सरकार से बातचीत के लिए नियुक्त 5 किसान नेताओं की बुधवार को बैठक होगी।इसी में आंदोलन को खत्म करने या आगे की रणनीति पर फैसला लिया जा सकता है।
PM Modi के ऐलान के बाद सदन से कृषि कानून को वापस लिया जा चुका है लेकिन, किसान एमएसपी पर कानूनी गारंटी, किसानों पर लगाए गए फर्जी मुकदमों को वापस लेने और आंदोलन के दौरान मरे किसानों के परिवार को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।
कहा जा रहा है कि इस मीटिंग में किसान आंदोलन खत्म करने पर फैसला हो सकता है क्योंकि पंजाब के ज्यादातर किसान संगठन तीन कृषि कानून रद्द होने के बाद अब आंदोलन जारी रखने के मूड में नहीं हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि कुछ दिन पहले सदन में एक सवाल पूछा गया कि क्या केंद्र सरकार 700 मृतक किसानों (किसान आंदोलन के दौरान हुई किसानों की मौत) को मुआवज़ा देगी या नहीं? इसका जवाब मिला कि उनके पास किसानों का कोई रिकॉर्ड नहीं था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिनों पहले घोषणा की थी कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस लेगी और इस तरह सरकार ने किसानों की मांग को मान लिया।
कृषि मंत्री ने कहा, तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद अब आंदोलन का कोई मतलब नहीं रह जाता है। बड़े मन का परिचय देते हुए पीएम मोदी की अपील को मानें और किसान घर वापस लौटें।
किसान नेता गुरुनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि अपनी पार्टी बनाएंगे उसे चुनाव लड़वाएंगे। उन्होंने कहा, "मैं पंजाब से चुनाव नहीं लड़ रहा हूं लेकिन पंजाब के लोगों को इकट्ठा करके चुनाव लड़वा रहा हूं।"
किसान संगठनों ने सरकार को अपनी मांगों पर झुकाने के लिए एक नया प्लान तैयार कर लिया है। प्लान एकदम साफ है जब तक एमएसपी समेत 6 मांगों पर मोदी सरकार फैसला नहीं करती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
कंगना रनौत की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ गई हैं। अभिनेत्री के खिलाफ मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज हुई है।
SKM ने किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने और तीन विवादास्पद केंद्रीय कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले प्रदर्शनकारियों के लिए स्मारक बनाने की भी मांग की।
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने कहा कि कानून वापस के एलान होने से एक बड़ी राष्ट्रीय विपदा टल गई है। उन्होंने कहा कि आंदोलन में कुछ ऐसे गुट थे, जो सिख सोच, निशान, फलसफे, इतिहास और भावनाओं को दरकिनार कर रहे थे।
लखनऊ के बंगला बाजार के इको गार्डन पर किसान महापंचायत का आयोजन किया गया है। इस महापंचायत का एजेडा MSP गारंटी कानून, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की बर्खास्तगी और किसानों की समस्याओं के साथ महंगाई के मुद्दे भी होंगे।
इस महापंचायत का एजेडा MSP गारंटी कानून, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की बर्खास्तगी और किसानों की समस्याओं के साथ महंगाई के मुद्दे भी होंगे। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से रात भर ट्रेन और बसों के जरिए किसान लखनऊ पहुंचते रहे।
केंद्र सरकार द्वारा विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा किए जाने पर कंडेला खाप के प्रधान ओमप्रकाश कंडेला व प्रवक्ता जगत सिंह रेढू ने कहा कि किसान-मजदूर की जीत हुई है और अंहकारी प्रधानमंत्री को किसानों के सामने झुकना पड़ा व मुंह की खानी पड़ी है। उन्होंने कहा कि शहीद किसानों की शहादत ने हरियाणा सरकार व (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केन्द्र की) मोदी सरकार को झुकाया है।
कृषि विरोधी कानूनों के खिलाफ तीन प्रमुख प्रदर्शनस्थलों में एक गाजीपुर बार्डर पर प्रदर्शनकारी कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद उत्साह से भरे नजर आ रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि गांव में उन्हें यह स्थल बहुत याद आएगा।
प्रियंका गांधी ने कहा कि यह देश किसानों ने बनाया है, यह देश किसानों का है, किसान ही इस देश का सच्चा रखवाला है और कोई सरकार किसानों के हित को कुचलकर इस देश को नहीं चला सकती।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार तीनों कृषि कानून किसानों के भले के लिए लेकर आई थी लेकिन वो कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए और अब सरकार कृषि कानूनों को वापस ले रही है।
पीएम मोदी ने आज घोषणा की कि वो तीनों कृषि कानून वापस ले रहे हैं, जिसके बाद सेलेब्स रिएक्शन दे रहे हैं। जानिए किसने क्या कहा?
दिल्ली के सिंघु, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर पर किसान लंबे समय से धरना दिए हुए बैठे हैं, आंदोलन पिछले साल शुरू हुआ था और लगभग एक साल पूरा होने को है।
भाकियू किसानों से अपील करते हुए कहा कि, जल्द गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे और आंदोलन को मजबूत करें। प्रत्येक दिन आंदोलन के खिलाफ साजिश हो रही है, हर साजिश के खिलाफ हमें तैयार रहना है।
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