Saturday, April 27, 2024
Advertisement

Bilawal Bhutto: बिलावल भुट्टो ने पाकिस्तान के नए विदेश मंत्री के रूप में शपथ ली, सामने होंगी ये चुनौतियां

Bilawal Bhutto: बिलावल के विदेश मंत्री बनने की अटकलें काफी पहले से ही थीं। लेकिन जब बिलावल पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ से मिलने लंदन गए तो इन अटकलों को और हवा मिली और ये चर्चा तेज हो गई कि बिलावल को विदेश मंत्रालय दिया जा सकता है।

Rituraj Tripathi Edited By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Updated on: December 16, 2022 14:57 IST
Bilawal Bhutto- India TV Hindi
Image Source : ANI Bilawal Bhutto

Highlights

  • बिलावल भुट्टो बने पाकिस्तान के नए विदेश मंत्री
  • पीएम शहबाज शरीफ की मौजूदगी में ली शपथ
  • पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बेटे हैं बिलावल

Bilawal Bhutto: पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने आज यानी 27 अप्रैल को पाकिस्तान के विदेश मंत्री के रूप में शपथ ले ली है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी ने उन्हें शपथ दिलाई है। बिलावल (Bilawal Bhutto) की बहन बख्तावर भुट्टो ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। बिलावल पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार में अब अहम जिम्मेदारी को संभालेंगे। 

गौरतलब है कि बिलावल (Bilawal Bhutto) के विदेश मंत्री बनने की अटकलें काफी पहले से ही थीं। लेकिन जब बिलावल पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ से मिलने लंदन गए तो इन अटकलों को और हवा मिली और ये चर्चा तेज हो गई कि बिलावल को विदेश मंत्रालय दिया जा सकता है।

शहबाज शरीफ की गठबंधन सरकार में पीपीपी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी

बता दें कि पाकिस्तान में 11 अप्रैल को शहबाज शरीफ ने नए पीएम के रूप में शपथ ली थी। उनकी गठबंधन सरकार में पीपीपी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। यहां ये भी ध्यान रखना जरूरी है कि बिलावल भुट्टो पाकिस्तान की पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बेटे हैं। 

जिस समय बिलावल को विदेश मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई, उस समय पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ भी वहां मौजूद थे। इसके अलावा बिलावल के पिता और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी भी राष्ट्रपति भवन में हुए इस शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहे।

विदेश मंत्री बनने के बाद बिलावल के सामने होंगी बड़ी चुनौतियां

बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) को विदेश मंत्रालय मिलने के बाद उनकी चुनौतियां भी बढ़ गई हैं। यूक्रेन और चीन को लेकर बिलावल को अपनी रणनीति पर काम करना होगा। अमेरिका से फिर से अच्छे संबंध स्थापित करना भी बिलावल के लिए एक बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि इससे पहले इमरान सरकार के दौरान अमेरिका से पाकिस्तान के रिश्ते खराब हो गए थे।

इसके अलावा चीन के साथ सीपीईसी प्रोजेक्ट को लेकर क्या फैसला होगा, इस पर भी बिलावल को तमाम सवालों के जवाब देने होंगे। बता दें कि बिलावल भारत को लेकर अपने आक्रामक रुख के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने साल 2016 में पीएम मोदी के लिए विवादित बयान भी दिया था। ऐसे में यह भी देखना होगा कि भारत को लेकर बिलावल की क्या रणनीति रहती है। 

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement