सोनू सूद प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। अब उन्होंने केरल में फंसी लड़कियों की भी मदद की है।
श्रमिक विशेष ट्रेनों में लोगों की मौत की खबरों के मद्देनजर उन्होंने लोगों से अपील की कि यदि वे पहले से ही स्वास्थ्य संबंधी किसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो वे इन ट्रनों में यात्रा नहीं करें।
सोनू सूद प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। वो सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव हैं।
अवनीश अवस्थी ने बताया, ‘‘ट्रेनों और बसों से प्रवासी कामगारों को वापस लाने का पूरा अभियान अगले दो-तीन दिन में समाप्त हो जाएगा। अभी तक करीब 26 से 27 लाख प्रवासी लौटे हैं।’’
शुक्रवार को यूपी सरकार विभिन्न औद्योगिक संगठनों के साथ बड़े करार करने जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपने गृह नगर जाने की कोशिश कर रहे प्रवासी मजदूरों की समस्याओं से हम व्यथित हैं। हमारे ध्यान में आया है कि रजिस्ट्रेशन, परिवहन और भोजन एवं पेयजल की व्यवस्था में कई कमियां हैं।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि लॉकडाउन के बीच अपने घर वापस वापस लौट रहे प्रवासी श्रमिकों की बदहाली यह जाहिर करती है कि केंद्र और राज्य सरकारों को उनकी कोई फिक्र नहीं है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 80 प्रतिशत प्रवासी मज़दूर यूपी और बिहार के हैं। 1 से 27 मई के बीच 3700 श्रमिक ट्रेनें चलाई गईं और 50 लाख प्रवासी मज़दूरों को अब तक शिफ़्ट किया जा चुका है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार पर गरीबों के दर्द का अहसास नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि मजदूरों को मुफ्त परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के साथ ही गरीब परिवारों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) की तत्काल वित्तीय मदद की जाए।
लुधियाना से 350 किलोमीटर पैदल चलकर राज्य में अपने घर जा रहे 19 वर्षीय एक प्रवासी कामगार की सहारनपुर में कथित तौर पर भूख से मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भेजा है।
झारखंड के 180 प्रवासी मजदूर एयर एशिया की उड़ान से बृहस्पतिवार को सुबह 8:15 बजे मुंबई से वापस रांची आएंगे।
विकास खन्ना मशहूर शेफ हैं। वो कई रिएलिटी शोज में भी नज़र आ चुके हैं।
कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन के आलोक में देश के विभिन्न राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के करीब 18 लाख लोगों को 1337 श्रमिक ट्रेनों के माध्यम से प्रदेश में वापस लाया जा चुका है ।
उद्धव ठाकरे की सरकार ने 145 ट्रेनों की मांग की थी और रेलवे ने इन ट्रेनों को तैयार भी रखा, लेकिन महाराष्ट्र सरकार की ओर से तैयारी नहीं थी। ट्रेन में जाने वाले यात्रियों की न तो पूरी लिस्ट तैयार थी और न ही मजदूरों को स्टेशन तक पहुंचाने के लिए बसों के इंतजाम थे।
महाराष्ट्र से 93 श्रमिक विशेष ट्रेनों से 1.35 लाख प्रवासी मजदूर अपने-अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गये हैं। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
गुजरात से आ रहे दरभंगा के लाल बाबू कामती की मौत मंगलवार को भागलपुर में हुई। मंगलवार को ही मुंबई से बेगूसराय आ रहे काजी अनवर की बरौनी में मौत हो गई।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रवासी मजदूरों की स्थिति पर चिंता जताई है।
कोरोना संकट के चलते महाराष्ट्र और अन्य राज्यों से प्रवासी श्रमिका का उत्तर प्रदेश आना जारी है। मंगलवार तक यूपी आने वाले श्रमिकों का आंकड़ा 26 लाख को पार कर गया है।
गोयल ने कहा कि मैं महाराष्ट्र सरकार से अपील करता हूं कि वह पूर्ण सहयोग करें ताकि मुश्किल में फंसे प्रवासियों को उनके घर तक पहुंचाना सुनिश्चित किया जा सके।
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