WHO के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस घेब्रेयेसस के गुजराती बोलने से सभा में मौजूद लोगों ने भी तालियों से उनका स्वागत किया तो इस घटना का वीडियो भी लोगों के दिलों के छू गया है। सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो रहा है।
WHO चीफ ने कहा कि वैश्विक स्तर पर वायरस के और स्वरूप आने से इंकार नहीं कर सकते हैं।’’ हालांकि, घेब्रेयियस ने जोर देकर कहा, ‘हम कोविड-19 महामारी को दिए गए वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल के दर्जे को खत्म कर सकते हैं और यह हम इसी साल कर सकते हैं।’’
डब्ल्यूएचओ की महामारी विज्ञानी डॉ. मारिया वान केरखोव ने एक ट्वीट में कहा, ओमिक्रॉन आम कोल्ड नहीं है। उन्होंने कहा, हालांकि कुछ रिपोर्टों में डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन की वजह से अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम कम होता है, फिर भी बहुत से लोग संक्रमित हैं।
ओमिक्रॉन पहले के कुछ प्रकारों की तरह घातक नहीं लगता और जो लोग इससे बचे रहे हैं उन्हें टीके से वायरस के उन अन्य रूपों के खिलाफ सुरक्षा मिलेगी जो अभी फैल रहे हैं- और शायद अगला वेरिएंट कोई आता है तो उससे भी उबरने के लिए मदद मिलेगी।
डब्ल्यूएचओ ने शनिवार को कहा है कि 89 देशों में ओमीक्रोन स्वरूप की पहचान की जा चुकी है और यह उन स्थानों पर डेल्टा स्वरूप की तुलना में तेजी से फैलता है और सामुदायिक प्रसारण वाले क्षेत्रों में इसके मामलों की संख्या 1.5 से 3 दिनों में दोगुनी हो रही है।
WHO के मुताबिक 77 देशों में अब तक ओमिक्रॉन फैल चुका है। ओमिक्रॉन की वजह से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या और मृत्यु दर में तेजी आएगी।
WHO ने सभी देशों से ओमिक्रॉन को रेकने के लिए उचित कदम उठाने की अपील की है स्वास्थ्य संगठन ने इस बात की भी चिंता जताई है कि अकेले टीकाकरण से कोई भी देश इस संकट से बाहर नहीं निकल सकता है।
उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर वयस्क और वृद्ध आबादी की तुलना में बच्चों में संक्रमण के मामले दो से तीन गुना अधिक हैं। बता दें कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट Omicron का कम्युनिटी स्प्रेड शुरु हो गया है।
ओमिक्रॉन की गंभीरता, जोखिम और प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए अध्ययन चल रहे हैं। प्रारंभिक परीक्षणों से पता चला है कि यह वैरिएंट अन्य के मुकाबले काफी तेजी से फैल सकता है, जिससे जल्दी ही मामलों में वृद्धि हो सकती है।
डब्ल्यूएचओ ने दुनिया भर के अन्य देशों से अपील की कि वे ओमिक्रॉन को लेकर चिंता के कारण दक्षिण अफ्रीकी देशों से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध नहीं लगाएं। अफ्रीका के लिए डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक मात्शिदिसो मोएती ने देशों से यात्रा प्रतिबंधों का उपयोग करने से बचने के लिए विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों का पालन करने का आह्वान किया।
यूरोप में एक बार फिर कोरोना महामारी ने अपना कहर बरपाना शुरु कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि पिछले सप्ताह यूरोप में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
WHO ने संक्रमण से सुरक्षा के उपायों में कमी और वैक्सीन से मामूली बीमारियां सामने आने के बढ़ते साक्ष्यों का हवाला दिया है और कहा कि कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों समेत सबसे अधिक संवेदनशील आबादी को वैक्सीन की बूस्टर खुराक देने में प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यूरोप के भीतर सबसे अधिक नए मामले रूस, जर्मनी और ब्रिटेन से आए है। साथ ही रेखांकित किया कि नॉर्वे में मौतों में 67 प्रतिशत और स्लोवाकिया में 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
समीक्षा बैठक के दौरान फैसला किया गया था कि टीके के वैश्विक उपयोग के मद्देनजर अंतिम लाभ-जोखिम मूल्यांकन के लिए निर्माता से अतिरिक्त स्पष्टीकरण मांगे जाने की जरूरत है।
इस बीच दुनियाभर में कोविड महामारी के कारण हर हफ्ते हो रही मौतों के आंकड़ों में लगातार गिरावट आने लगी है और अब साप्ताहिक कोरोना मृत्यु दर करीब एक वर्षों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुकी है।
डब्ल्यूएचओ का यह ट्वीट उसकी मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन के यह कहने के एक दिन बाद आया है कि एजेंसी का तकनीकी सलाहकार समूह 26 अक्टूबर को भारत के कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग सूची में सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए बैठक करेगा।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि 700 से ज्यादा आवेदनों में से चयन किए गए समूह के 26 प्रस्तावित सदस्यों के पास महामारी विज्ञान से लेकर जैव सुरक्षा तक कई क्षेत्रों में विशेषज्ञता है।
कोवैक्सीन को डब्लूएचओ की मंजूरी मिलने की खबरें पहले भी आई हैं। जुलाई में ही बताया गया था कि कोवैक्सीन को अगले कुछ हफ्तों में हरी झंडी मिलने वाली है। हालांकि, तब ऐसा नहीं हुआ।
यूएई के इस फैसले से भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, वियतनाम, नामीबिया, जाम्बिया, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, युगांडा, सिएरा लियोन, लाइबेरिया, दक्षिण अफ्रीका, नाइजीरिया और अफगानिस्तान से आने वाले यात्रियों को राहत मिलेगी।
बता दें कि अमेरिका में कोरोना बेकाबू होता जा रहा है। यहां मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां कोरोना से बचने के लिए अब जनता को बूस्टर डोज दिया जा रहा है।
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