मॉनसून सत्र की शुरुआत से ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है और किसी भी दिन सुचारू रूप से कामकाज नहीं हो पाया है।
मिजोरम में रह रहा मेइती समुदाय हाल के घटनाक्रमों से काफी डरा हुआ है और अपने गृह राज्य की तरफ पलायन कर रहा है।
मणिपुर वीडियो कांड में अब तक सात आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं इनमें वो शख्स भी है जिसने निर्वस्त्र महिलाओं की परेड का वीडियो बनाया था। अब केन्द्र सरकार ने हलफनामा दाखिल करके सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि चार्जशीट दाखिल होने के बाद 6 महीने के अंदर सुनवाई पूरी करने के निर्देश दिये जाएं।
मणिपुर में 4 मई को महिलाओं के साथ हुई दरिंगदी के मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है। इसका वीडियो वायरल होने के बाद राज्य में एक बार फिर तनाव बढ़ गया था।
मणिपुर मुद्दे को लेकर राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। राहुल ने कहा कि पीएम मणिपुर मुद्दे को लेकर कुछ नहीं बोलेंगे क्योंकि वे RSS के कुछ चुनिंदा लोगों के ही प्रधानमंत्री हैं।
विपक्षी दलों के सांसदों को मणिपुर भेजा जाएगा, जहां वो 29-30 जुलाई को हिंसाग्रस्त मणिपुर का दौरा करेंगे। इस बाबत तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
उद्धव ठाकरे ने कहा, मैं राष्ट्रपति महोदया से अनुरोध करता हूं कि आप एक महिला हैं, इसलिए देश में जो चल रहा है उस पर आपकी क्या भूमिका होगी? ठाकरे ने यही सवाल मणिपुर की राज्यपाल उइके से भी पूछे।
मणिपुर में हिंसा का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। मोरेह में आज सुबह से फायरिंग हो रही है। जानकारी के मुताबिक 20 घरों में आग लगा दी गई है।
मणिपुर मुद्दे को लेकर संसद मॉनसून सत्र में रोज ठप ही रही है और हमने इसी मुद्दे पर जनता की राय जानने की कोशिश की है।
मणिपुर हिंसा के दौरान दो महिलाओं को नग्नावस्था में घुमाए जाने और उनके साथ हुए दुर्व्यहार व दुष्कर्म की घटनाओं पर पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन का बयान सामने आया है। पाकिस्तान के एक संवाददाता के सवाल पर ह्वाइट हाउस ने मणिपुर मामले पर दुख के साथ पीएम मोदी पर भरोसा भी जताया है।
मणिपुर के कांगपोकपी जिले में कुछ उपद्रवियों ने सुरक्षा बलों की 2 बसों को आग के हवाले कर दिया। सूबे में 3 मई के बाद शुरू हुई हिंसा अभी भी पूरी तरह थम नहीं पाई है।
मणिपुर मुद्दे को लेकर सरकार और संसद में गतिरोध बना हुआ है और अब तक मॉनसून सत्र में हंगामे के अलावा कुछ भी नहीं हुआ है।
मणिपुर में हुई हिंसा के बाद मिजोरम में भी इसकी चिंगारी देखने को मिल रही है और जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
संसद में जहां मणिपुर के मुद्दे पर गतिरोध बना हुआ है वहीं इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अधीर रंजन चौधरी और मल्लिकार्जुन खरगे को चिट्ठी लिखकर सदन में होनेवाली चर्चा में सहयोग की अपील की है।
मणिपुर में हिंसक वारदातों के बीच इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। अब राज्य सरकार ने इंटरनेट से आंशिक प्रतिबंध हटा दिया है लेकिन मोबाइल इंटरनेट पर बैन जारी रहेगा।
मणिपुर हिंसा मामले में म्यांमार के एक वीडियो को यहां का बताकर वायरल किया जा रहा है। इसे वायरल करने वाले आरोपियों को पुलिस आइपी एड्रेस के आधार पर तलाश रही है। जिस वीडियो को वायरल कर नफरत फैलाई जा रही है, उसमें महिला की हत्या करते दिखाया गया है। जबकि ये वीडियो फर्जी है।
म्यांमार में सेना और नागरिक बलों के बीच लंबे समय से जारी संघर्ष के चलते 700 से ज्यादा लोगों ने सीमा पार कर मणिपुर में अवैध रूप से प्रवेश किया है।
इस मामले के सामने आने के बाद सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा था कि इस घटना के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान चलाया जा रहा है और जल्द ही सभी की गिरफ्तारी कर ली जाएगी।
सस्पेंशन के बाद संजय सिंह संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के निकट धरने पर बैठ गए। कुछ अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने भी उनके समर्थन में नारेबाजी की। उन्होंने ‘निलंबन वापस लो’ के नारे लगाए।
मणिपुर में जारी हिंसक वारदातों की चर्चा विधानसभा के मानसून सत्र तक पहुंच गई है। सदन में विपक्ष ने सत्तापक्ष को घेरा तो गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष को दो टूक जवाब दिया है।
संपादक की पसंद