जम्मू-कश्मीर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राजनीतिक नेताओं की बैठक के एक दिन बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने इंडिया टीवी के साथ विशेष बातचीत की।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया और शांतिपूर्ण चुनाव जम्मू-कश्मीर में पूर्ण राज्य की बहाली के प्रमुख मील के पत्थर हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर पर 8 राजनीतिक दलों के 14 नेताओं संग करीब साढ़े 3 घंटे तक बैठक की। प्रधानमंत्री आवास पर चली बैठक में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने, पूर्ण राज्य बहाली और अनुच्छेद 370 हटाने समेत अन्य मुद्दों पर खुलकर बातचीत हुई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने दिल्ली आवास पर जम्मू और कश्मीर के शीर्ष राजनीतिक नेताओं के साथ बातचीत की, 2019 में इस क्षेत्र की विशेष स्थिति को समाप्त करने के बाद इस तरह की यह पहली बैठक |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों की बैठक नई दिल्ली में उनके आधिकारिक आवास पर चल रही है। जम्मू-कश्मीर में भविष्य की राजनीतिक कार्रवाई को चाक-चौबंद करने के लिए चार पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित 14 नेताओं के साथ यह एक महत्वपूर्ण बैठक है।
पीएम मोदी की जम्मू-कश्मीर की बैठक को लेकर ममता बनर्जी ने तंज भरे लहजे में कहा कि जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा छीनने की क्या जरूरत थी, जम्मू-कश्मीर की आजादी नहीं छीननी चाहिए।
जम्मू-कश्मीर के आठ राजनीतिक दलों के नेता, जिनमें से कई अगस्त 2019 में राज्य के विभाजन के बाद से महीनों तक हिरासत में रहे बैठक में हिस्सा लिया | इस दौरान अमित शाह, मनोज सिन्हा आदि नेता मौजूद रहे |
सेना के चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल डी पी पांडे ने कुपवाड़ा जिले में हंदवाड़ा में एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं को बताया, “हिंसा के मापदंड करीब 50 प्रतिशत तक घटे हैं।
जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 के खात्मे के बाद आज पहली बार केन्द्र और जम्मू कश्मीर की राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के बीच बातचीत हो रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर हो रही इस बातचीत में जम्मू कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत 14 नेता शामिल हो रहे हैं। ये बैठक आज दोपहर बाद 3 बजे पीएम आवास पर होगी।
जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 के खात्मे के बाद आज पहली बार केन्द्र और जम्मू कश्मीर की राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के बीच बातचीत हो रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर हो रही इस बातचीत में जम्मू कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत 14 नेता शामिल हो रहे हैं। ये बैठक आज दोपहर बाद 3 बजे पीएम आवास पर होगी। दो साल पहले 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 खत्म करके राज्य को दो यूनियन टेरिटरी में बांट दिया गया था जिसके बाद से केन्द्र और सूबे की राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के बीच ये पहली बातचीत है। हालांकि अभी तक इस मीटिग का एजेंडा सामने नहीं आया है लेकिन इस बातचीत पर श्रीनगर से लेकर दिल्ली और इस्लामाबाद तक सबकी निगाहें लगी हैं।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कश्मीर विवाद के समाधान के लिए पाकिस्तान के साथ बातचीत करनी चाहिए और क्षेत्र में शांति लाना चाहिए।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में 24 जून को होने वाली सर्वदलीय बैठक में शामिल होने को लेकर गुपकार (पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन) मंगलवार को अपनी एक बैठक करेगा। इस बैठक में फैसला किया जाएगा कि गुपकार गठबंधन के नेताओं को इस बैठक में शामिल होना है या नहीं।
क्या कश्मीर पर 'गेमचेंजर' फैसला होगा.. कश्मीर पर मीटिंग का डोवल एंगल क्या है? देखिए रिपोर्ट l
24 जून को प्रधानमंत्री मोदी के साथ जम्मू कश्मीर के प्रमुख राजनीतिक दलों के नोताओं की बैठक के लिए सभी नेताओं को न्यौता दिया गया है। जम्मू - कश्मीर के कई नेताओं ने बैठक में भाग लेने के लिए मिले निमंत्रण की जानकारी दी है। 24 जून को प्रधानमंत्री के आवास पर होने वाली बैठक के लिए गृह सचिव अजय भल्ला ने जम्मू-कश्मीर के आठ दलों के 14 नेताओं को फोन कर इनविटेशन दिया है।
राजधानी दिल्ली में 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक के लिए जम्मू-कश्मीर के 14 नेताओं को आमंत्रित किया गया है, जिसमें तत्कालीन राज्य के चार पूर्व मुख्यमंत्री भी शामिल हैं।
चिराग पासवान ने दिल्ली स्थित अपने आवास पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित कर दावा किया उनके चाचा पारस की ओर से किए गए दावे पूरी तरह गलत और निराधार हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता कर सकते हैं। केंद्र सरकार यह बैठक 24-25 जून तक बुलाने पर विचार कर रही है।
वरिष्ठ भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के उस बयान पर कांग्रेस से अपना रुख स्पष्ट करने का कहा है।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की सोशल मीडिया पर एक ऑडियो चैट में इस कथित टिप्पणी को लेकर शनिवार को एक विवाद खड़ा हो गया कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना और राज्य का दर्जा खत्म करना ‘बहुत दुखद’ है तथा उनकी पार्टी सत्ता में आने इस पर ‘‘पुनर्विचार’’ करेगी। उनकी इस टिप्पणी को लेकर भाजपा ने निशाना साधा और उन पर भारत के खिलाफ जहर उगलने और ‘‘पाकिस्तान की भाषा’’ बोलने का आरोप लगाया। भाजपा का दावा है कि सिंह ने पाकिस्तानी मूल के पत्रकार के साथ संवाद के दौरान यह टिप्पणी की।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ‘क्लब हाउस’ संवाद के दौरान यह टिप्पणी करके एक विवाद को जन्म दे दिया कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना और राज्य का दर्जा खत्म करना ‘बहुत दुखद’ है तथा उनकी पार्टी इस पर पुनर्विचार करेगी। उनकी इस टिप्पणी को लेकर भाजपा ने निशाना साधा और कांग्रेस पर भारत के खिलाफ बोलने तथा पाकिस्तान की ‘हां में हां’ मिलाने का आरोप लगाया।
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