Saturday, April 27, 2024
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नेपाल ने मिलाया चीन के सुर में सुर, ड्रैगन के इस कदम का किया समर्थन

नेपाल ने हांगकांग के लिए चीन के नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का समर्थन किया है। वहीं अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी ब्लॉक ने संयुक्त रूप से बीजिंग के कदम को अंतर्राष्ट्रीय संधियों का सीधा उल्लंघन बताया है। 

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 04, 2020 9:55 IST
Nepal backs China's new law for Hong Kong to crush dissent- India TV Hindi
Image Source : AP Nepal backs China's new law for Hong Kong to crush dissent

काठमांडू: नेपाल ने हांगकांग के लिए चीन के नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का समर्थन किया है। वहीं अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी ब्लॉक ने संयुक्त रूप से बीजिंग के कदम को अंतर्राष्ट्रीय संधियों का सीधा उल्लंघन बताया है। मीडिया के सवालों के जवाब में नेपाली सरकार ने बुधवार को चीनी कानून का समर्थन किया, जिसका उद्देश्य स्वायत्त हांगकांग में सभी असंतोष को दबाने का है।

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विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता भरत राज पौडयाल ने कहा, नेपाल अपनी एक चीन नीति को दोहराता है और हांगकांग को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का अभिन्न अंग मानता है। यह तर्क देते हुए कि शांति, कानून और व्यवस्था का रखरखाव एक राष्ट्र की प्राथमिक जिम्मेदारी है, उन्होंने कहा, नेपाल किसी भी देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने की नीति में यकीन करता है और हांगकांग में कानून-व्यवस्था को लेकर चीन की कोशिशों का समर्थन करता है।

चीन के नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया समेत दुनिया के अन्य देशों ने विरोध किया है। इन देशों की ओर से विरोध जताने के कुछ समय बाद ही नेपाल की ओर से यह बयान सामने आया है।

संयोग से नेपाल ने हाल ही में भारत के खिलाफ भी आक्रामक रुख अपनाया है। उसने एक नया राजनीतिक मानचित्र जारी किया है, जिसमें लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी शामिल हैं, जो भारतीय क्षेत्र का हिस्सा रहे हैं।

इस बीच हांगकांग में लोग 1989 में हुए थियानमेन चौक नरसंहार की बरसी मना रहे हैं। चीनी सेना द्वारा किए गए इस भयानक नरसंहार में कितने लोगों की जान गई थी, यह आज तक सही-सही पता नहीं चल पाया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने हांगकांग में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते लोगों के इकट्ठा होने पर बैन लगा दिया है, लेकिन इसके बावजूद लोग छोटे समूहों में चीन की सरकार द्वारा किए गए इस भयानक नरसंहार की बरसी मनाने से हटने को तैयार नहीं हैं। हांगकांग से आ रही खबरों के मुताबिक, लोग रात को छोटे समूहों में मोमबत्तियां जलाएंगे और उस नरसंहार में जान गंवाने वाले लोगों को याद करेंगे।

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