चंडीगढ़ में हुई इस बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए सरकार ने कहा कि कुछ मुद्दों पर सहमति बनी है। हालांकि कुछ विषयों पर अभी वार्ता जारी है। अब रविवार को चौथे दौर की वार्ता भी चंडीगढ़ में ही होगी।
वीडियो में दिख रहा है कि लोगों की भीड़ पत्थर इकट्ठा करके ला रही है, फिर उन्हें तोड़कर पुलिस के ऊपर फेंक रही है। हरियाणा पुलिस ने हा कि यह एक साजिश है क्योंकि वे कैरी बैग में पत्थर लेकर आए थे और उन्होंने अपना चेहरा भी ढक लिया था।
चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्र सरकार के मंत्रियों की तीसरे राउंड की बैठक जारी है। यह दोनों पक्षों के बीच तीसरे चरण की वार्ता है। केंद्रीय मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री भगवंत मान अलग-अलग 17 किसान संगठनों के नेताओं को लगातार समझा रहे हैं।
शंभू बॉर्डर पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव पंधेर ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें मान ली जानी चाहिए। मोबाइल इंटरनेट सेवाओं के निलंबन का जिक्र करते हुए पंधेर ने आरोप लगाया कि सरकार 'हमें (किसानों को) मणिपुर की तरह कुचलना चाहती है।
किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च का आज तीसरा दिन है। प्रदर्शनकारी किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और ऋण माफी पर कानून सहित अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए पंजाब और हरियाणा की शंभू और खनौरी सीमाओं पर दिल्ली की ओर मार्च करने के लिए रुके हुए हैं।
किसान संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच कर गए हैं। वे दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे, उन्हें रोकने की तैयारी की गई है लेकिन किसान अपनी जिद पर अड़े हैं। किसानों ने कब-कब अपनी आवाज उठाई है, जानते हैं प्रमुख किसान आंदोलनों के बारे में-
किसान दिल्ली में एंट्री के लिए आमादा हैं। वहीं, पुलिस उन्हें रोकने के प्रयास में जुटी है। इस दौरान किसान और पुलिस के बीच मंगलवार को हिंसक झड़प भी हुई। पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें की।
Farmer Protest LIVE Updates: किसानों का 'दिल्ली चलो' मार्च का आज दूसरा दिन है। प्रदर्शनकारी किसान पंजाब-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर ट्रैक्ट्रर ट्रॉली के साथ डटे हैं
Farmer Protest: हरियाणा पुलिस के मुताबिक पंजाब पुलिस उन्हे बिल्कुल भी सहयोग नही कर रही है। हरियाणा पुलिस का बुधवार का एक्शन और भी सख्त होगा। हरियाणा पुलिस के मुताबिक शंभू बॉर्डर पर जो इंतजाम किए गए है,उन्हे तोड़ना,संभव नहीं है।
किसान संगठनों ने कहा कि अब सुबह एक बार फिर वो दिल्ली के लिए आगे बढ़ेंगे। किसान संगठनों ने कहा कि ये कोई नई मांगें नहीं हैं, ये सरकारों द्वारा की गई प्रतिबद्धताएं हैं। हमने सरकार को इनके बारे में याद दिलाने की कोशिश की।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा केंद्र सरकार के उस दल का हिस्सा थे जो कि किसनों से बात करने चंडीगढ़ गए थे। सोमवार की रात चंडीगढ़ में सरकार और किसानों के बीच हुई बैठक बेनतीजा हो गई थी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों के दिल्ली चलो मार्च का समर्थन किया है और केंद्र की एनडीए सरकार पर हमला बोला है। केजरिवाल ने कहा है कि अन्नदाता को जेल में डालना गलत है।
किसान अपनी मांगों को लेकर आज फिर से सड़क पर है। आज सुबह 10 बजे से किसान दिल्ली की तरफ कूच कर गए हैं जिसे लेकर दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। आखिर किसान किस बात से नाराज हैं और उनकी क्या मांगें हैं, जानिए-
Farmers protest Traffic Jam LIVE Update: किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च की वजह से पंजाब-हरियाणा बॉर्डर, हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर और दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर भीषण जाम लग गया है।
दिल्ली में एक महीने के लिए धारा 144 भी लागू कर दी गई है। वहीं, दिल्ली-यूपी, दिल्ली-पंजाब और दिल्ली-हरियाणा को जोड़ने वाली सीमाओं पर भारी पुलिस बल तैनात है। प्रशासन की कोशिश किसानों को दिल्ली में किसी भी तरह प्रवेश करने से रोकना है।
Farmer Protest Live Update: किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए 'दिल्ली चलो' विरोध मार्च के मद्देनजर सिंघू बॉर्डर और गाज़ीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। पुलिस ने हरियाणा से दिल्ली आने वाले मार्गों पर बैरिकेडिंग कर दी गई है। इसके अलावा यूपी से दिल्ली में आने पर रोड भी सील कर दिए गए हैं।
किसान प्रतिनिधियों ने पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां से मुलाकात कर अपनी मांगें उनके सामने रखी। किसानों की मांग है कि कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 के आंदोलन के दौरान उनके खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर पिछले 50 दिन से किसान अपनी समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं, जबकि पिछले 29 दिन से यमुना प्राधिकरण के सलारपुर क्षेत्र में किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के बैनर तले 3 साल बाद आज दिल्ली के रामलीला मैदान में हजारों किसान फिर जुटे हैं। किसान नेता दर्शन पाल ने कहा, ''हर राज्यों में संयुक्त किसान मोर्चा बन चुका है। आंदोलन की तैयारी की घोषणा की जाती है।''
किसान संगठनों के संयुक्त किसान मंच ने रविवार को बताया कि ‘किसान महापंचायत’ कृषि उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गांरटी को लेकर दबाव बनाने के लिए बुलाई गई है।
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