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यूसुफ पठान से पार पाएंगे अधीर रंजन? बहरामपुर से 5 बार रहे सांसद, लेकिन इस बार राह आसान नहीं

बंगाल की बहरामपुर सीट पर कांग्रेस और टीएमसी उम्मीदवारों के बीच मुकाबला रोचक हो सकता है। यहां से पांच बार सांसद रहे कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के लिए ये चुनाव जीतना आसान नहीं होने वाला है। वहीं, बीजेपी ने यहां से निर्मल कुमार साहा को टिकट दिया है।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : Apr 23, 2024 13:36 IST, Updated : Apr 23, 2024 13:39 IST
अधीर रंजन चौधरी VS यूसुफ पठान- India TV Hindi
Image Source : PTI अधीर रंजन चौधरी VS यूसुफ पठान

पश्चिम बंगाल में मुर्शिदाबाद जिले की बहरामपुर लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। क्षेत्र में बेरोजगारी और श्रमिकों के राज्य से पलायन की समस्या के बीच इस सीट से पांच बार सांसद रहे कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के लिए ये चुनाव जीतना आसान नहीं होने वाला है। ऐसा मालूम हो रहा है कि कांग्रेस इस क्षेत्र में सत्ता विरोधी लहर से जूझ रही है। तृणमूल कांग्रेस यानी TMC ने इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार अधीर रंजन चौधरी को चुनौती देने के लिए गुजरात से पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को मैदान में उतारा है। 

मैदान में भाजपा के निर्मल कुमार साहा  

अधीर रंजन चौधरी 1999 से इस सीट से लगातार सीट हासिल करते आ रहे हैं। यूसुफ पठान के अलावा अधीर रंजन का मुकाबला भाजपा के निर्मल कुमार साहा से भी है, जो इस क्षेत्र के लोकप्रिय डॉक्टर हैं। इस सीट के लिए 13 मई को वोटिंग होनी है। स्थानीय व्यापारी सुधीर सेनगुप्ता ने बताया, "हालांकि, हम अधीर दा को अपना नेता मानते हैं, लेकिन हमें पिछले दशक में बहरामपुर के विकास में उनकी अपेक्षित भागीदारी नहीं दिखी। हमें उनसे बहुत उम्मीदें थीं।"

पिछले 55 सालों से बहरामपुर शहर के अमर चक्रवर्ती रोड में रह रहे लक्ष्मण हजारी का कहना है कि ऐसा लगता है कि इस जिले की पहचान देश के बाकी हिस्सों में सस्ते कुशल श्रमिकों की आपूर्ति करने वाले क्षेत्र के तौर पर बन गई है। इस लोकसभा क्षेत्र में 7 विधानसभा क्षेत्र हैं और तृणमूल 2021 के राज्य विधानसभा चुनावों में उन 7 में से 6 सीट पर जीत हासिल करने में कामयाब रही थी और केवल एक सीट-बहरामपुर विधानसभा क्षेत्र में उसे भाजपा से हार का सामना करना पड़ा था। 

बहरामपुर में कितनी मजबूत है कांग्रेस की पकड़? 

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि लगातार पांच जीत के बावजूद, अधीर रंजन बहरामपुर में कांग्रेस की पकड़ मजबूत बनाए रखने में विफल रहे हैं। पार्टी न केवल विधानसभा चुनावों में पिछड़ गई, बल्कि पिछले पंचायत और निकाय चुनावों में भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। हालांकि, तृणमूल उम्मीदवार यूसुफ पठान ने बहरामपुर में मतदाताओं के एक वर्ग के बीच कुछ उत्साह पैदा किया है, लेकिन विशेषज्ञों ने इस पर संदेह व्यक्त किया है कि इसका कितना हिस्सा वोट में तब्दील होगा। 

कांग्रेस नेता ने पठान को उम्मीदवार बनाने के लिए तृणमूल की आलोचना करते हुए कहा कि यह कदम वास्तव में भाजपा को मदद करेगा और यह तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी का ‘‘प्रधानमंत्री मोदी को परोक्ष रूप से मैत्री संदेश’’ भेजने का एक तरीका है। उन्होंने कहा, ‘‘पठान को आम लोगों का सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण करने और भाजपा की मदद करने के लिए उम्मीदवार के रूप में चुना गया, ताकि कांग्रेस को हराया जा सके।’’ 

आईपीएल फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलकर बंगाल से जुड़े रहने वाले पठान ने अपनी जीत का भरोसा जताया है। इलाके में ‘डॉक्टर बाबू’ के नाम से जाने जाने वाले भाजपा उम्मीदवार डॉ. निर्मल कुमार साहा ने कहा कि लोगों के बीच उनके समर्थन को नजरअंदाज करना एक बड़ी गलती होगी। 

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