Monday, April 29, 2024
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ज्ञानवापी मामले में बड़ी खबर, व्यास जी के तहखाने में पूजा का अधिकार मिला

काशी के ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष को व्यासजी के तहखाने में पूजा करने का अधिकार मिल गया है। वाराणसी की जिला अदालत ने सात दिनों के अंदर व्यवस्था कराने का निर्देश दिया है।

Reported By : Ruchi Kumar, Vishal Pratap Singh Edited By : Niraj Kumar Updated on: January 31, 2024 16:47 IST
ज्ञानवापी परिसर- India TV Hindi
Image Source : PTI ज्ञानवापी परिसर

वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में हिदू पक्ष को व्यास जी के तहखाने में पूजा का अधिकार मिल गया है। वाराणसी की जिला कोर्ट ने हिंदू पक्ष में यह फैसला सुनाया है। जिला कोर्ट ने जिला प्रशासन को आदेश दिया है कि वह सात दिनों के अंदर इसकी व्यवस्था बनाए। ज्ञानवापी में व्यास जी का तहखाना मस्जिद के निचले हिस्से में है। कोर्ट के आदेश के बाद अब यहां नियमित पूजा अर्चना होगी। नवंबर 1993 तक यहां पूजा-पाठ किया जाता था।

सात दिनों के अंदर शुरू होगी पूजा

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सात दिनों के अंदर पूजा शुरू हो जाएगी। और यहां सभी को पूजा करने का अधिकार होगा।

दिसंबर 1993 के बाद ज्ञानवापी के प्रांगण में बेरिकेट वाले क्षेत्र में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई थी जिसके बाद से व्यास जी के तहखाने में पूजा नहीं हो रही थी। राग-भोग संस्कार भी रुक गए थे। हिंदू पक्ष ने कोर्ट में इस बात का भी दावा किया कि ब्रिटिश शासन काल में भी यहां पूजा होती थी। हिंदू धर्म की पूजा से संबंधित सामग्री और बहुत सी प्राचीन मूर्तियां और धार्मिक महत्व की अन्य सामग्री उक्त तहखाने में मौजूद है।

काशी विश्वनाथ ट्रस्ट कराएगा पूजा का कार्य

जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने तहखाने में पूजा पाठ करने का अधिकार व्यास जी के नाती शैलेन्द्र पाठक को दे दिया है। जिला जज ने अपने आदेश में जिलाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा है कि वादी शैलेन्द्र व्यास तथा काशी विश्वनाथ ट्रस्ट द्वारा तय किये गए पुजारी से व्यास जी के तहखाने में स्थित मूर्तियों की पूजा और राग भोग कराए जाने की व्यवस्था सात दिन के भीतर कराएं। पूजा कराने का कार्य काशी विश्वनाथ ट्रस्ट करेगा। ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने के समक्ष बैठे नंदी महाराज के सामने लगी बैरीकेडिंग को हटाकर रास्ता खोला जाएगा। 

ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने में पूजा-पाठ किये जाने संबंधी आवेदन पर जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में दोनों पक्ष की तरफ से मंगलवार को बहस पूरी कर ली थी। हिन्दू पक्ष का कहना था कि नवंबर 1993 तक सोमनाथ व्यास जी का परिवार उस तहखाने में पूजा पाठ करता था, जिसे तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार के शासनकाल में बंद करा दिया गया था और अब वहां फिर से हिंदुओं को पूजा का अधिकार मिलना चाहिये। इस पर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि व्यास जी का तहखाना मस्जिद का हिस्सा है लिहाजा उसमें पूजा-पाठ की अनुमति नहीं दी जा सकती। (इनपुट-भाषा)

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