रिजर्व बैंक ने गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम (जीएमएस) को आकर्षक बनाने के लिये इसमें कुछ बदलाव किया है। योजना में सुधार का मकसद लोगों को स्वर्ण बचत खाता खोलने को सुगम बनाना है।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में सरकारी गोल्ड बांड की पहली खेप की बिक्री 16 अप्रैल से शुरू करने की घोषणा की है। इसमें निवेशकों को 2.5 प्रतिशत सालाना ब्याज दिया जाएगा।
गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में कम रिटर्न व टैक्स संबंधी चिंताओं के चलते इस योजना में अभी तक केवल तीन टन सोना ही जमा हो पाया है।
सरकार ने शनिवार को बताया कि गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत अब तक घरों और मंदिरों में बेकार रखा 900 किलो सोना उसे प्राप्त हुआ है।
मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट ने फैसला किया है कि वह 40 किलो सोना सरकार की गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत देगी। मंदिर के पास 165 किलोग्राम सोना है।
सरकार ने गोल्ड एक्सचेंज का विचार दिया है। यह एक पारदर्शी प्लेटफॉर्म होगा, जहां आभूषण निर्माता स्थानीय स्तर पर ही सोने की खरीद कर सकते हैं।
5 नवंबर को लॉन्च हुई गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में अभी तक केवल 400 ग्राम सोना ही जमा हुआ है।
नरेंद्र मोदी पांच नवंबर को अशोक चक्र वाला इंडिया गोल्ड कॉइन लॉन्च करेंगे। इसी दिन गोल्ड मोनेटाइजेशन और सॉवरेट गोल्ड बांड स्कीम को भी लॉन्च किया जाएगा।
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