भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान (ह्यूमन स्पेस फ्लाइट) रॉकेट में सुरक्षा के मामले में कई अतिरेक/बैकअप सिस्टम होंगे। इसके साथ ही सुरक्षा के लिहाज से रॉकेट के निर्माण के लिए आवश्यक हार्डवेयर भी उपलब्ध होंगे।
कोरोना वायरस महामारी के कारण ‘गगनयान’ के पहले चरण के तहत भारत के मानवरहित अंतरिक्ष अभियान को भेजने में देरी हो सकती है जिसके दिसंबर 2020 में प्रक्षेपण की योजना है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के चेयरमैन के सिवन सम्बोधन कर रहे हैं।
साल 2020-2021 में ISRO ने 36 मिशन प्लान किये हैं, लेकिन कोरोना के चलते अधिकांश मिशन का प्रोगेस प्लान के मुताबिक नहीं हो पा रहा है, साथ ही इसरो के पहले मानव रहित मिशन में भी देरी की संभावना अब बढ़ गयी है।
भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान गगनयान के लिए चुने गए चार भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों ने रूस में फिर से प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर ‘गगनयान मिशन’ के लिये चार उम्मीदवारों का चयन हुआ है जिन्हें एक साल के लिये रूस में प्रशिक्षण दिया जायेगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को मानवरहित अंतरिक्ष मिशन के लिए पहली बार ह्यूमनॉइड 'व्योम मित्र' का अनावरण किया।
ISRO चीफ के शिवन ने यह भी बताया कि चंद्रमा की सतह पर उतरने के अगले प्रयास चंद्रयान-3 के प्रोजेक्ट पर भी काम शुरू हो चुका है और यह प्रोजेक्ट तेजी से चल रहा है
2022 में अंतरिक्ष की यात्रा पर जाने वाले गगनयान मिशन के अंतरिक्षयात्रियों के लिए डीआरडीओ ने विशेष खाना
इसरो प्रमुख के. सिवन ने कहा है कि तीसरे चंद्रयान मिशन को सरकार की मंजूरी मिल गई है और इससे संबंधित सभी गतिविधियां सुचारू रूप से चल रही हैं।
आखिर ऐसी क्या तकनीकी खामी आई थी जिस वजह से लैंडर विक्रम इतिहास रचने से चूक गया था? बुधवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष के शिवन ने इसके बारे में जानकारी दी
भारत के अंतरिक्ष में पहले मानव मिशन ‘गगनयान’ के लिए 12 संभावित यात्रियों को चुना गया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ‘गगनयान’ परियोजना के लिए मानव केंद्रित प्रणालियां विकसित करने के लिहाज से सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये।
भारत के स्पेस मिशन गगनयान के लिए अंतरिक्ष यात्रियों के सिलेक्शन का पहला चरण पूरा कर लिया गया है।
अंतरिक्ष उत्साहियों के लिए चंद्रमा पर मानव मिशन भेजना हमेशा एक बड़ा सपना रहा है, और इस क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों स्पेस एक्स के सीईओ रलोन मस्क, ब्लू ऑरिजिन के सीईओ जेफ बेजोस और वर्जिन गैलेक्टिस के संस्थापक सर रिचर्ड ब्रानसन के साथ ही नासा का लक्ष्य मनुष्य को गहरे अंतरिक्ष में भेजना है, जिसके लिए चंद्रमा आने वाले सालों में एक पड़ाव का काम करेगा।
अमेरिका इंसान को अंतरिक्ष में भेजने के मिशन के लिए भारत के कार्यक्रम पर उसके साथ एक कार्यकारी समूह बनाने को इच्छुक है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों ने शुक्रवार को संकेत दिया कि देश के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ से जाने वाले अंतरिक्ष यात्री पायलट हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में गगनयान परियोजना की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को 2022 तक अमल में लाया जाएगा
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