भारत और अमेरिका क्वाड को और मजबूत करने पर सहमत हुए हैं। दोनों देशों ने क्वाड आतंकवाद विरोधी कार्यों में प्रगति के लिए आपसी सहयोग को लेकर अपना संकल्प दोहराया है।
क्वाड ग्रुप की अध्यक्षता साल 2024 में भारत करने जा रहा है। क्वाड के आगामी सम्मेलन को लेकर अमेरिकी सरकार काफी उत्साहित दिख रही है। व्हाइट हाउस ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि पिछले तीन साल में क्वाड ने कई सफलताएं हासिल की है।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत के साथ अमेरिका की मजबूत साझेदरी की बात कही। उन्होंने कहा कि अमेरिका "परमाणु चालित पनडुब्बियों के उत्पादन के लिए ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के साथ काम कर रहा है।
भारत-अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के क्वाड इन्वेस्टर्स नेटवर्क की चीन पर नजर टेढ़ी हो गई है। क्वाड नेटवर्क ने उच्च प्रौद्योगिक क्षेत्र में चीन से खतरा जाहिर किया है। मतलब साफ है कि हाई टेक्नोलॉजी के क्षेत्रों में आने वाले समय में चीन की बाजार को बड़ा झटका लग सकता है। क्वाड के साथ ही दूसरे देश चीन से परहेज करेंगे।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनजीए) की बैठक से अलग भारत, अमेरिकी, ऑस्ट्रेलिया और जापान के विदेश मंत्रियों ने क्वॉड मीटिंग में हिस्सा लिया। इस दौरान क्वॉड ने चीन का नाम लिए बगैर उसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में गुस्ताखी करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। यूक्रेन युद्ध के समाधान और यूएनएससी में विस्तार पर चर्चा की।
भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान का चतुर्भुज सुरक्षा संवाद संगठन (क्वाड) चीन और उत्तर कोरिया जैसे देशों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। अब चारों देशों की सेनाएं 11 से 21 अगस्त तक समुद्र में उथल-पुथल मचाने जा रही हैं। चारों देशों की नौसेना संयुक्त अभ्यास के लिए पूरी तरह तैयार है।
क्विन के चेयरमैन कार्ल मेहता और नेटवर्क के विशेष सलाहकार एलेक्स ट्रूमैन हाल ही में जापान में हुई क्वाड बैठक के बाद और पीएम नरेंद्र मोदी की राजकीय अमेरिका यात्रा से पहले यहां वाशिंगटन डीसी में बाइडन प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक करने पहुंचे हैं।
जापान के जी-7 शिखर सम्मेलन में बतौर जी-20 अध्यक्ष शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी दुनिया को वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए 10 सूत्री कार्ययोजना का अहम मंत्र दिया।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकप्रियता के मामले में दुनिया के सभी नेताओं को पीछे छोड़ दिया है। लगातार वह लोकप्रियता में अव्वल साबित हो रहे हैं। पीएम मोदी का जीवन, कार्यशैली और अंदाज ही ऐसा है कि वह हर किसी को कायल बना देता है। इसीलिए दुनिया के ताकतवर देशों के मुखिया भी पीएम मोदी से बेहद लगाव रखते हैं।
आखिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि बाइडन को अचानक यात्रा रद्द करना पड़ा। जानते हैं कि अमेरिका की आर्थिक स्थिति पर क्या संकट आया है, इससे अमेरिका को और खासकर वहां रहने वालों को क्या प्रभाव पड़ेगा। बैठक स्थगित होने पर चीन ने क्या कहा।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के कारण आस्ट्रेलिया की राजधानी सिडनी में होने वाली क्वाडीलैट्रल सिक्योरिटी डॉयलाग (क्वाड) देशों की बैठक रद्द कर दी गई है। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी शामिल होना था। बता दें कि भारत, आस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान समेत चार देश क्वाड के सदस्य हैं।
जो बाइडेन 24 मई को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में 'इन-पर्सन क्वाड लीडर्स समिट' में हिस्सा लेंगे। यहां बाइडेन जापान के पीएम फुमियो किशिदा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज से मिलेंगे।
चीन के विदेश मंत्री छिन कांग ने रविवार को अपने जापानी समकक्ष योशिमासा हयाशी से आग्रह किया कि वह बीजिंग के खिलाफ अमेरिका द्वारा प्रौद्योगिकी के संबंध में लगाए गए प्रतिबंधों का समर्थन करके किसी ‘खलनायक‘ की मदद ना करें। हिंद प्रशांत को लेकर अमेरिकी रणनीति का समर्थन करने के लिए जापान के खिलाफ चीन की आलोचना के बीच दोनों नेत
जापानी विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने क्वाड पर कहा कि यह एक सैन्य समूह नहीं है। हम किसी को (चीन सहित) बाहर करने की कोशिश नहीं करते हैं। जब तक चीन अंतरराष्ट्रीय मानदंडों और कानूनों का पालन करता है तब तक यह चीन और क्वाड के बीच परस्पर विरोधी मुद्दा नहीं है।
क्वाडिलैट्रल सिक्योरिटी डायलॉग (क्वाड) यानि की चतुर्भुज सुरक्षा संवाद का हिस्सा बनने के बाद से भारत और आस्ट्रेलिया के बीच दोस्ती की डोर और भी अधिक मजबूत हुई है। भारत और आस्ट्रेलिया के साथ ही साथ अमेरिका और जापान भी क्वाड के हिस्से हैं। क्वाड के गठन से सर्वाधिक चिंता चीन को हुई है।
माइक पोम्पिओ ने अपनी किताब में बताया है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन किस तरह क्वाड में भारत को शामिल करने में कामयाब रहा।
भारत-अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया के क्वाडिलैट्रल सिक्योरिटी डॉयलाग (क्वाड) से चीन घबरा गया है। क्वाड देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे पर शिकंजा कसने के लिए विशेष योजना बनाई है। इससे ड्रैगन को पसीना आना शुरू हो गया है।
Action Against Cybercrime: देश-दुनिया में लगातार साइबर अपराधों में बढ़ोत्तरी हो रही है। ऐसे में इसे सख्ती से रोके जाने की जरूरत है। मगर अब तक साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए कोई मजबूत तंत्र विकसित नहीं हो सका है। अब क्वाडिलैट्रल सिक्योरिटी डॉयलॉग (क्वाड) देशों ने इसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की योजना बनाई है।
China's Warning to Bangladesh on Quad: चीन ने बांग्लादेश को नसीहत देते हुए कहा कि वह गुटबाजी की राजनीति से दूर रहे।
China vs QUAD: हाल ही में जापान में हुई चार देशों के समूह क्वाड की बैठक से चीन बौखलाया हुआ है। क्वाड से चीन की घबराहट जगजाहिर है। अमेरिका से घबराया चीन अब क्वाड के सदस्य देश आस्ट्रेलिया को घेरने की कोशिश कर रहा है।
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