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Pfizer Vaccine: ब्रिटेन के नियामक ने 12-15 साल के किशोरों के लिए फाइजर के टीके को मंजूरी दी

ब्रिटेन के औषधि नियामक ने 12 से 15 साल के किशोरों के लिए फाइजर-बायोएनटेक के कोविड-19 रोधी टीके को शुक्रवार को मंजूरी देते हुए कहा कि यह टीका सुरक्षित और प्रभावी है तथा किसी जोखिम की तुलना में फायदे अधिक हैं।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : Jun 04, 2021 08:35 pm IST, Updated : Jun 04, 2021 08:42 pm IST
ब्रिटेन के नियामक ने 12-15 साल के किशोरों के लिए फाइजर के टीके को मंजूरी दी - India TV Hindi
Image Source : AP ब्रिटेन के नियामक ने 12-15 साल के किशोरों के लिए फाइजर के टीके को मंजूरी दी 

लंदन। ब्रिटेन के औषधि नियामक ने 12 से 15 साल के किशोरों के लिए फाइजर-बायोएनटेक के कोविड-19 रोधी टीके को शुक्रवार को मंजूरी देते हुए कहा कि यह टीका सुरक्षित और प्रभावी है तथा किसी जोखिम की तुलना में फायदे अधिक हैं। ब्रिटेन में अब तक 16 या इससे अधिक उम्र के लोगों के लिए कोविड-19 रोधी टीकों को मंजूरी दी गयी थी। दवा और स्वास्थ्य सुविधा उत्पाद नियामक एजेंसी (एमएचआरए) ने कहा है कि कम उम्र समूह के लोगों में सुरक्षा और प्रभाव को लेकर ‘‘गहन समीक्षा’’ और इस नतीजे के बाद यह फैसला किया गया कि किसी जोखिम की तुलना में टीके के फायदे ज्यादा हैं।

एमएचआरए की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ जून रैने ने बताया, ‘‘हमने 12 से 15 साल के बच्चों पर टीके के क्लीनिकल ट्रायल के आंकड़ों की सावधानीपूर्वक समीक्षा की और इस नतीजे पर पहुंचे कि फाइजर-बायोएनटेक का कोविड-19 रोधी टीका इस उम्र समूह के लिए सुरक्षित और प्रभावी है तथा किसी जोखिम की तुलना में फायदे ज्यादा हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ब्रिटेन में मंजूरी प्राप्त सभी टीकों को लेकर समग्र सुरक्षा निगरानी रणनीति है और इस निगरानी में 12-15 उम्र समूह को भी शामिल किया जाएगा। सुरक्षा, गुणवत्ता और प्रभाव को लेकर अपेक्षित मानकों को पूरा किए बिना अनुमति नहीं दी जाएगी।’’

एमएचआरए ने कहा कि टीकाकरण पर संयुक्त समिति (जेसीवीआई) अब फैसला करेगी कि क्या इस उम्र समूह को टीके दिए जाएंगे या नहीं। नियामक ने कहा कि टीके से कोई नए दुष्प्रभाव नहीं दिखे हैं। वयस्कों में अधिकतर मामलों में प्रतिकूल प्रभाव के हल्के से लेकर मध्यम स्तर तक के मामले आए और ये थकान या बांह में सूजन आने से संबंधित थे। ब्रिटेन के कमीशन ऑन ह्यूमन मेडिसीन (सीएचएम) के अध्यक्ष प्रोफेसर पीर मोहम्मद ने कहा कि प्रायोगिक परीक्षण में 12-15 आयु वर्ग के 2,000 से ज्यादा बच्चों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि सीएचएम के बाल चिकित्सा विशेष परामर्श समूह ने भी इन आंकड़ों पर गौर किया।

स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि अब जेसीवीआई इस पर सलाह देगी कि टीकाकरण कार्यक्रम में 12 से 17 साल के बच्चों को शामिल किया जाए या नहीं। ब्रिटेन में दिसंबर 2020 में 16 और 17 साल के किशोरों के लिए फाइजर-बायोएनटेक टीके को मंजूरी दी गयी थी। जेसीवीआई के मौजूदा परामर्श के मुताबिक कोविड-19 की अत्यंत जोखिम वाली श्रेणी में आने पर 16 साल से 18 साल तक के युवाओं को टीके दिए जा सकते हैं।

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