Saturday, April 27, 2024
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कौशांबी में शख्स ने एक-एक कर जैकेट से निकाले 7 साइबेरियन पक्षियों के शव, Video देख दहल जाएगा दिल

साइबेरियन के अलावा अलवारा झील में आने वाले लालसर, सुरखाब, हंस, कैमा और नकटा आदि प्रजाति के पक्षियों का भी शिकार किया जा रहै है। खुलेआम हो रहे शिकार से पक्षी विहार के कर्मियों की कार्यशैली को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: January 02, 2024 11:07 IST
शख्स ने साइबेरियन...- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV शख्स ने साइबेरियन पक्षियों के शवों को जैकेट में छिपा रखा था

अपनी जान बचाने के लिए सात समंदर पार कर यूपी के कौशांबी जिले के अलवारा झील आने वाले साइबेरियन पक्षियों का ठिकाना भी अब सुरक्षित नहीं रह गया है। विदेशों से आने वाले इन प्रवासी पक्षियों का शिकार कर मास के शौकीनों को महंगे दाम में बेच देते हैं। यही कारण है कि इन पक्षियों की संख्या लगतार घट रही है। पुलिस ने सोमवार सुबह अरुण कुमार नाम के एक शिकारी को 7 साइबेरियन पक्षियों के शवों के साथ गिरफ्तार किया है। इस घटना का एक वीडियो वायरल है रहा है। हालांकि वीडियो में अरुण इन पक्षियों को शिकारी से खरीदने की बात कह रहा है। सब से बड़ी बात यह है कि जिला प्रशासन इनकी सुरक्षा को लेकर आज भी गंभीर नहीं दिख रहा।

पकड़े गए शख्स ने जैकेट में छिपा रखे थे पक्षी

महेवाघाट कोतवाली क्षेत्र के अलवारा झील में सोमवार सुबह अरुण कुमार नाम के एक शिकारी को पुलिस ने 7 साइबेरियन पक्षियों के साथ पकड़ा। पुलिस पूछताछ में अरुण ने बताया कि उसने अलवारा गांव के ही रहने वाले एक शिकारी से प्रति एक साइबेरियन पक्षी को 125 रुपये में खरीदा है। पकड़े जाने के बाद अरुण अपने जैकेट में से एक के बाद एक 7 साइबेरियन मृत पक्षियों को निकालता है जो वायरल वीडियो में देखा जा सकता है। महेवाघाट पुलिस ने वन विभाग के रेंजर की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है और अरुण को अलवारा गांव ले जाकर शिकारियों का पहचान कराने की कोशिश कर रही है। हालांकि अभी तक शिकारियों की पहचान नहीं हो पाई है।

साइबेरियन के अलावा इस झील में आने वाले पक्षियों लालसर, सुरखाब, हंस, कैमा और नकटा आदि प्रजाति के पक्षियों का शिकार किया जा रहा है। खुलेआम हो रहे शिकार से पक्षी विहार के कर्मियों की कार्यशैली को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

झील में डालते हैं जहर मिला अनाज

अलवारा झील में मेहमान साइबेरियन पक्षियों की सुरक्षा के लिए सरकारी स्तर से किए जा रहे प्रयास विफल साबित हो रहे हैं। झील के किनारे रहने वाले गांव शाहपुर, महेवाघट, मुबारकपुर, घोघपुरवा समेत अनेक गांवों के शिकारी रात को जहर में मिला अनाज झील के पानी में होने वाले पुरैन के पत्तों पर रख देते हैं जिसको पक्षियों के द्वारा खाए जाने पर या तो पक्षी बेहोश हो जाते है या फिर उनकी मृत्यु हो जाती है। इसके अलावा शिकारी रात में जाल डाल कर शिकार करने के बाद दिन में इन्हें बेचने का कार्य करते है। हजारों किमी दूर से चलकर यह पक्षी इस झील में पहुंचते हैं। वहीं शिकारी जहरीली दवाओं का प्रयोग करके पक्षियों का शिकार करने से परहेज नहीं करते। पक्षियों के शिकार पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून तो बना है परंतु मौके पर प्रभाव नहीं दिख रहा है। इससे झील की जैव संपदा के नष्ट होने का खतरा पैदा हो रहा है।

डीएफओ ने क्या कहा?

डीएफओ आर.एस यादव ने बताया, सूचना मिली है कि अलवारा झील पर पक्षियों का शिकार किया गया है। वन जीव अधिनियम के सुसंगत धाराओं के अनुसार जो पकड़े गए हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहां पर शिकार न होने पाए और इस तरह की स्थिति आती है तो सूचना पर लगातार वहां बीच-बीच में ग्रामीणों के साथ गोष्टी की जाती है और उनको जानकारी भी जाती है। आगे उन्होंने कहा, अगर किसी प्रकार का कोई अपराध करता है तो उसमें वन विभाग को और पुलिस को सूचना दें, इसके उपरांत कुछ होता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है।

(रिपोर्ट- अयमान अहमद)

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