राम सिर्फ एक नाम नहीं हैं ..राम एकता और अखंडता के प्रतीक हैं...तो फिर क्यों कुछ लोगों ने राम को राजनीति का साधन बनाया ?
जो व्यवस्था सबको समानता के नाम पर बनाई गई थी, अगर वो व्यवस्था देश में असमानता की स्थिति पैदा करे तो इसमें सुधार जरूरी है..
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