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के लिए जासूसी करने पर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के एक कर्मचारी की गिरफ्तारी का मामला सामने आया है।
चीन और ताइवान के बीच पिछले कुछ महीनों से लगातार खराब होते संबंध अब काफी बुरे दौर में पहुंच चुके हैं। ताइवान की अमेरिका से बढ़ती नजदीकियों से बौखलाए चीन ने अब अपने युद्धक विमान ताइवानी वायुक्षेत्र में भेजने शुरू कर दिए हैं।
नई पीढ़ी के युद्धक विमान डिजाइन करने और उनका उत्पादन करने के मामले में अमेरिका की बराबरी करने की कोशिश कर रहा चीन फिलहाल अंकल सैम से कई साल पीछे है।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़