कोरोना वायरस की वजह से अप्रैल से जून के दौरान देश में लॉकडाउन लगा हुआ था और लॉकडाउन के दौरान देश में अधिकतर व्यावसायिक गतिविधियां बंद थी ऐसे में इस तिमाही के दौरान अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा है जून में खत्म हुई तिमाही के दौरान अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की तेज गिरावट दर्ज हुई है।
फिच रेटिंग्स ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत के वृद्धि के अनुमान को घटा कर 8 प्रतिशत कर दिया है। एजेंसी ने पिछले माह इसके 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
पूरे वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था में गिरावट आएगी ही, प्रत्येक तिमाही के दौरान भी अर्थव्यवस्था नीचे आएगी।
मंत्रालय ने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर के 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2018-19 में 6.1 प्रतिशत थी।
राहुल गांधी के नौकरियों के संकट को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने कहा कि आज वक्त की जरूरत है कि लोगों को सिर्फ सरकारी नौकरी पर निर्भर ना रखा जाए, उनके लिए नए अवसर पैदा किए जाएं।
पूरी दुनिया में फैली कोरोना वायरस महामारी के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए शुक्रवार को कई बड़े ऐलान किए।
वर्ष 2019 में वृद्धि 5 प्रतिशत रहने का आकलन है। मूडीज ने कहा है कि अनुमानित वृद्धि दर के हिसाब से भारत में 2020 में आय में तेज गिरावट हो सकती है।
2020 के लिए 5.3 प्रतिशत वास्तविक जीडीपी वृद्धि अनुमान 2019 के 5.3 प्रतिशत वृद्धि अनुमान के बराबर और 2018 में 7.4 प्रतिशत की हालिस की गई वृद्धि दर से काफी कम है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे से पहले भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छी खबर आई है। भारत दुनिया की पांच बड़ी अर्थव्यवस्था में शामिल हो गया है।
आईजीआईडीआर के प्रोफेसर आर. नागराज का मानना है कि 2024 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य अत्यंत महत्वाकांक्षीय है।
फिच ने अपने बयान में कहा है कि आसान मौद्रिक और राजकोषीय नीति एवं संरचनात्मक उपायों की मदद से वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की वृद्धि दर रिकवर होकर 5.6 प्रतिशत और इसके अगले वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत रहेगी।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी देश की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान सात प्रतिशत से घटाकर 6.1 प्रतिशत किया है। विश्वबैंक ने भी यह अनुमान घटाकर छह प्रतिशत कर दिया है।
मूडीज ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि हमनें भारत के लिए अपने वृद्धि अनुमान में संशोधन किया है और इसे पूर्व अनुमान की तुलना में और कम कर दिया है।
कमजोर वैश्विक अर्थव्यवस्था से एशियाई निर्यात प्रभावित हुआ है। इसके अलावा अनिश्चित वातावरण की वजह से भी निवेश पर असर पड़ा है।
क्रिसिल ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को पूर्व के 7.1 प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है।
धीमी वैश्विक वृद्धि और देश में कमजोर मानसून के बीच आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 7.1 प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने जीडीपी और रोजगार से जुड़े तमाम आंकड़े शुक्रवार को जारी कर दिए हैं।
संयुक्तराष्ट्र की वैश्विक आर्थिक स्थिति एवं संभावनाएं (डब्ल्यूईएसपी) 2019 रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2020-21 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहेगी
भारत 2019 में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की सूची में ब्रिटेन को पीछे छोड़ सकता है। वैश्विक सलाहकार कंपनी PwC की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
2019 के लिए चीन की ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया गया है। यानि 2018 के साथ 2019 में भी GDP ग्रोथ के मामले में चीन से आगे रहेगा
संपादक की पसंद