बिहार में सत्ताधरी जनता दल (युनाइटेड) की मंगलवार को एक आवश्यक बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में इस साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (यूनाइटेड) भले ही मिलकर सरकार चला रहे हैं, लेकिन एक-दूसरे दलों के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, जदयू प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन नेताओं के बयान से काफी नाराज बताए गए हैं। पार्टी में आम राय बनती जा रही है कि अगर ये दोनों नेता पार्टी छोड़कर चले जाएं तो अच्छा होगा।
जदयू की स्टार प्रचारकों की लिस्ट में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, बिहार जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, केसी त्यागी, आरसीपी सिंह, ललन सिंह सहित 20 नेताओं के नाम शामिल हैं।
चुनाव आयोग ने दिल्ली में विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम का ऐलान कर दिया है। राजधानी में 8 फरवरी को मतदान होगा और 11 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे।
JDU के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने रविवार को कहा कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को बीजेपी के मुकाबले ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए।
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने शनिवार को यहां पार्टी अध्यक्ष तथा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बंद कमरे में हुई बैठक के बाद कहा कि वह नये नागरिकता कानून को लेकर अपने रुख पर कायम हैं।
जनता दल यूनाइटेड के उपाध्यक्ष और चुनावों के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के दौरान अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की है।
लोकसभा और राज्यसभा में जनता दल (यू) ने नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन किया था, जिसके बाद से पार्टी के नेत प्रशांत किशोर नाराज चल रहे हैं।
जनता दल युनाइटेड के उपाध्यक्ष एवं राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से हाथ मिला लिया है।
नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) को समर्थन देने के मामले में जद (यू) के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर पार्टी की चेतावनी के बाद भी अपने रुख से पीछे नहीं हटे हैं। उन्होंने शुक्रवार को एकबार फिर नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है।
नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 भले ही लोकसभा और राज्यसभा में पास हो गया है, परंतु इस विधेयक को समर्थन देने के कारण बिहार में सत्ताधारी जनता दल (युनाइटेड) में शुरू हुआ विरोध विराम नहीं ले पाया है।
जनता दल (यू) द्वारा लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किये जाने पर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने सोमवार को निराशा जाहिर की।
बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सरकार चला रही जनता दल (युनाइटेड) ने झारखंड में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। जेडीयू अपने उपाध्यक्ष और राजनीति के जाने-माने रणनीतिकार प्रशांत किशोर की रणनीति के भरोसे मैदान फतह करने की जुगत में है।
भाजापा की पश्चिम बंगाल ईकाई ने रविवार को चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम पर राज्य सरकार के अधिकारियों के कामकाज में हस्तक्षेप करने और वरिष्ठ अधिकारियों पर उनका आदेश मानने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया।
पश्चिम बंगाल में 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस द्वारा चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की कथित तौर पर सेवाएं लेने की आलोचना करते हुए भाजपा ने कहा है कि वह अमित शाह (भाजपा अध्यक्ष) से बड़े रणनीतिकार नहीं हैं।
2014 के आम चुनाव में भाजपा की शानदार जीत के बाद सुर्खियों में आए प्रशांत किशोर ने बाद में कई राजनीतिक दलों के साथ काम किया। वह पिछले साल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) में उपाध्यक्ष के तौर पर शामिल हुए, लेकिन उन्होंने एक चुनावी रणनीतिकार के रूप में काम करना जारी रखा।
चुनावी रणनीतिकार और जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ काम करने की खबरों पर अब जेडीयू की प्रतिक्रिया आई है।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अब आधिकारिक तौर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ काम करना शुरू कर देंगे। वह एक महीने के बाद ममता बनर्जी के लिए चुनावी रणनीति तैयार करने का काम करेंगे।
लोकसभा चुनाव 2014 में नरेंद्र मोदी के लिए शानदार चुनावी अभियान की जिम्मेदारी संभालने से लेकर नीतीश कुमार की पार्टी के डिप्टी बनने वाले प्रशांत किशोर राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव की किताब के जरिए उठा विवाद बढ़ता जा रहा है।
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