सीएक्यूएम के नए निर्देशों में कहा गया है हालांकि, ऐसे उद्योग अपनी तकनीकी आवश्यकताओं के आधार पर उपयुक्त प्रौद्योगिकी उन्नयन और आवश्यक वायु प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों की स्थापना के जरिए 50 मिलीग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के उत्सर्जन स्तर का लक्ष्य रखेंगे।
प्रदूषण के बढ़ते हालात को देखते हुए बीएमसी ने एक अहम कदम उठाया है। बीएमसी एक खास मशीन का इस्तेमाल करने जा रही है। इस मशीन के जरिए ना सिर्फ प्रदूषण में रोकथाम की जा सकेगी बल्कि मशीन से मिलने वाले डाटा से आने वाले समय में कई अहम बिंदुओं पर काम भी किया जाएगा।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार रविवार की शाम वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘गंभीर’ श्रेणी में 459 पर दर्ज किया गया था।
एक दिन पहले शुक्रवार को 427 के साथ एक्यूआई 'गंभीर' हो गया था। पीएम10 प्रमुख प्रदूषक बना हुआ है। बताया जा रहा है कि अगले कुछ दिनों के दौरान बारिश होने से इसमें कुछ कमी आ सकती है।
मौसम विभाग ने अनुमान लगाया था कि शुक्रवार यानि आज हवा की गति बढ़ेगी। इसके साथ ही मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों में कोहरा छाया रहेगा। मौसम विभाग का कहना है कि अगले दो-तीन दिनों में पारा और कुछ डिग्री गिरने का अनुमान है।
शनिवार को दिल्ली में AQI बेहद खराब श्रेणी में था, लेकिन रविवार को इसमें कुछ सुधार हुआ है। रविवर को AQI बहुत खराब से खिसक कर खराब श्रेणी में पहुंच गया।
रविवार को दिल्ली का AQI 256 दर्ज किया गया है, जो कुछ सुकून देने वाला है। यह जानकारी वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (सफर) ने दी। शनिवार को दिल्ली का AQI 281 दर्ज किया गया था।
दिल्ली में तीन दिन बाद हवा की गुणवत्ता एक बार फिर खराब से बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है। इससे पहले छह दिसंबर को दिल्ली की हवा बेहद खराब श्रेणी में थी।
अगर आप लंबे समय से सूखी खांसी से परेशान हैं तो आप कुछ आयुर्वेदिक उपायों को अपनाकर इसे छुटकारा पा सकते हैं जिससे आपको खांसी की जलन और जकड़न से राहत मिल सकती है।
जब प्रदूषण बढ़ता है तब स्मॉग की वजह से हवा में धुंध की एक परत बना देता है, जिसके कारण सांस लेना भी दूभर हो जाता है।
दिल्ली में रहने वाले लोग इस साल फिर प्रदूषण की समस्या से जुझ रहे है। ऐसे में इतने सालों में इस समस्या का समाधान अब तक क्यो नही हो पाया इसे लेकर दिल्ली और इस संबंध में जो भी जिम्मेदार है उनसे सवाल पूछे जाने चाहिए।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक हवा को जहरीली बनाने में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत तक बढ़ गई है। इससे प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है।
ब्रिटेन के ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र सीओपी-26 के राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्ष सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रधानमंत्री मोदी 2070 तक शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य दिया था
इस वक्त लखनऊ की सड़कों पर सब तरफ धुंध छाई हुई है। प्रदूषण इतना है कि सांस लेना मुश्किल है। डॉक्टरों का कहना है कि दिवाली पर जलाए गए पटाखों की वजह से हुए प्रदूषण के कारण मरीज़ों की तादाद बढ़ गई है।
दिल्ली में यमुना नदी में प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा है। यमुना के पानी में प्रदूषण की वजह से झाग की मोटी परत बनी हुई है और अमोनिया का स्तर पर बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है।
किसानों का बड़ा वोट बैंक है, जो किसी भी नेता को कोई ठोस कदम लेने से रोकता है। पराली जलाने वालों के खिलाफ दिखाने के लिए मामले तो दर्ज किए जाते हैं लेकिन सियासत में होने वाले नुकसान को न होने देने के लिए पर्यावरण को नुकसान होने दिया जाता है।
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भारत ने 2030 तक अपनी ऊर्जा जरूरतों का 50 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त करने, कार्बन उत्सर्जन में एक अरब टन की कटौती करने, कार्बन गहनता में 45 प्रतिशत तक कटौती करने का भी लक्ष्य रखा है।
अगर आप अस्थमा पेशेंट हैं तो दीवाली में खुद को प्रदूषण से बचाने के लिए कुछ आसान टिप्स आपके काम आ सकते हैं।
अनुमान के अनुसार कार्बन उत्सर्जन घटाने के प्रयासों से भारत को वर्ष 2015 से 2030 के बीच 106 गीगावॉट से अधिक ऊर्जा बचाने में मदद मिलेगी और 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में 1.1 अरब टन की कटौती होगी।
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