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किसानों की इमरजेंसी बैठक में क्या होगा फैसला? एक साल बाद खत्म होगा किसान आंदोलन?

सरकार से बातचीत के लिए नियुक्त 5 किसान नेताओं की बुधवार को बैठक होगी।इसी में आंदोलन को खत्म करने या आगे की रणनीति पर फैसला लिया जा सकता है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : Dec 08, 2021 07:33 am IST, Updated : Dec 08, 2021 10:04 am IST
आंदोलन करते किसान- India TV Hindi
Image Source : PTI आंदोलन करते किसान

Highlights

  • एक साल बाद खत्म होगा किसान आंदोलन? फिर से बैठक आज
  • जानें- कानून वापसी के बाद भी क्यों नहीं हो रही किसानों की घर वापसी
  • सरकार के प्रस्ताव पर राकेश टिकैत ने सवाल उठाये

नई दिल्ली: एक साल से भी अधिक समय चल रहा किसान आंदोलन क्या आज यानी बुधवार को खत्म हो जाएगा? दरअसल, मंगलवार को बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में  किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा था, 'संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में सरकार के प्रस्ताव पर कई घंटों तक चर्चा हुई। कुछ ऐसे सवाल थे जिन पर स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। उन सवालों को नोट किया गया और अब जवाब के लिए उन्हें वापस सरकार को भेजा जाएगा। उम्मीद है कि कल तक सरकार का जवाब मिल जाएगा। सरकार की तरफ से जो जवाब आएगा, उसके आधार पर कल चर्चा की जाएगी और आगे का कदम तय होगा।' अब किसान संगठनों ने सुबह दस बजे की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि इसमें अहम फैसला संगठन के द्वारा लिया जा सकता है।

किसानों ने कहा, आज की बैठक में फैसला

वहीं, किसानों के मुताबिक केंद्र की तरफ से किसानों के सामने शर्त रख दी गई है। सरकार का कहना है कि किसान पहले आंदोलन खत्म करें फिर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने मंगलवार को हुई बैठक के बूाद कहा कि उसने आंदोलन को समाप्त करने का अनुरोध करने वाले सरकार के प्रस्ताव का जवाब दिया है। इसमें कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। संगठन ने कहा कि उसने किसानों पर दर्ज “फर्जी” मामले वापस लेने के लिए आंदोलन समाप्त करने की सरकार की पूर्व शर्त पर भी स्पष्टीकरण मांगा है। अब सरकार से बातचीत के लिए नियुक्त 5 किसान नेताओं की बुधवार को बैठक होगी। पहले ये बैठक दो बजे होने वाली थी लेकिन अब किसानों ने सुबह दस बजे ही बैठक बुलाई है। इसी में आंदोलन को खत्‍म करने या आगे की रणनीति पर फैसला लिया जा सकता है। वहीं, भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) नेता राकेश टिकैत ने सरकार की मंशा पर संदेह जाहिर किया है।

किसान नेताओं के मुताबिक वे इस मुद्दे पर बुधवार दो बजे एक और बैठक करेंगे। बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सरकार ने एक प्रस्ताव भेजा, उस पर चर्चा हुई और संयुक्त किसान मोर्चा के सभी सदस्यों के सामने पेश किया गया। उन्होंने कहा है कि सरकार के प्रस्ताव में कहा गया है कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग पर एक समिति का गठन करेगी। इस समिति में एसकेएम के बाहर के किसान संगठन, सरकारी अधिकारी और राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

सरकार के पत्र पर टिकैत ने उठाए सवाल

सरकार के प्रस्ताव पर राकेश टिकैत ने सवाल उठाये हैं। उन्‍होंने कहा कि चिट्ठी पर कौन विश्‍वास करेगा? राकेश टिकैत ने कहा, "सरकार की ओर से प्रस्ताव दिया गया था कि सारी बातें मान ली जाएंगी आप उठ जाइए। MSP पर कमेटी बनाएंगे। परंतु कुछ स्पष्ट नहीं है। केस वापसी को लेकर प्रस्ताव है कि केस वापस ले लिए जाएंगे, आप उठ जाइए। लेकिन चिट्ठी पर कौन विश्वास करेगा?"

‘केस तुरंत वापस होंगे तो  वापस होगा आंदोलन’

किसान नेता अशोक धावले ने कल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि केस तुरंत वापस होंगे तो आंदोलन वापस होगा। धावले ने कहा कि सरकार आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को मुआवजा देने को भी तैयार है। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार पंजाब सरकार की तर्ज पर आंदोलन में मारे गए प्रत्येक किसान के परिजनों को 5 लाख रुपये और एक सरकारी नौकरी देती है, तो ही उन किसानों के परिवारों के प्रति इसे कुछ हद तक न्याय माना जाएगा।

'तीन शर्तें मंजूर नहीं'

किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि केंद्र सरकार आंदोलन में मारे गए किसानों एवं अन्य लोगों के परिजनों के लिए मुआवजे का ऐलान करे। उन्होंने कहा, 'सरकार के प्रस्ताव की 3 शर्तें मंजूर नहीं हैं। साथ ही MSP की कमेटी में सिर्फ किसान मोर्चा के ही नेता हों। '

 

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