मकर संक्रांति एक ऐसा त्योहार है जिसमें आकाश में सिर्फ पतंगे ही पतंगे दिखाई देती है। क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इस दिन पतंगबाजी क्यों की जाती है? तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि मकर संक्राति पर पतंग उड़ाने के पीछे क्या मान्यता है?
Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने साफ शब्दों में स्पष्ट किया है कि पतंग उड़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है, क्योंकि यह हमारी संस्कृति और विरासत का एक हिस्सा है।
Chinese Manjha Death: दिल्ली में एक बाइक सवार युवक का गला चाइनीज मांझे से कट गया। 30 वर्षीय सुमीत रंगा सोमवार शाम को बुराड़ी स्थित अपनी हार्डवेयर शॉप से घर के लिए रोहिणी जा रहा था।
मेट्रो सुरक्षा कर्मचारियों एवं पुलिस की सक्रियता के फलस्वरूप उक्त इलाकों में मेट्रो कॉरिडोर के नज़दीक पतंगबाज़ी की घटनाएं कम हो गईं।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में दो गुटों में सिर्फ इसलिए मारपीट हो गई, क्योंकि एक न दूसरे की पतंग काट दी थी। घटना शहर के पॉश इलाके सिविल लाइंस की है।
वर्तमान सरकार ने इससे पहले यह प्रतिबंध हटाने की घोषणा की थी लेकिन अधिकारियों ने प्रतिबंध लगे रहना ही लोगों के हित में है।
गुजरात में उत्तरायण महोत्सवों के दौरान पतंग की डोर से गला कट जाने के कारण एक बच्चे सहित तीन लोगों की मौत हो गई।
आसमान में उड़ रही पतंग पूरी दुनिया को बता रही थी कि भारत और इज़राइल की दोस्ती लगातार मजबूत हो रही है...
NGT ने अपने आदेश में नायलॉन और किसी भी अन्य सिंथेटिक पदार्थ से बने मांझा पर प्रतिबंध लगा दिया है जिनका विघटन जैविक तरीके से संभव नहीं है
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