Sunday, April 28, 2024
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इजरायल-हमास युद्ध पर जयशंकर का बड़ा बयान, "आतंकवाद अस्वीकार्य"; मगर फिलिस्तीन को लेकर रोम में कही ये बात

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजरायल-हमास युद्ध को लेकर अपना रुख दुनिया के सामने फिर से स्पष्ट कर दिया है। विदेश मंत्री ने भारत के स्टैंड को क्लियर करते हुए कहा कि आतंकवाद हमें अस्वीकार्य है और हमें इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए। मगर यहां फिलिस्तीन का भी मुद्दा है, उसकी भी समस्याओं का समाधान होना चाहिए।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: November 03, 2023 9:16 IST
एस जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री। - India TV Hindi
Image Source : AP एस जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री।

इजरायल-हमास युद्ध को लेकर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रोम में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि "आतंकवाद अस्वीकार्य है, मगर फिलिस्तीन के मुद्दे का भी समाधान किया जाना चाहिए। उन्होंने यह बात रोम सीनेट के विदेश मामलों और रक्षा आयोग के संयुक्त सचिव सत्र में कही।  जयशंकर ने कहा कि 7 अक्टूबर को आतंकवाद का जो सबसे बड़ा प्रहार हुआ, उसके बाद जो हो रहा है वह सब उसी की प्रतिक्रिया है। इसने पूरे देश को अलग दिशा में पहुंचा दिया है। मगर निश्चित रूप से हर किसी व्यक्ति को यह उम्मीद होनी चाहिए कि यह विवाद खत्म होगा और क्षेत्र में कुछ सहयोग के बाद शांति और स्थिरता आएगी।

उन्होंने कहा कि विभिन्न विवादों को लेकर संतुलन बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने यह बात इजरायल-फिलिस्तीन विवाद में नई दिल्ली की स्थिति को दोहराते हुए कहा। मगर यहां आतंकवाद से जुड़ा मामला है। हमें आतंकवाद बिलकुल अस्वीकार्य है। हमें इसके खिलाफ खड़ा होना होगा। मगर यहां फिलिस्तीन का भी मुद्दा है। इसलिए फिलिस्तीन के उस मुद्दे का भी समाधान किया जाना चाहिए, जो वहां के लोग झेल रहे हैं। उन्होंने मध्य-पूर्व में चल रहे दो देशों के विवाद के संकट को खत्म करने के लिए संवाद और बातचीत की जरूरत पर जोर दिया। 

संघर्ष और आतंकवाद से नहीं खोज सकते मुद्दों का समाधान

जयशंकर ने कहा कि हमारा मत है कि यह समाधान दो देशों के बीच होना चाहिए। अगर समाधान खोजना है आप इसे तो संवाद और वार्ता के जरिये ही हासिल कर सकते हैं। आप इसे द्वंद और आतंकवाद के जरिये नहीं पा सकते। इसलिए हम संवाद और वार्ता का समर्थन करेंगे। मौजूदा स्थिति को देखते हुए हमारा मानना है कि मानवता के कानून का सम्मान किया जाना चाहिए। किसी भी विषम परिस्थिति में संतुलन न रखना, बुद्धिमानी नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा फिलिस्तीन की संप्रभुता, स्वतंत्रता और व्यवहार्य देश होने की वकालत की है, जो इजरायल के साथ शांति से रहे। 

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