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मंगल पर जीवन को लेकर आई बड़ी खबर, ​इस ग्रह पर जिंदा रह सकते हैं चूहे, वैज्ञानिकों ने किया दावा

मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाओं को लेकर बड़ी बड़ी रिसर्च की जा रही हैं। इसी बीच अमेरिका में नेब्रास्का विवि के वैज्ञानिकों ने शोध में दावा किया कि मंगल ग्रह के वातावरण में चूहे रह सकते हैं। जानिए पूरा मामला।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Oct 26, 2023 07:59 am IST, Updated : Oct 26, 2023 07:59 am IST
शोध: मंगल ग्रह पर जिंदा रह सकते हैं चूहे- India TV Hindi
Image Source : FILE शोध: मंगल ग्रह पर जिंदा रह सकते हैं चूहे

Rats on MARS: भारत के पड़ोसी ग्रह मंगल पर जीवन की संभावनाओं को लेकर लगातार वैज्ञानिक रिसर्च चल रही हैं। इसी बीच मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाओं को लेकर बड़ी खबर आई है। वैज्ञानिकों के अनुसार इस ग्रह पर चूहे जिंदा रह सकते हैं। वैज्ञानिकों को इसके लिए दक्षिण अमेरिकी देश चिली और अर्जेंटीना के अटाकामा के पठार में ज्वालामुखियों के बेहद शुष्क और हवा से बहने वाले शिखरों में कुछ चूहे मिले हैं। अटाकामा के पठार का वातावरण और कम तापमान की कंडीशन मंगल ग्रह से सबसे ज्यादा मिलती जुलती धरती की जगह है। स्टडी में वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है कि यहां के चूहे मंगल ग्रह पर जिंदा रह सकते हैं। 

शोधकर्ताओं ने बदली मंगल पर जीवन की पुरानी थ्योरी

समुद्र तल से 6 हजार मीटर से ज्यादा की ऊंचाई के बारे में विशेषज्ञों ने निष्कर्ष निकाला था कि ऐसी जगहों पर स्तनधारी जीवन संभव नहीं है। अब शोधकर्ताओं का कहना है कि मुश्किल वातावरण में चूहों के कंकाल मिलने ने इस पुरानी थ्योरी को बदल दिया है। अमेरिका के प्रोफेसर जे स्टोर्ज और उनके साथी पर्वतारोही मारियो पेरेज ममानी ने 2020 की शुरुआत में चिली-अर्जेंटीना सीमा पर फैले ज्वालामुखी लुल्लाइलाको की 22000 फीट ऊंची चोटी के ऊपर एक पत्ती-कान वाले चूहे के जिंदा होने का सबूत पाया था। इससे पहले इतनी ज्यादा ऊंचाई पर कभी कोई स्तनपायी जीव नहीं पाया गया था।

मुश्किल एट्मॉस्फियर में भी जिंदा रह सकते हैं चूहे

स्टडी लिखने वाले प्रोफेसर स्टोर्ज ने कहा, हमारी खोज के बारे में सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि स्तनधारी ऐसे दुर्गम, मंगल जैसे वातावरण में ज्वालामुखियों के शिखर पर रह सकते हैं। प्रशिक्षित पर्वतारोही यहां जाते हैं तो अपनी ट्रेनिंग के चलते एक दिन इतनी ऊंचाई को सहन कर लेते हैं। ये चूहे अपना जीवन इसी वातावरण में गुजरा देते हैं, यह इस बात को दर्शाता है कि छोटे स्तनधारियों की सहनशीलता को अब तक कम करके आंका गया है। 

नेब्रास्का विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने की रिसर्च

अमेरिका के नेब्रास्का विवि के अनुसार प्रोफेसर स्टॉर्ज और उनकी टीम ने चट्टानों की खोज शुरू की तो चूहों की ममियां मिलीं। 21 ज्वालामुखियों की जांच की गई। 6 हजार से अधिक हाइट वाले ज्वाला​मखियों में 13 चूहों के कंकाल मिले। कार्बनडेटिंग से पता चला कि इनमें से कुछ चूहों के अवशेष दशक पुराने थे। इससे ये सवाल सामने आया कि स्तनधारी चट्टान और बर्फ की बंजर दुनिया में कैसे रह सकते हैं, जहां तापमान शून्य से ऊपर नहीं होता है और ऑक्सीजन भी बेहद कम होता है। प्रोफेसर स्टोर्ज ने कहा कि ये तो स्पष्ट लगता है कि चूहे अपनी मर्जी से वहां पहुंचे थे। अटाकाम की दुर्गम जलवायु मं इन चूहों की मौजूदगी से यह स्पष्ट हो रहा है कि इसी तरह की मिलते जुलते वातावरण के कारण चूहों के मंगल ग्रह के वातावरण में जीवित रह सकते हैं।

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