विदेशी फार्मा कंपनी फाइजर और मॉडर्ना ने दिल्ली सरकार को भी वैक्सीन देने से इनकार कर दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि दोनों कंपनियों ने हमें सीधे वैक्सीन बेचने से मना कर दिया है। आपको बता दें कि इससे पहले मॉडर्ना ने पंजाब सरकार को भी यही जवाब दिया था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी कंपनी फाइजर और मॉडर्ना ने दिल्ली सरकार को टीके बेचने से मना कर दिया है क्योंकि वे केंद्र से सीधे तौर पर बात करना चाहती हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि अमेरिका दूसरे देशों को फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन के टीकों की 2 करोड़ खुराकें देगा।
अमेरिका के नियामकों ने 12 से 15 साल तक की उम्र के बच्चों को ‘फाइजर’ का कोविड-19 रोधी टीका लगाने का फैसला किया है, ताकि स्कूल वापस जाने पर वे सुरक्षित हों और उनकी सामान्य गतिविधियां भी शुरू हो सकें।
फाइजर और बायोएनटेक ने यूरोपीय संघ के दवा नियामकों से 12 से 15 साल की उम्र के बच्चों के लिए कंपनियों के कोरोना वायरस टीके को मंजूरी देने का अनुरोध किया है।
ब्रिटेन में हुए एक नए अध्ययन में कहा गया है कि देश में फिलहाल लगाए जा रहे ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका या फाइजर/बायोएनटेक के टीके की पहली खुराक के बाद ही संक्रमण का खतरा करीब 65 प्रतिशत तक कम हो जाता है।
फाइजर ने दावा किया है कि फाइजर-बायोएनटेक कोविड-19 टीका बारह से पंद्रह साल के बच्चों पर 100 फीसदी असरदार है। बता दें कि अमेरिका में 16 वर्ष और उससे अधिक उम्र के युवाओं को फाइजर की वैक्सीन दी जा रही है।
यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के डाटा के मुताबिक, बुधवार सुबह तक अमेरिका में लगभग 6.6 करोड़ लोगों को कोविड-19 टीका लग चुका है।
कोरोना वायरस से रोकथाम के लिए दुनिया के कई देशों में टीकाकरण अभियान जोरों पर है। इस काम के लिए विभिन्न कंपनियों द्वारा बनाई गईं कोरोना वैक्सीन की मदद ली जा रही है।
फाइजर-बायोएनटेक कोविड-19 की केवल एक खुराक से ही उन लोगों में प्रभावी असर दिखाई देता है जो पूर्व में इस महामारी से संक्रमित हुए थे।
फाइजर का कोविड वैक्सीन लगने के बाद होने वाले असर की रिपोर्ट करने वाले लोगों पर ब्रिटेन में अध्ययन हुआ है।
फाइजर ने शुक्रवार को कहा कि उसने भारत में अपने COVID-19 वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (EUA) के लिए अपना आवेदन वापस लेने का फैसला किया है।
भारत में हालांकि अभीतक Pfizer की वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी गई है। भारत में 16 जनवरी शनिवार से वैक्सीनेशन शुरू हो रहा है और देश में निर्मित वैक्सीन Covishield तथा Covaxin के इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है।
कोविड-19 महामारी का प्रकोप करीब साल भर पहले शुरू होने के बाद से लगभग 200 टीकों को विकसित करने का काम जारी है।
दुनियाभर में कई कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है और कई देशों में लोगों को वैक्सीन देने का काम शुरू हो चुका है। इसी बीच 3 जनवरी को कोरोना वैक्सीन लेने के बाद एक डॉक्टर की मौत हो गई।
Coronavirus Vaccine Side Effects: भारत में आठ जनवरी को उत्तर प्रदेश और हरियाणा को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सभी जिलों में कोविड-19 वैक्सीनेशन का ड्राई रन किया जाएगा। हालांकि, वैक्सीन के साइड इफेक्ट के तमाम केस आए दिन सामने आ रहे हैं।
पुर्तगाल में फाइजर की कोरोनावायरस वैक्सीन का डोज लेने के दो दिनों के बाद सोनिया नाम की एक स्वास्थ्य कर्मी की मौत हो गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना की वैक्सीन Pfizer-BioNTech को इमरजेंसी उपयोग की इजाजत दे दी है।
अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक कंपाउंडर (पुरुष नर्स) देश में आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमोदित फाइजर वैक्सीन की पहली खुराक प्राप्त करने के आठ दिन बाद कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं।
अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक कंपाउंडर (पुरुष नर्स) देश में आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमोदित फाइजर वैक्सीन की पहली खुराक प्राप्त करने के आठ दिन बाद कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं।
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