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कतर में इजरायली हमले के बाद बुरी तरह डरा तुर्की, अगला टारगेट अंकारा होने का सता रहा खतरा

तुर्की को इजरायल से बड़ा खतरा सता रहा है। उसे डर है कि इजरायल कतर की तरह तुर्की पर भी हवाई हमला न कर दे।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Sep 14, 2025 11:39 am IST, Updated : Sep 14, 2025 11:41 am IST
रेसेप तैय्येप एर्दोगन, तुर्की के राष्ट्रपति। - India TV Hindi
Image Source : AP रेसेप तैय्येप एर्दोगन, तुर्की के राष्ट्रपति।

इस्तांबुल: कतर में हमास अधिकारियों की बैठक पर इजरायली सेना के हमले के बाद तुर्की बुरी तरह घबरा गया है। दोहा में इजरायल के हवाई हमले के बाद तुर्की में यह चिंता गहराती जा रही है कि अगला निशाना वह खुद बन सकता है। तुर्की रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रियर एडमिरल जेकी अकतूर्क ने बृहस्पतिवार को अंकारा में चेतावनी दी कि इजरायल “कतर में किए गए लापरवाह हमलों को और भी बढ़ा सकता है और पूरे क्षेत्र यहां तक कि अपने ही देश को तबाही की ओर ले जा सकता है।”

इजरायल और तुर्की का कैसा है रिश्ता

इजरायल और तुर्की कभी क्षेत्रीय साझेदार थे, लेकिन 2000 के दशक के अंत में उनके संबंध बिगड़ गए। 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने जब दक्षिणी इजरायल पर अचानक आतंकी हमला कर दिया तो इसके बाद इजरायल ने गाजा पर बदले की कार्रवाई शुरू कर दी। इसके बाद इजरायल-हमास युद्ध शुरू हो गया। गाजा युद्ध के बाद से इजरायल और तुर्की के संबंध पहले से और अधिक निचले स्तर पर पहुंच गए।

सीरिया में प्रभाव जमाने की होड़

हाल ही में सीरिया में बशर अल-असद सरकार के पतन के बाद इजरायल और तुर्की में दमिश्क में अपना प्रभाव जमाने की होड़ लगी है। इसने तनाव को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन लंबे समय से फिलिस्तीन की मांगों और हमास का समर्थन करते रहे हैं। उन्होंने गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से इजरायल और विशेष रूप से प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की तीखी आलोचना की है, इजरायल पर नरसंहार का आरोप लगाया है और नेतन्याहू की तुलना हिटलर से की है।

हमास के टॉप लीडरों का पनाहगाह है तुर्की

तुर्की हमास के टॉप लीडरों का पनाहगाह बना हुआ है। हमास के अधिकांश लीडर अक्सर तुर्की आते हैं और कुछ वहां रह रहे हैं। इजरायल पहले भी तुर्की पर आरोप लगा चुका है कि वह हमास को हमलों की योजना बनाने, भर्ती करने और फंडिंग के लिए अपनी ज़मीन का इस्तेमाल करने दे रहा है। एर्दोगन कतर के नेताओं के करीबी हैं और तुर्की की उस अमीरात से मजबूत सैन्य और व्यापारिक साझेदारी है। वे इस सप्ताहांत कतर में अरब और मुस्लिम नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं।

इजरायल की बढ़ती पहुंच से तुर्की को चिंता 

ईरान, सीरिया, यमन और अब कतर की जमीन पर इजरायली हमलों के बाद अंकारा इस बात को लेकर चिंतित है कि इजरायल आसानी से पड़ोसी देशों के हवाई क्षेत्र का उपयोग कर हमले कर रहा है। ट्रेंड्स रिसर्च एंड एडवाइजरी में तुर्की प्रोग्राम के निदेशक सेरहात सुहा चुबुकचुओग्लू कहते हैं, “इजरायल की यह क्षमता कि वह क्षेत्रीय वायु रक्षा और अंतरराष्ट्रीय मानकों को दरकिनार कर हमले कर सके, अंकारा को गहराई से चिंतित करती है। उन्होंने कहा कि तुर्किये इस स्थिति को “इजरायली रणनीति के हिस्से के रूप में देखता है, जो अपने चारों ओर कमजोर या शांत राज्यों का एक बफर ज़ोन बनाने की कोशिश कर रहा है।”

तुर्की औक इजरायल में कौन ज्यादा ताकतवर

कतर जैसे अमेरिका के करीबी सहयोगी पर हमला कर इजरायल ने एक "अकल्पनीय सीमा" पार कर दी है। इससे यह सवाल भी खड़ा हुआ है कि वह हमास के ठिकानों को निशाना बनाने में कितनी दूर तक जाएगा। नाटो सदस्य होने के कारण तुर्की को इजरायली हमले से अधिक सुरक्षा प्राप्त हो सकती है, जबकि कतर केवल अमेरिका का करीबी साझेदार है। तुर्की की सैन्य ताकत भी खाड़ी के देशों की तुलना में कहीं अधिक है। यह नाटो में अमेरिका के बाद सबसे बड़ी सैन्य शक्ति है और उसका रक्षा उद्योग भी काफी उन्नत है। (एपी) 

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